CM Mohan Yadav ने किया राठापानी टाइगर रिजर्व का उद्घाटन, जानें इसकी विशेषताएँ
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को रायसेन जिले में स्थित ‘राठापानी टाइगर रिजर्व’ का उद्घाटन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने टाइगर रिजर्व का दौरा भी किया। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के तहत जिले में एक बाइक रैली का आयोजन भी किया गया।
राठापानी वन प्रदेश का आठवां टाइगर रिजर्व
मध्य प्रदेश सरकार ने कुछ दिन पहले रायसेन जिले के राठापानी वन क्षेत्र को टाइगर रिजर्व के रूप में घोषित किया। यह राज्य का आठवां टाइगर रिजर्व बन गया है। इससे पहले राज्य में कानha, सतपुड़ा, बांधवगढ़, पेंच, संजय दुबरी, पन्ना और वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व पहले से ही हैं। राठापानी वन क्षेत्र को टाइगर रिजर्व बनाने की अधिसूचना राज्य सरकार ने जारी की थी।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने की टाइगर रिजर्व की घोषणा
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि राठापानी को टाइगर रिजर्व घोषित करने से यहाँ की वन्यजीव प्रबंधन प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) से बजट प्राप्त होगा। इससे टाइगर रिजर्व के विकास और संरक्षण में सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राठापानी टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 1,271.465 वर्ग किलोमीटर होगा।
टाइगर रिजर्व का कोर क्षेत्र और बफर क्षेत्र
राठापानी टाइगर रिजर्व का कोर क्षेत्र 763.812 वर्ग किलोमीटर और बफर क्षेत्र 507.653 वर्ग किलोमीटर है। कोर क्षेत्र में केवल वन्यजीवों का संरक्षण किया जाएगा, जबकि बफर क्षेत्र में वन्यजीवों के संरक्षण के साथ-साथ पर्यटकों को भी शामिल किया जा सकेगा।
वहीं, राठापानी टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र से 9 गांवों को बाहर रखा गया है। इन गांवों को कोर क्षेत्र से बाहर करने का निर्णय इसीलिए लिया गया है ताकि यहां के निवासियों के मौजूदा अधिकारों में कोई बदलाव न हो।
राठापानी टाइगर रिजर्व की विशेषताएँ
राठापानी टाइगर रिजर्व का उद्घाटन राज्य के लिए एक ऐतिहासिक पल है। यह रिजर्व मध्य प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण वन्यजीव क्षेत्रों में से एक बनने जा रहा है। इस रिजर्व में बाघों के संरक्षण के लिए सभी जरूरी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी।
- वन्यजीव संरक्षण: राठापानी टाइगर रिजर्व में बाघों के अलावा अन्य वन्यजीवों जैसे तेंदुआ, भालू, और विभिन्न प्रकार के पक्षियों का भी घर होगा। इस रिजर्व के तहत इन सभी प्रजातियों के संरक्षण के लिए विशेष योजनाएँ बनाई जाएंगी।
- पर्यटन की संभावना: राठापानी टाइगर रिजर्व के उद्घाटन के बाद पर्यटकों के लिए नए अवसर खुलेंगे। यह रिजर्व न केवल बाघों के शिकार क्षेत्र के रूप में प्रसिद्ध होगा, बल्कि यहाँ प्रकृति प्रेमियों और वन्यजीव फोटोग्राफरों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र बनेगा।
- स्थानीय समुदाय की भागीदारी: राठापानी टाइगर रिजर्व के आसपास के गांवों में रहने वाले लोगों को भी संरक्षण कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा। उन्हें रोजगार के अवसर और पर्यावरण संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक किया जाएगा।
- विलुप्त प्रजातियों का संरक्षण: इस रिजर्व में विलुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण की दिशा में काम किया जाएगा। यह रिजर्व बाघों के अलावा अन्य दुर्लभ और विलुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाएगा।
राठापानी टाइगर रिजर्व का भौगोलिक महत्व
राठापानी टाइगर रिजर्व रायसेन जिले में स्थित है, जो मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के पास है। यह रिजर्व भोपाल से महज कुछ किलोमीटर दूर है, जिससे पर्यटकों को यहाँ आने में कोई परेशानी नहीं होगी। इसका भौगोलिक स्थान इसे विशेष बनाता है, क्योंकि यह क्षेत्र वन्यजीवों के संरक्षण के लिए उपयुक्त वातावरण प्रदान करता है।
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— Office of Dr. Mohan Yadav (@drmohanoffice51) December 13, 2024
संबंधित अन्य टाइगर रिजर्व
मध्य प्रदेश राज्य में पहले से कई प्रसिद्ध टाइगर रिजर्व मौजूद हैं, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हैं। इनमें से कुछ प्रमुख टाइगर रिजर्व इस प्रकार हैं:
- कानहा टाइगर रिजर्व: यह मध्य प्रदेश का सबसे प्रसिद्ध टाइगर रिजर्व है, जो अपनी जैव विविधता और बाघों के लिए प्रसिद्ध है।
- सतपुड़ा टाइगर रिजर्व: यह रिजर्व सतपुड़ा पर्वत श्रेणी में स्थित है और यहाँ बाघों के साथ-साथ अन्य कई दुर्लभ प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व: यह रिजर्व अपने ऐतिहासिक किले और बाघों के लिए प्रसिद्ध है।
- पेंच टाइगर रिजर्व: पेंच रिजर्व ने एक समय में किंग उर्फ ‘बाघ राजा’ को अपना निवास स्थान बनाया था।
- संजय दुबरी टाइगर रिजर्व: यह रिजर्व वन्यजीवों के संरक्षण के लिए जाना जाता है।
भविष्य में राठापानी टाइगर रिजर्व का महत्व
राठापानी टाइगर रिजर्व का उद्घाटन पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीवों के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह रिजर्व न केवल मध्य प्रदेश, बल्कि भारत के अन्य हिस्सों के लिए भी एक मॉडल बन सकता है। इस रिजर्व के संरक्षण से न केवल बाघों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि यह पूरे क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र को भी संतुलित करेगा।
राठापानी टाइगर रिजर्व का उद्घाटन एक महत्वपूर्ण घटना है, जो मध्य प्रदेश के पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव का यह कदम राज्य को एक और नया पर्यावरणीय धरोहर प्रदान करेगा। अब इस रिजर्व के जरिए राज्य में बाघों और अन्य वन्यजीवों का संरक्षण बेहतर तरीके से हो सकेगा। राठापानी टाइगर रिजर्व आने वाले समय में न केवल वन्यजीवों के संरक्षण के लिए, बल्कि पर्यटन और स्थानीय विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा।