डीएफओ मनेंद्रगढ़ मनीष कश्यप “Nexus of Good“ अवॉर्ड्स से सम्मानितगोंडवाना मरीन फॉसिल पार्क को राष्ट्रीय स्तर पर मिली नई पहचान

एमसीबी. जिले के लिए गौरव का क्षण तब आया जब वन मंडल अधिकारी (DFO) मनेंद्रगढ़ श्री मनीष कश्यप को दिल्ली में आयोजित “Nexus of Good Foundation Awards 2025” से सम्मानित किया गया। यह प्रतिष्ठित सम्मान उन्हें एशिया के सबसे बड़े और लगभग 29 करोड़ वर्ष पुराने गोंडवाना मरीन फॉसिल पार्क को विकसित कर उसे राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए प्रदान किया गया। पर्यावरण संरक्षण श्रेणी में चयनित दर्जनों नवाचारों के बीच श्री कश्यप के अभिनव कार्य को विशेष सराहना मिली।

Nexus of Good Foundation देशभर के सेवारत एवं सेवानिवृत्त IAS और IPS अधिकारियों द्वारा संचालित एक संस्था है, जो समाज में किए जा रहे उत्कृष्ट और नवाचारी कार्यों को सामने लाने और उनका उत्साहवर्धन करने का महत्वपूर्ण कार्य करती है। इस वर्ष अवॉर्ड्स के लिए प्राप्त 150 नवाचार कार्यों में से 26 श्रेष्ठ कार्यों का चयन किया गया। चयन प्रक्रिया UPSC के पूर्व चेयरमैन एवं वरिष्ठ IAS अधिकारी दीपक गुप्ता की अध्यक्षता में हुई। कार्यक्रम में भारत सरकार के पूर्व कैबिनेट सेक्रेटरी और वरिष्ठ IAS अधिकारी श्री बी.के. चतुर्वेदी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
महत्वपूर्ण बात यह है कि यह लगातार दूसरा वर्ष है जब डीएफओ मनीष कश्यप को उनके नवाचारों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान प्राप्त हुआ है। वर्ष 2024 में उनके “महुआ बचाओ अभियान” ने राष्ट्रीय प्रशंसा पाई थी, जिसके माध्यम से घटती महुआ संख्या को बचाने और पुनर्जीवित करने का प्रयास सफलतापूर्वक किया गया।

गोंडवाना मरीन फॉसिल पार्क: एशिया का अनुपम प्राकृतिक धरोहर स्थल
मनेंद्रगढ़ जिले में स्थित गोंडवाना मरीन फॉसिल पार्क एशिया का सबसे बड़ा मरीन फॉसिल साइट है। देश में केवल पाँच स्थान ऐसे हैं, जहाँ इस प्रकार के प्राचीन समुद्री जीवाश्म पाए जाते हैं। 1954 में खोजे जाने के बावजूद यह अनोखा प्राकृतिक धरोहर लंबे समय तक व्यापक पहचान नहीं पा सका। वन विभाग के नेतृत्व में पिछले कुछ वर्षों में इसे वैज्ञानिक संरक्षण, आकर्षक प्रस्तुति और आधुनिक संरचनाओं के माध्यम से नया स्वरूप मिला है।
वृहद ग्रेनाइट चट्टानों पर आदिकालीन समुद्री जीवों, सरीसृपों और डायनासोर प्रजातियों सहित 35 जीवों की आकृतियाँ उकेरी गई हैं, जो पर्यटकों को करोड़ों वर्ष पुराने इतिहास से सीधे तौर पर जोड़ती हैं। पार्क में विकसित कैक्टस गार्डन, आधुनिक इंटरप्रिटेशन सेंटर और हसदेव नदी में शुरू हुई बोटिंग सुविधा ने इसके आकर्षण को और बढ़ा दिया है।
अप्रैल 2025 में उद्घाटन के बाद से यहाँ 13,000 से अधिक पर्यटक पहुँच चुके हैं। मध्य प्रदेश की सीमा से सटे होने के कारण वहाँ से भी सैलानियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पर्यटन विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले वर्षों में यह संख्या कई गुना बढ़ सकती है।
अब तक सरगुजा संभाग में मुख्य पर्यटन केंद्र मैनपाट रहा है, लेकिन गोंडवाना मरीन फॉसिल पार्क तेज़ी से एक नए पसंदीदा डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है। यह न सिर्फ मनेंद्रगढ़ जिले की पहचान को मजबूत कर रहा है, बल्कि पूरे क्षेत्र में इको-टूरिज्म की संभावनाओं को भी नए आयाम प्रदान कर रहा है।
डीएफओ मनीष कश्यप का यह योगदान पर्यावरण संरक्षण और नवाचार प्रबंधन का प्रेरक उदाहरण बन गया है, जिसने मनेंद्रगढ़ को राष्ट्रीय मानचित्र पर एक विशिष्ट स्थान दिलाया है।





