छत्तीसगढ़ का स्थापना दिवस: प्रधानमंत्री मोदी से लेकर राज्यपाल डेका ने दी बधाई, जानिए किसने क्या कहा
छत्तीसगढ़ ने अपने स्थापना के 24 वर्ष पूरे कर लिए हैं और राज्य 25वां स्थापना दिवस मना रहा है। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रामेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णु देव साई ने राज्य के लोगों को बधाई दी। 1 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ एक नए राज्य के रूप में अस्तित्व में आया था। तब से अब तक, छत्तीसगढ़ ने अपने विकास की यात्रा में कई मील के पत्थर हासिल किए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ‘X’ हैंडल पर हिंदी में लिखा, “छत्तीसगढ़ राज्य के स्थापना दिवस पर सभी निवासियों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। मैं कामना करता हूँ कि गौरवमयी लोक परंपरा और जनजातीय संस्कृति के अद्भुत संगम से सुसज्जित यह राज्य विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ता रहे।” उन्होंने इस खास दिन पर छत्तीसगढ़ के साथ ही अन्य राज्यों को भी शुभकामनाएं दीं जो अपना स्थापना दिवस मना रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, केरल और कर्नाटक के लोगों को भी स्वस्थ और सफल जीवन की शुभकामनाएं दीं।
राज्यपाल रामेन डेका का संदेश
छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रामेन डेका ने भी इस खास मौके पर लोगों को शुभकामनाएं दीं। उनके कार्यालय ने अपने ‘X’ हैंडल पर लिखा, “छत्तीसगढ़ राज्य के स्थापना दिवस पर राज्यपाल रामेन डेका ने राज्यवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। राज्यपाल ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस हमारे राज्य की संस्कृति, समृद्धि और विकास को नई दिशा देने का अवसर है।” उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ ने अपने स्थापना के वर्षों में एक अनूठी पहचान बनाई है और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। राज्यपाल ने यह भी कहा, “मेरा आशीर्वाद है कि हमारा छत्तीसगढ़ इसी तरह प्रगति के पथ पर आगे बढ़ता रहे और प्रत्येक नागरिक का जीवन खुशहाल और समृद्ध हो।”
मुख्यमंत्री विष्णु देव साई का संदेश
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साई ने राज्य स्थापना दिवस के मौके पर सभी नागरिकों को बधाई दी। उन्होंने अपने ‘X’ हैंडल पर लिखा, “छत्तीसगढ़ राज्य के स्थापना दिवस पर सभी राज्यवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। छत्तीसगढ़ महतारी के आशीर्वाद से हम सुशासन के मार्ग पर चलते हुए राज्य को सुदृढ़ बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं।” मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की दृष्टि के साथ आगे बढ़ रहा है, जिन्होंने छत्तीसगढ़ का गठन किया था। उन्होंने लिखा, “हमारा छत्तीसगढ़ उन्नति और समृद्धि के पथ पर यूं ही आगे बढ़ता रहे, और यह धान का कटोरा हमेशा भरपूर रहे, यही मेरी कामना है। इस अनोखे राज्योत्सव के अवसर पर आइए, हम सब अपने घरों में दीप जलाएं और दीपोत्सव के साथ राज्योत्सव मनाएं। जय जोहार, जय छत्तीसगढ़।”
छत्तीसगढ़ का विकास और अद्वितीय पहचान
छत्तीसगढ़ की स्थापना के बाद से इस राज्य ने विकास के कई नए आयाम छुए हैं। आदिवासी और लोक संस्कृति से भरपूर यह राज्य अपनी प्राकृतिक संपदा, वन संसाधनों और खनिज संपदा के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा, राज्य ने कृषि, उद्योग, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में भी अहम प्रगति की है। छत्तीसगढ़ की सरकार ने पिछले वर्षों में विकास के कई प्रयास किए हैं, जिससे राज्य के नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार हुआ है। यही नहीं, छत्तीसगढ़ ने स्वास्थ्य सेवाओं में भी कई सुधार किए हैं और राज्य के विभिन्न जिलों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं।
छत्तीसगढ़ का सांस्कृतिक धरोहर
छत्तीसगढ़ अपनी अनोखी और विविधतापूर्ण संस्कृति के लिए जाना जाता है। राज्य में विभिन्न प्रकार के लोक नृत्य, संगीत और आदिवासी परंपराएं हैं, जो इसे विशेष बनाते हैं। यहां का राज्योत्सव हर साल धूमधाम से मनाया जाता है और इस मौके पर राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को दिखाया जाता है। इस साल भी, तीन दिवसीय राज्योत्सव का आयोजन 4 से 6 नवंबर तक नवा रायपुर अटल नगर में किया जाएगा। राज्योत्सव के दौरान छत्तीसगढ़ की विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें लोक नृत्य, संगीत, हस्तशिल्प, कला और संस्कृति का अद्वितीय संगम देखने को मिलेगा।
छत्तीसगढ़ का कृषि क्षेत्र और धान का कटोरा
छत्तीसगढ़ को ‘धान का कटोरा’ भी कहा जाता है, क्योंकि राज्य में धान का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। यहाँ की उपजाऊ भूमि और अनुकूल जलवायु ने इसे एक कृषि प्रधान राज्य बनाया है। धान के अलावा, राज्य में मक्का, गेहूं, तिलहन, दलहन और अन्य फसलें भी उगाई जाती हैं। राज्य सरकार द्वारा कृषि के क्षेत्र में कई नई योजनाओं और सब्सिडी का लाभ दिया गया है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हुई है और उनकी जीवनशैली में सुधार हुआ है।
औद्योगिक विकास की दिशा में कदम
छत्तीसगढ़ ने औद्योगिक विकास के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति की है। राज्य में खनिज संपदा की भरपूर उपलब्धता ने इसे उद्योगों के लिए एक आकर्षक स्थान बना दिया है। राज्य में लौह अयस्क, बॉक्साइट, कोयला और चूना पत्थर के भंडार हैं, जिनके माध्यम से राज्य में उद्योगों को बढ़ावा मिला है। इसके साथ ही, राज्य सरकार ने औद्योगिक नीति में सुधार करते हुए विदेशी और घरेलू निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई प्रोत्साहन दिए हैं। इससे राज्य में रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं और युवा वर्ग को नई नौकरियां मिली हैं।
शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रगति
छत्तीसगढ़ ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी अहम कदम उठाए हैं। राज्य में कई सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय स्थापित किए गए हैं, जिससे युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो रही है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में नई नीतियां अपनाई हैं और डिजिटल शिक्षा को भी बढ़ावा दिया है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी राज्य सरकार ने कई योजनाएं लागू की हैं, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर तरीके से मिल रही हैं।
छत्तीसगढ़ का 24 वर्षों का यह सफर एक प्रेरणादायक यात्रा रही है, जिसने राज्य को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया है। प्रधानमंत्री मोदी, राज्यपाल डेका और मुख्यमंत्री साई द्वारा दिए गए संदेश इस बात की पुष्टि करते हैं कि छत्तीसगढ़ विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर है। यह राज्य न केवल अपनी सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और औद्योगिक क्षेत्र में भी अपनी विशेष पहचान बना चुका है। राज्य का यह सफर आने वाले वर्षों में और भी नई ऊंचाइयों को छुएगा, और छत्तीसगढ़ का हर नागरिक इस विकास यात्रा में गर्व और उत्साह के साथ सहभागी बनेगा। जय जोहार, जय छत्तीसगढ़!