Chhattisgarh news: बालोद वन विभाग की सफलता, अवैध लकड़ी परिवहन के लिए आठ ट्रैक्टर जब्त

Chhattisgarh news: वर्ष के आखिरी दिन बालोद वन विभाग ने अवैध लकड़ी परिवहन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है और आठ ट्रैक्टरों को लकड़ी के साथ जब्त किया। इस पूरी कार्रवाई को उप वन संरक्षक ने वन विभाग अधिकारी बी.एस. सरोटे के निर्देश पर अंजाम दिया। वन विभाग अधिकारी बी.एस. सरोटे ने कहा कि वन विभाग के कर्मचारियों की रात की गश्त के दौरान बालोद-लोहारा मुख्य सड़क पर पारस और जुंगेड़ा के बीच चार ट्रैक्टर, बघमरा-बालोद रोड रेलवे गेट के पास एक ट्रैक्टर, वन उत्पाद चेक पोस्ट तलगांव के पास एक ट्रैक्टर और गांव चेरेल के पास दो ट्रैक्टर अवैध लकड़ी परिवहन के लिए जब्त किए गए हैं।
जब्त किए गए वाहनों को सरकारी भंडारण में रखा गया
उन्होंने बताया कि अवैध लकड़ी से भरे सभी जब्त किए गए ट्रैक्टरों को सरकारी भंडारण में रखा गया है। जब्त किए गए ट्रैक्टरों में 12 घन मीटर कसायी, साजा, अर्जुन पेड़ की प्रतिबंधित प्रजातियों की लकड़ी और अन्य मिश्रित प्रजातियों के लट्ठे और अन्य मिश्रित प्रजातियों की छह लकड़ी के लट्ठे लोड पाए गए। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ वन उत्पाद परिवहन अधिनियम 2001 के तहत ट्रैक्टरों में जब्त लकड़ी के खिलाफ वन अपराध का मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
बालोद और आसपास के क्षेत्रों के मिलों में होती है लकड़ी की खपत
यह बताया गया है कि प्रतिबंधित लकड़ी बालोद और आसपास के क्षेत्रों के आरा मिलों में खपत होती है और यहां इसे बालोद आने के लिए बायपास में बनाए गए वज़न मशीन में मापने के बाद आरा मिलों में काम के लिए भेजा जाता है। इन दिनों लकड़ी की कटाई सबसे अधिक घाटिया, बारी और अन्य क्षेत्रों में हो रही है। लोहारा पलारी क्षेत्र भी लकड़ी की कटाई से अछूता नहीं है। वन विभाग का कहना है कि इस मामले में निरंतर कार्रवाई की जाएगी।
अवैध लकड़ी परिवहन के खिलाफ वन विभाग की निरंतर कार्रवाई
वन विभाग की यह कार्रवाई यह दर्शाती है कि अवैध लकड़ी परिवहन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है और इसके पीछे वन्यजीवों और पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश है। वन विभाग की रात की गश्त और छापेमारी ने अवैध व्यापार के खिलाफ नके प्रयासों को मजबूती दी है और यह साबित किया है कि अवैध कटाई और परिवहन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
वर्तमान में बालोद और आसपास के क्षेत्रों में लकड़ी की अवैध कटाई और परिवहन एक गंभीर समस्या बन चुकी है। वन विभाग लगातार इस पर निगरानी रखे हुए है और किसी भी अवैध गतिविधि को रोकने के लिए तत्पर है। इसके लिए गश्त, निगरानी और छापेमारी के अलावा अन्य कई उपाय किए जा रहे हैं।
चरणबद्ध तरीके से की जा रही कार्रवाई
वन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि इस तरह की कार्रवाइयां चरणबद्ध तरीके से की जा रही हैं। इसके तहत पहले अवैध लकड़ी की कटाई और परिवहन के प्रमुख मार्गों पर निगरानी रखी जा रही है, फिर संभावित स्थानों पर गश्त और छापेमारी की जा रही है। इसके साथ ही पुलिस और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से लगातार छानबीन की जा रही है।
अवैध लकड़ी परिवहन में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है ताकि इस गतिविधि को पूरी तरह से खत्म किया जा सके। इसके अलावा, वन विभाग की ओर से जनता को भी जागरूक किया जा रहा है कि वे किसी भी अवैध गतिविधि की जानकारी मिलने पर उसे तुरंत विभाग के पास रिपोर्ट करें।
यह कार्रवाई यह स्पष्ट करती है कि वन विभाग किसी भी हालत में अवैध लकड़ी परिवहन और कटाई को बढ़ावा नहीं देगा। बालोद और आसपास के क्षेत्रों में इस तरह की सख्त कार्रवाई से यह उम्मीद जताई जा सकती है कि आने वाले समय में अवैध लकड़ी व्यापार में कमी आएगी। वन्यजीवों और पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति वन विभाग की प्रतिबद्धता साफ नजर आती है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि प्राकृतिक संसाधनों का शोषण न हो। अब यह जिम्मेदारी हम सभी की है कि हम वन विभाग की मदद करें और इस अवैध कारोबार को जड़ से खत्म करने में अपना योगदान दें।