Chhattisgarh News: भूपेश बघेल ने मुकेश चंद्रकार को वित्तीय सहायता पर उठाए सवाल
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सियासी तकरार तेज हो गई है। राज्य के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस पर ओबीसी आरक्षण के खिलाफ होने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस हमेशा से ओबीसी आरक्षण के विरोध में रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की झूठी और आरक्षण विरोधी इतिहास को अब जनता के सामने लाया जाएगा। इस बयान का कड़ा जवाब पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने दिया।
भूपेश बघेल का आरोप: ‘राज्यपाल ने बिल पर हस्ताक्षर क्यों नहीं किए?’
भूपेश बघेल ने अरुण साव और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, “अरुण साव द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत किए गए बिल पर राज्यपाल ने अभी तक हस्ताक्षर क्यों नहीं किए, यह एक बड़ा सवाल है। इसके अलावा, 73वें और 74वें संविधान संशोधन में कहीं भी यह उल्लेख नहीं है कि चुनाव की अवधि को बढ़ाया जा सकता है। इसमें स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि पंचायती चुनावों की समाप्ति से 6 महीने पहले चुनाव कराए जा सकते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि चुनाव की अवधि को पांच साल के बाद बढ़ा दिया जा सकता है। इसके बावजूद, इस प्रक्रिया को असंवैधानिक तरीके से बढ़ा दिया गया है।”
पंजाब और मध्य प्रदेश के उदाहरण पर तर्क:
उन्होंने आगे कहा, “जब पंजाब और मध्य प्रदेश की सरकारों ने चुनाव अवधि बढ़ाई थी, तो कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों को फटकार लगाई थी और चुनाव कराने के लिए समयबद्ध कार्यक्रम दिया था। इसके बावजूद, अगर उपमुख्यमंत्री, जो खुद एक वकील रहे हैं, इस फैसले का समर्थन करते हैं, तो उनके कानूनी ज्ञान पर सवाल उठना स्वाभाविक है।” भूपेश बघेल ने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर भी सवाल उठाए।
ओबीसी आरक्षण पर भूपेश बघेल की टिप्पणियाँ:
भूपेश बघेल ने कहा, “ओबीसी आरक्षण न तो महिलाओं के लिए किया गया है, न ही पुरुषों के लिए। जबकि पहले, चाहे वह रमन सिंह मुख्यमंत्री थे या मैं, हमने 27 में से 7 जिलों के जिला पंचायतों में ओबीसी के लिए आरक्षण सुनिश्चित किया था। वर्तमान में, बस्तर और सरगुजा में एक भी वार्ड ओबीसी के लिए आरक्षित नहीं है। यह साबित करता है कि जो बातें कही जाती हैं, वह हकीकत में कुछ और होती हैं। उनके शब्दों और उनके कामों में साफ अंतर दिखाई दे रहा है।”
मुखेश चंद्रकार के मर्डर पर उठाए सवाल:
इसके बाद, भूपेश बघेल ने पत्रकार मुखेश चंद्रकार की हत्या पर सरकार के रवैये पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “मुखेश चंद्रकार की हत्या ने देशभर में शोक की लहर फैलाई थी। पत्रकार की हत्या के बाद मदद में इतनी देरी क्यों हुई? दूसरा, मुखेश का शव छुपाने और उसकी अस्थियों को बिखेरने का काम पूरी तरह से निंदनीय और असंवैधानिक था। मुखेश को अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई और सरकार चुप बैठी रही। यह बेहद शर्मनाक है।”
मुखेश चंद्रकार के परिवार को आर्थिक मदद पर सवाल:
भूपेश बघेल ने मुखेश चंद्रकार के परिवार को दी गई 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता को भी अपर्याप्त बताया। उन्होंने कहा, “यह आर्थिक मदद परिवार की हालत सुधारने में ज्यादा मददगार नहीं होगी। सरकार को पहले मुखेश के परिवार को एक नौकरी देनी चाहिए। सबसे बड़ी बात यह है कि मुखेश जिस मुद्दे पर संघर्ष कर रहे थे, उस पर अब तक कोई जांच क्यों नहीं की गई? सड़क निर्माण के लिए भुगतान किया जा चुका है, लेकिन यह पता लगाने के लिए जांच क्यों नहीं की गई कि इस सड़क के निर्माण में जिम्मेदार लोग कौन थे? इसका मतलब यह है कि सरकार अपराधियों को बचा रही है और न्याय की प्रक्रिया को रोक रही है।”
राहुल गांधी का अरविंद केजरीवाल पर हमला:
इसके बाद, भूपेश बघेल ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर किए गए तीव्र हमले पर भी प्रतिक्रिया दी। बघेल ने कहा, “राहुल गांधी ने अपनी बैठक में जिन मुद्दों पर अपनी राय रखी, जैसे आरक्षण, अल्पसंख्यकों के अधिकार और संविधान, उन सभी मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण वही है जो पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का है। इन दोनों नेताओं की सोच और दृष्टिकोण इस मामले में एक जैसा है।”
भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला और तेज कर दिया है। ओबीसी आरक्षण से लेकर मुखेश चंद्रकार की हत्या और सरकार के रवैये पर उनके सवालों ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और विपक्ष इस पर किस दिशा में आगे बढ़ते हैं।