छत्तीसगढ़ समाचार: पत्नी के धर्म परिवर्तन का दबाव झेल न सका युवक, आत्महत्या की
छत्तीसगढ़ के बलौद जिले के अर्जुन्दा पुलिस थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। यहां एक युवक ने अपनी पत्नी के धर्म परिवर्तन के दबाव के कारण आत्महत्या कर ली। युवक ने आत्महत्या से पहले दीवार पर एक सुसाइड नोट लिखा, जिसमें उसने अपनी पत्नी से रिश्ते ठीक न होने और उसके अलावा सास, ससुर और अन्य परिवार के लोगों द्वारा धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालने का उल्लेख किया। युवक ने इस मुद्दे को लेकर 8 दिसंबर को पुलिस में शिकायत भी की थी।
युवक ने ससुराल वालों पर लगाया धर्म परिवर्तन का दबाव
35 वर्षीय गजेन्द्र उर्फ सूरज देवांगन, जो एक मोबाइल मरम्मत की दुकान चलाता था, ने आत्महत्या कर ली। गजेन्द्र के पिता का आरोप है कि उनकी बहु ने कुछ लोगों के दबाव में आकर ईसाई धर्म अपनाया। परिवार में अक्सर झगड़े होते थे और घर की दीवारों पर जो शुभ-लाभ या भगवान के नाम लिखे थे, उन्हें पेंट करके मिटा दिया गया। इसके कारण गजेन्द्र को मानसिक तनाव हो रहा था।
पुलिस ने मामले की शुरू की जांच
SDOP देवांश राठौर ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। यह राज्य में इस प्रकार के दबाव के कारण आत्महत्या करने का दूसरा मामला है। इससे पहले 7 दिसंबर को धमतरी जिले के अर्जुनी पुलिस थाना क्षेत्र के पोटीयाडीह गांव में भी एक युवक ने इसी तरह के आरोपों पर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें उसकी पत्नी भी शामिल है।
16 महीने में सात बार घर छोड़ चुकी थी बहु
गजेन्द्र के परिवार का कहना है कि बहु ने शादी के 16 महीने के दौरान सात बार घर छोड़ा। इन 16 महीनों के दौरान बच्चों को खाने के लिए अक्सर अपनी दादी के घर भेजा जाता था। युवक अपना धर्म छोड़ना नहीं चाहता था, लेकिन बहु उस पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाल रही थी। गजेन्द्र ने पुलिस में एक लिखित शिकायत भी दी थी, जिसमें उसने बताया था कि उसकी पत्नी राकेश्वरी देवांगन रोज झगड़ा करती थी और ईसाई धर्म अपनाने का दबाव डालती थी।
सुसाइड नोट में सामने आईं परेशानियां
गजेन्द्र ने आत्महत्या से पहले अपनी कमरे की दीवार पर एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उसने अपने ससुराल के लोगों पर आरोप लगाए। उसने लिखा कि प्रकाश देवांगन के पिता कन्हैया देवांगन ने उससे पैसे लिए थे और नहीं लौटाए। इसके अलावा, उसने अपनी पत्नी, सास, ससुर और साले द्वारा लगातार उसे परेशान करने का जिक्र किया था। गजेन्द्र ने यह भी लिखा कि उसकी पत्नी ने उसे बार-बार धर्म बदलने के लिए दबाव डाला था।
गजेन्द्र के पिता का दर्द
गजेन्द्र के पिता चंद्रशेखर देवांगन, जो एक हलर मिल चलाते हैं, ने भावुक होकर बताया कि उनका बेटा 2012 में शादी के बाद से अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ अलग रहता था। पिछले 16 महीनों से दोनों के बीच रोज झगड़ा हो रहा था। गजेन्द्र अपनी पत्नी के ईसाई धर्म अपनाने के खिलाफ था, लेकिन उसकी पत्नी उसे बार-बार अपने धर्म को छोड़ने के लिए दबाव डाल रही थी। गजेन्द्र की पत्नी को ईसाई धर्म अपनाने के लिए दो व्यक्तियों – गोपी देवांगन और नरसिंह देवांगन – से प्रेरणा मिली थी, जो छत्तीसगढ़ के अन्य स्थानों से थे।
मामले की जांच जारी
पुलिस ने गजेन्द्र के कमरे को सील कर दिया है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। यह घटना छत्तीसगढ़ में धर्म परिवर्तन के दबाव के कारण आत्महत्या के मामलों में एक और दुखद घटना है। पुलिस प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेकर हर पहलू की जांच कर रहा है, ताकि परिवार को न्याय मिल सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।