Chhattisgarh news: छत्तीसगढ़ ने ग्रीन जीडीपी के क्षेत्र में एक नई शुरुआत की, नया साल लेकर आया ऐतिहासिक उपलब्धि

Chhattisgarh news: छत्तीसगढ़ ने नववर्ष 2025 के अवसर पर एक महत्वपूर्ण रिकॉर्ड कायम किया है। राज्य ने नए साल में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है और अब यह देश का पहला राज्य बन गया है जिसने वन पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को ग्रीन जीडीपी से जोड़ने की पहल शुरू की है। यह कदम छत्तीसगढ़ में पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के समग्र मूल्य को मापकर विकास की गति को तेज करेगा। इस पहल से राज्य के विकास में एक नया आयाम जुड़ने की उम्मीद है और यह राज्य के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
मुख्यमंत्री का महत्वपूर्ण बयान: पर्यावरण सुरक्षा और आर्थिक प्रगति का संतुलन
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के दृष्टिकोण और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के अनुरूप एक दृष्टि दस्तावेज तैयार कर रही है, जिसमें वन विभाग द्वारा संचालित पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं का मूल्यांकन करने का भी उल्लेख है। यह समग्र दृष्टिकोण राज्य में पर्यावरण सुरक्षा और आर्थिक प्रगति के बीच संतुलन बनाए रखने की प्रतिबद्धता को स्पष्ट करता है। इस पहल के तहत छत्तीसगढ़ सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि राज्य का विकास स्थिर और समृद्ध भविष्य की दिशा में हो, जिसमें आने वाली पीढ़ियों के लिए संसाधनों का संरक्षण किया जाए।
वन मंत्री की टिप्पणी: संसाधनों का बेहतर प्रबंधन और स्थायी विकास की दिशा में कदम
वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं का मूल्यांकन न केवल बजट योजनाओं को और अधिक व्यवस्थित करेगा, बल्कि भविष्य की रणनीतियों के लिए दिशा प्रदान करेगा, निधियों के आवंटन को अधिक प्रभावी बनाएगा और वन विकास प्रयासों को मजबूत करेगा। यह प्रक्रिया स्थायी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी और संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के लिए एक ठोस आधार तैयार करेगी। कश्यप के अनुसार, छत्तीसगढ़ में यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह राज्य के आर्थिक विकास को भी एक नई दिशा देगी।
छत्तीसगढ़ का वन क्षेत्र: ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए मजबूत आधार
छत्तीसगढ़ के जंगलों का क्षेत्रफल राज्य के कुल भू-भाग का 44 प्रतिशत है। यह राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है और लाखों लोगों की आजीविका में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। राज्य के वन न केवल ग्रामीण उद्योगों और आजीविकाओं को बढ़ावा देते हैं, बल्कि वे राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में भी महत्वपूर्ण योगदान करते हैं। इन जंगलों से मिलने वाले विभिन्न प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभों का सही मूल्यांकन और पहचान न होने के कारण बहुत से फायदे अक्सर नजरअंदाज किए जाते हैं। इनमें कार्बन अवशोषण, परागण, मृदा उर्वरता में सुधार, जैव विविधता संरक्षण, जल प्रवाह प्रबंधन, बाढ़ और रोग नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण लाभ शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ के वन: पर्यावरण संरक्षण और पर्यटन का महत्वपूर्ण स्त्रोत
छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय उद्यान जैसे गुरु घासीदास, कंगेर घाटी और इंद्रावती, प्रकृति आधारित पर्यटन के लिए असीम संभावनाएं प्रदान करते हैं। स्थानीय समुदायों को जंगल सफारी, नेचर ट्रेल्स और इको-कैम्पिंग जैसी सुविधाओं के प्रबंधन में सक्रिय रूप से शामिल किया जा रहा है, जिससे न केवल सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को भी मजबूती मिली है। इन पहलुओं से जुड़ी गतिविधियाँ स्थानीय निवासियों के लिए आय के नए स्रोत प्रदान कर रही हैं और राज्य की पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के मूल्यांकन में सहायक सिद्ध हो रही हैं।
जलवायु संतुलन और कृषि के लिए वन का महत्व
वनों की भूमिका केवल जलवायु संतुलन और जैव विविधता के संरक्षण तक सीमित नहीं है। ये वन जल पुनर्भरण और शुद्धिकरण की प्रक्रिया में भी सहायक हैं। छत्तीसगढ़ के जंगलों द्वारा शुद्ध ऑक्सीजन प्रदान करने और ग्रामीणों के लिए शुद्ध जल का प्रबंधन करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया जाता है। इसके अलावा, राज्य के जंगलों में मौजूद प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता लोगों को मानसिक संतुष्टि और आनंद भी प्रदान करती है। ये जंगल न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि लोगों की भलाई के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व: देवगुड़ी और आदिवासी धरोहर का संरक्षण
छत्तीसगढ़ के वन न केवल पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। राज्य के कई वन क्षेत्र आदिवासी समुदायों के लिए पवित्र स्थल हैं, जिन्हें देवगुड़ी के रूप में पूजा जाता है। इन क्षेत्रों में आदिवासी संस्कृति और परंपराओं का संरक्षण किया जा रहा है, जो छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को बचाने में मदद कर रहा है।
अर्थव्यवस्था पर प्रभाव और ग्रीन जीडीपी
राज्य के वन और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं से होने वाले आर्थिक लाभों का ग्रीन जीडीपी के रूप में मूल्यांकन, छत्तीसगढ़ के विकास में नया दृष्टिकोण लाएगा। इस पहल से राज्य के वन संसाधनों का सही उपयोग हो सकेगा और उनकी महत्ता को समझते हुए उनके संरक्षण के प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था और ग्रामीण क्षेत्रों के उद्योगों को एक मजबूत आधार मिलेगा, जो स्थायी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
छत्तीसगढ़ ने नए साल के अवसर पर ग्रीन जीडीपी की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। राज्य का यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के समग्र आर्थिक विकास के लिए भी एक मजबूत आधार तैयार करेगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और वन मंत्री केदार कश्यप द्वारा की गई इस पहल से राज्य के संसाधनों का बेहतर प्रबंधन और सतत विकास की दिशा में एक नई उम्मीद जागी है। आशा है कि यह पहल छत्तीसगढ़ को एक और प्रगति की ओर अग्रसर करेगी और राज्य के वन संसाधनों का सही मूल्यांकन करके समृद्धि और स्थिरता की दिशा में आगे बढ़ेगी।