Uttar Pradesh में अगले दो दिनों तक ठंड जारी, पश्चिमी शुष्क हवाओं का प्रभाव

Uttar Pradesh में ठंड का असर अगले दो दिनों तक बना रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार, 13 और 14 फरवरी को प्रदेश में 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ठंडी हवाएं चलेंगी, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है। इसके अलावा, कुछ इलाकों में हल्का कोहरा भी देखने को मिल सकता है, जो 17 फरवरी तक जारी रहेगा।
प्रयागराज महाकुंभ क्षेत्र में मौसम का हाल
प्रयागराज में बुधवार को मौसम सामान्य रहेगा। महाकुंभ क्षेत्र में अधिकतम तापमान 30 से 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 11 से 13 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। वहीं, गुरुवार 14 फरवरी को अधिकतम तापमान 27 से 29 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 9 से 11 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार और शुक्रवार को प्रयागराज महाकुंभ क्षेत्र में तेज़ हवाएं चलेंगी, जिनकी रफ्तार 15 से 25 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है।
पश्चिमी शुष्क हवाओं का असर पूरे प्रदेश में
मौसम विभाग ने बताया कि अगले दो दिनों तक उत्तर प्रदेश में पश्चिमी शुष्क हवाओं का प्रभाव बना रहेगा। इन हवाओं का असर खासतौर पर मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, हापुड़, बुलंदशहर, गाज़ियाबाद, अलीगढ़, गौतम बुद्ध नगर, मथुरा, हाथरस, फिरोजाबाद, आगरा, एटा, कासगंज, पीलीभीत, बरेली, रामपुर, लखीमपुर, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, जालौन, झांसी, चित्रकूट, बांदा, फतेहपुर, रायबरेली, अयोध्या और प्रयागराज सहित पूरे प्रदेश में महसूस किया जाएगा।
15 फरवरी से मौसम में बदलाव की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार, 15 से 17 फरवरी के बीच उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के कारण बादल छाने की संभावना है। इसके चलते सहारनपुर, शामली, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद, शाहजहांपुर और पीलीभीत समेत कुछ इलाकों में आंशिक बादल छाए रह सकते हैं। हालांकि, कहीं भी बारिश की संभावना नहीं जताई गई है।
लखनऊ में तापमान सामान्य से अधिक
फरवरी आमतौर पर ठंडा महीना माना जाता है, लेकिन इस बार मौसम ने सभी को चौंका दिया है। लखनऊ में अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो सामान्य से 3.5 डिग्री अधिक है। वहीं, न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इस असामान्य रूप से बढ़े तापमान ने लोगों को आने वाली गर्मी के मौसम को लेकर चिंतित कर दिया है।
शीतलहर का असर घटा, लेकिन ठंड बनी रहेगी
हालांकि, शीतलहर का प्रभाव अब काफी कम हो गया है, लेकिन सुबह और रात के समय ठंड का अहसास बना रहेगा। खासकर पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में तापमान में हल्की गिरावट दर्ज की जा सकती है। सुबह के समय कोहरे की हल्की परत भी देखी जा सकती है, लेकिन दोपहर में धूप निकलने से तापमान सामान्य रहेगा।
क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक?
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ की गतिविधियां सामान्य से कम रहीं, जिससे तापमान में तेजी से वृद्धि हुई। इसके अलावा, दक्षिणी और मध्य भारत में सक्रिय मौसम प्रणालियों के कारण उत्तर भारत में ठंडी हवाओं का प्रवाह भी सीमित रहा। यही कारण है कि फरवरी के महीने में भी तापमान सामान्य से अधिक बना हुआ है।
फरवरी के बाद मौसम का अनुमान
मौसम विभाग का कहना है कि फरवरी के अंत तक उत्तर प्रदेश में तापमान में और वृद्धि हो सकती है। मार्च के पहले सप्ताह में ही प्रदेश के कई हिस्सों में गर्मी का एहसास होने लगेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल मार्च और अप्रैल में गर्मी अधिक पड़ सकती है, जिससे कृषि और जनजीवन पर असर पड़ने की संभावना है।
जनता के लिए सुझाव
मौसम विभाग ने जनता को सलाह दी है कि
- सुबह और रात के समय ठंडी हवाओं से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनें।
- ज्यादा ठंडी हवा के संपर्क में आने से बचें, खासकर बुजुर्ग और बच्चों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
- अचानक तापमान परिवर्तन के कारण स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए खान-पान पर विशेष ध्यान दें।
- फसलों को ठंडी हवाओं से बचाने के लिए किसान आवश्यक उपाय करें।
उत्तर प्रदेश में अगले दो दिनों तक ठंडी हवाएं चलेंगी, जिससे तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी। हालांकि, 15 फरवरी से पश्चिमी विक्षोभ के कारण बादल छाने की संभावना है, लेकिन बारिश की कोई संभावना नहीं है। इस असामान्य मौसम ने सभी को हैरान कर दिया है, और अब लोग आने वाली गर्मियों को लेकर चिंतित हैं।
मौसम विभाग की मानें तो इस बार गर्मी जल्द दस्तक दे सकती है, जिससे आम जनजीवन पर असर पड़ने की संभावना है। ऐसे में सभी को मौसम के उतार-चढ़ाव के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है।