Damoh: आदिवासी परिवारों को मिलेगा 5G नेटवर्क जैसी सुविधाओं का लाभ, 18 विभागों द्वारा चलाए जाएंगे कई योजनाएं
दमोह जिले के जंगलों में बसे आदिवासी परिवारों के लिए खुशखबरी है। राज्य सरकार ने इन परिवारों के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें 5G नेटवर्क जैसी आधुनिक सुविधाएं भी शामिल हैं। अब आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को न केवल बुनियादी सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिलेगा। यह पहल ‘धर्ती अबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान’ के तहत की गई है, जिसका उद्देश्य आदिवासी परिवारों को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
आदिवासी परिवारों के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ
मध्य प्रदेश सरकार के विभिन्न 18 विभागों ने इस अभियान के तहत आदिवासी गांवों में विकास कार्यों को गति देने के लिए कई योजनाओं का खाका तैयार किया है। इन योजनाओं में स्कूलों, होम स्टे, आंगनवाड़ी, सौर ऊर्जा से चलने वाली लाइटों और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट की सुविधा शामिल है। यह योजनाएं उन गांवों तक पहुंचाई जाएंगी जहां 50 से अधिक आदिवासी परिवार रहते हैं। सरकार का लक्ष्य इन परिवारों को 25 सरकारी योजनाओं का 100 प्रतिशत लाभ दिलाना है।
5G नेटवर्क, सोलर लाइट्स और अन्य सुविधाएं
इस योजना के तहत, आदिवासी गांवों में 5G नेटवर्क जैसी आधुनिक तकनीकी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके साथ ही, आदिवासी परिवारों को उनके घरों में 100 प्रतिशत बिजली आपूर्ति, सौर पैनल की स्थापना, एलपीजी कनेक्शन और 4G तथा 5G मोबाइल नेटवर्क की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
आयुष्मान योजना और कृषि योजनाओं का लाभ
आदिवासी परिवारों को आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं भी मिलेंगी। इसके अलावा, कृषि, पशुपालन, मछली पालन और डेयरी विभाग की योजनाओं के माध्यम से आदिवासी किसानों को कृषि विकास की दिशा में भी मदद दी जाएगी। आदिवासी महिलाओं और बच्चों के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषण बगान बनाए जाएंगे, जो उनके स्वास्थ्य में सुधार करेंगे।
कुशल विकास के लिए होम स्टे और प्रशिक्षण केंद्र
सरकार द्वारा आदिवासी परिवारों के लिए होम स्टे की योजना भी बनाई गई है, जिसके जरिए इन परिवारों को अतिरिक्त आय का स्रोत मिलेगा। इसके साथ ही, आदिवासी बच्चों के लिए होस्टल और स्कूलों का निर्माण भी किया जाएगा, ताकि उनके शिक्षा का स्तर बेहतर हो सके। इस अभियान के अंतर्गत कई कौशल विकास कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे, जिससे आदिवासी समुदाय के लोग अपनी आजीविका के लिए नए अवसर पा सकेंगे।
समाज कल्याण विभाग का अहम योगदान
आदिवासी कल्याण विभाग की प्रभारी सहायक निदेशक रिया जैन ने बताया कि इस अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर से हो चुकी है और इसका मुख्य उद्देश्य आदिवासी गांवों को एक नई दिशा देना है। उन्होंने कहा कि यह अभियान उन गांवों में लागू होगा जिनकी जनसंख्या 500 या उससे अधिक है और जिनकी 50 प्रतिशत आबादी आदिवासी है।
नतीजों की उम्मीद
अधिकारियों का कहना है कि इस योजना के तहत आदिवासी परिवारों को बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ नए रोजगार और विकास के अवसर मिलेंगे। इससे ना केवल उनके जीवन स्तर में सुधार होगा, बल्कि क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि भी आएगी।
दमोह जिले में इस अभियान की सफलता आदिवासी समुदाय के जीवन में एक नया अध्याय खोलने का संकेत दे सकती है। उम्मीद की जा रही है कि यह पहल आदिवासी परिवारों के लिए सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध भविष्य की दिशा में एक कदम साबित होगी।