अमेरिका में विदेशी छात्रों की एंट्री पर संकट! हार्वर्ड को अल्टीमेटम, 30 अप्रैल तक मांगा हिसाब

अमेरिका ने एक बार फिर से दुनिया भर में हलचल मचा दी है। इस बार अमेरिकी सरकार ने विदेशी छात्रों को लेकर बड़ा कदम उठाया है। अमेरिका ने हरवर्ड यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों के एडमिशन पर रोक लगाने की चेतावनी दे दी है। यह फैसला तब आया है जब अमेरिका ने हाल ही में अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की है। अब इस कदम से उन छात्रों में हड़कंप मच गया है जो पहले से अमेरिका में पढ़ रहे हैं या फिर आने वाले समय में वहां पढ़ाई का सपना देख रहे हैं।
हरवर्ड को 30 अप्रैल तक रिकॉर्ड देने का अल्टीमेटम
अमेरिकी गृह मंत्रालय ने हरवर्ड यूनिवर्सिटी को चेतावनी दी है कि अगर वह 30 अप्रैल 2025 तक विदेशी स्टूडेंट वीजा धारकों की ‘अवैध और हिंसक गतिविधियों’ का पूरा रिकॉर्ड नहीं देती तो उसके यहां विदेशी छात्रों के एडमिशन की प्रक्रिया रोक दी जाएगी। मंत्रालय ने इस सिलसिले में हरवर्ड को एक आधिकारिक पत्र भी भेजा है। यह पत्र अमेरिकी होम मिनिस्टर क्रिस्टी नोएम की ओर से भेजा गया है जिसमें कहा गया है कि अगर तय समय सीमा में पूरी जानकारी नहीं मिली तो कड़े कदम उठाए जाएंगे। अमेरिका का यह रुख छात्रों और विश्वविद्यालयों में चिंता का विषय बन गया है।
सरकार ने चेतावनी के साथ ही हरवर्ड यूनिवर्सिटी को दी गई दो अहम ग्रांट भी रद्द कर दी हैं। कुल मिलाकर लगभग 2.7 मिलियन डॉलर की राशि अब हरवर्ड को नहीं दी जाएगी। इस ग्रांट को रद्द करने के पीछे सरकार का कहना है कि यूनिवर्सिटी ने ट्रंप प्रशासन की मांगों की लिस्ट को खारिज कर दिया था। इसके चलते न केवल ग्रांट रद्द की गई बल्कि यूनिवर्सिटी के टैक्स-फ्री स्टेटस को भी खत्म करने का प्रस्ताव रखा गया है। सरकार का आरोप है कि हरवर्ड की विचारधारा बेहद ‘रेडिकल’ हो चुकी है और यह अमेरिकी मूल्यों के खिलाफ है।
छात्रों में बेचैनी प्रशासन की सख्ती से शिक्षा क्षेत्र में उथल-पुथल
अमेरिका के इस कदम के बाद छात्रों में बेचैनी साफ देखी जा रही है। खासतौर से वो छात्र जो पहले से अमेरिका में पढ़ रहे हैं या आने वाले समय में आवेदन करने की सोच रहे थे। इस फैसले से कई विश्वविद्यालयों की चिंता भी बढ़ गई है क्योंकि विदेशी छात्र बड़ी संख्या में अमेरिकी शिक्षा व्यवस्था का हिस्सा होते हैं और इससे न केवल शैक्षणिक वातावरण प्रभावित होगा बल्कि वित्तीय तौर पर भी इन विश्वविद्यालयों को नुकसान हो सकता है। अमेरिका में शिक्षा के क्षेत्र में यह अब तक का एक बड़ा और चौंकाने वाला कदम माना जा रहा है।