उत्तर प्रदेश

सरकारी जनरेटर में महीनों से नहीं था डीजल, डायलिसिस बीच में रुकी और युवक ने तोड़ा दम

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के जिला अस्पताल में डायलिसिस के दौरान एक युवक की दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा तब हुआ जब अस्पताल की बिजली चली गई और जनरेटर स्टार्ट ही नहीं हुआ क्योंकि उसमें महीनों से डीजल नहीं डाला गया था। मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है। यह मामला कोतवाली देहात थाना क्षेत्र का है। 26 वर्षीय सरफराज, फूलसुंदा गांव का रहने वाला था और वह पिछले एक साल से डायलिसिस के लिए अस्पताल आ रहा था। घटना वाले दिन भी वह नियमित डायलिसिस के लिए आया था लेकिन बिजली कटते ही मशीन बंद हो गई और उसे दोबारा चालू नहीं किया जा सका जिससे उसकी जान चली गई।

मृतक की मां ने बताया कि अस्पताल में न तो इंजेक्शन उपलब्ध था और न ही कोई व्यवस्था। उन्हें इंजेक्शन बाहर से लाकर देना पड़ा लेकिन अस्पताल स्टाफ ने इंजेक्शन लगाने में भी लापरवाही की। स्टाफ एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालते रहे और कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। अस्पताल की लाइट व्यवस्था भी बेहद खराब थी। जनरेटर महीनों से खराब पड़ा था क्योंकि उसमें डीजल ही नहीं था। इस लापरवाही की वजह से दो मासूम बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया।

सरकारी जनरेटर में महीनों से नहीं था डीजल, डायलिसिस बीच में रुकी और युवक ने तोड़ा दम

CDO की जांच में खुली अस्पताल की पोल

घटना की जानकारी मिलते ही मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अस्पताल पहुंच गए और उन्होंने मौके पर ही जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि डायलिसिस सेंटर एक प्राइवेट एजेंसी ‘संजीवनी’ के जरिए PPP मोड पर चल रहा है और इस एजेंसी को साल 2020 में टेंडर दिया गया था। सेंटर में सफाई की स्थिति बेहद खराब पाई गई। ना तो कोई स्थायी डॉक्टर मौजूद था और ना ही पर्याप्त तकनीशियन या स्टाफ नर्स। जनरेटर में महीनों से डीजल नहीं डाला गया था जिससे आपातकाल में बिजली सप्लाई नहीं हो सकी। डीएम जसजीत कौर ने कहा कि सीडीओ की रिपोर्ट आने के बाद एजेंसी पर एफआईआर और ब्लैकलिस्ट की कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही अस्पताल के प्राचार्य और संबंधित स्टाफ के खिलाफ भी शिकायत की गई है।

किसान नेता ने उठाई हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग

भारतीय किसान अपोलिटिकल संगठन के युवा नेता दिगंबर सिंह ने इस मौत को हत्या करार दिया है और मांग की है कि इस मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए। उन्होंने कहा कि बिजनौर का स्वास्थ्य तंत्र पूरी तरह फेल हो गया है और आम जनता की जिंदगी खतरे में है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि मृतक परिवार को न्याय नहीं मिला और दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे जिला मुख्यालय पर धरना देंगे। यह घटना पूरे जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलती है और प्रशासन की गंभीर लापरवाही को उजागर करती है।

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