छत्तीसगढ

Chhattisgarh में सर्दी का कहर, मौसम विभाग से राहत की उम्मीद

इन दिनों Chhattisgarh में साफ मौसम के कारण सर्दी में इजाफा हो गया है। राज्य के बाहरी क्षेत्रों में सुबह के समय घना कोहरा छाया हुआ है। साथ ही, सरजुगा डिवीजन में शीतलहर का प्रकोप जारी है, जहां जबरदस्त सर्दी पड़ रही है। हालांकि, मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों में मौसम में राहत की उम्मीद जताई है।

सरजुगा डिवीजन में सर्दी का प्रकोप

छत्तीसगढ़ के सरजुगा डिवीजन के जिलों में न्यूनतम तापमान में गिरावट के कारण सर्दी बढ़ गई है। अंबिकापुर और मुख्यपथ क्षेत्रों में शीतलहर का असर ज्यादा है। उत्तर छत्तीसगढ़ के इलाकों में तो सर्दी और भी तीव्र हो गई है, जिससे लोग ठंड से परेशान हैं। अन्य क्षेत्रों में भी सर्दी का असर जारी है, लेकिन मौसम विभाग के अनुसार, जल्द ही राहत मिलने की उम्मीद है।

मौसम विभाग की भविष्यवाणी

मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटों में राज्य में न्यूनतम तापमान में कोई विशेष बदलाव होने की संभावना नहीं है। लेकिन अगले दो दिनों के बाद न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री तक वृद्धि हो सकती है। इसके साथ ही, राज्य में मौसम सूखा रहेगा और इस स्थिति में अगले कुछ दिनों तक कोई बड़ा बदलाव नहीं आने की संभावना है। मौसम विभाग का कहना है कि राज्य में जो सर्दी की स्थिति बन रही है, वह अगले कुछ दिनों तक बनी रह सकती है, लेकिन बाद में तापमान में हल्की राहत मिल सकती है।

Chhattisgarh में सर्दी का कहर, मौसम विभाग से राहत की उम्मीद

छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों का तापमान

अंबिकापुर में न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य तापमान से 3 डिग्री कम है। पेंड्रा में भी तापमान सामान्य से 3 डिग्री कम रहा। बालरामपुर में रात का तापमान 5.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, सुकमा में दिन का तापमान 31.4 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे ज्यादा रहा।

सर्दी से प्रभावित इलाके

राज्य के विभिन्न हिस्सों में सर्दी का असर बढ़ा है। सरजुगा डिवीजन के अंबिकापुर, बालरामपुर, और पेंड्रा इलाकों में ठंड का प्रकोप विशेष रूप से महसूस किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में सुबह के समय घना कोहरा और शीतलहर के कारण लोग घरों से बाहर निकलने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं। सरकारी और निजी स्कूलों में भी बच्चों को सुबह की कक्षाओं में बहुत अधिक कठिनाई हो रही है।

इस सर्दी के मौसम के कारण, लोग गर्म कपड़े पहनकर घर से बाहर निकलने को मजबूर हो रहे हैं। वहीं, सर्दी से बचने के लिए लोग अलाव और अन्य गर्म वस्तुओं का सहारा ले रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ने सर्दी से बचाव के उपायों के तहत अलाव जलाने की व्यवस्था की है, ताकि लोग शीतलहर से राहत पा सकें।

सर्दी के प्रभाव

सर्दी के कारण स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है, खासकर बुजुर्गों और बच्चों के लिए। सांस की बीमारियों, जैसे सर्दी-जुकाम, खांसी और फ्लू के मामलों में इजाफा हो सकता है। ठंड के मौसम में लोगों को खासकर विटामिन डी की कमी हो सकती है, जिससे हड्डियों और जोड़ों में दर्द हो सकता है। इसके साथ ही, शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है, जिससे अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।

राहत की उम्मीद

मौसम विभाग ने हालांकि राहत की उम्मीद जताई है कि अगले कुछ दिनों में न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे सर्दी में कुछ राहत मिलेगी। लेकिन इस बीच, राज्य में मौसम सूखा ही रहेगा और सर्दी का प्रकोप जारी रहेगा। खासकर उत्तर छत्तीसगढ़ के इलाकों में सर्दी अधिक रहेगी, जबकि अन्य हिस्सों में तापमान में हल्की वृद्धि हो सकती है।

मौसम में बदलाव और राज्य की तैयारियां

सर्दी के बढ़ते प्रकोप के मद्देनज़र राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से अलर्ट जारी किया है। सरकारी अस्पतालों में सर्दी से संबंधित बीमारियों का इलाज सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। साथ ही, विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य किट उपलब्ध कराए जा रहे हैं, ताकि वे ठंड से सुरक्षित रह सकें।

इसके अलावा, प्रशासन ने कंबल, स्वेटर और गर्म कपड़े बांटने के कार्यक्रम भी शुरू किए हैं। यह कार्यक्रम उन लोगों के लिए है, जो शीतलहर और सर्दी के कारण आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में इस समय सर्दी का प्रकोप जारी है, खासकर सरजुगा डिवीजन और अन्य उत्तरी क्षेत्रों में। मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों में राहत मिल सकती है, लेकिन फिलहाल सर्दी की स्थिति जटिल बनी रहेगी। राज्य सरकार और प्रशासन ने सर्दी से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं, और लोग भी सर्दी से बचने के लिए तैयार हैं। उम्मीद है कि जल्द ही तापमान में वृद्धि होगी, और सर्दी में थोड़ी राहत मिलेगी।

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