छत्तीसगढ

Chhattisgarh Bye Election 2024: मुसलमानों के खिलाफ…” कांग्रेस ने BJP उम्मीदवार सुनील सोनी पर साधा निशाना

छत्तीसगढ़ की रायपुर सिटी साउथ विधानसभा सीट पर 13 नवंबर को उप चुनाव होने हैं। इस स्थिति में, राजनीतिक पार्टियां चुनाव की तैयारी में जोरशोर से जुटी हुई हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस क्षेत्र से पूर्व सांसद सुनील सोनी को विधानसभा उप चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है। इस बीच, भाजपा उम्मीदवार सुनील सोनी का एक कथित वीडियो वायरल हुआ है, जिससे राज्य में राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं।

वायरल वीडियो का विवाद

वास्तव में, यह कथित वायरल वीडियो रायपुर का है, जहाँ रायपुर साउथ सीट के लिए उप चुनाव होना है। इस विधानसभा क्षेत्र में मुसलमानों की बड़ी आबादी है। इस स्थिति में, भाजपा और कांग्रेस दोनों के उम्मीदवार वोटरों को लुभाने के लिए कैंपेन कर रहे हैं।

इस बीच, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि “जब भाजपा का उम्मीदवार इस क्षेत्र में प्रचार करने गया, तो उसने एक वृद्ध मुस्लिम व्यक्ति को गले लगाया और उसके गाल पर किस किया।” यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

कांग्रेस का आरोप

जब यह कथित वीडियो वायरल हुआ, तो कांग्रेस ने इसे ड्रामा करार दिया। कांग्रेस नेता सुशील शुक्ला ने कहा, “भाजपा, जो मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाती है, चुनाव में प्रेम की बात कर रही है। मुसलमान भाजपा के चरित्र को जानते हैं, वे इस ड्रामे में नहीं आने वाले।”

Chhattisgarh Bye Election 2024: मुसलमानों के खिलाफ..." कांग्रेस ने BJP उम्मीदवार सुनील सोनी पर साधा निशाना

सुनील सोनी का बयान

इस कथित वीडियो के बारे में, रायपुर साउथ के पूर्व सांसद और भाजपा के उम्मीदवार सुनील सोनी ने कहा, “कांग्रेस इस तरह के झूठे वीडियो को वायरल करके एक व्यक्ति के चरित्र को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।” उन्होंने कहा, “कांग्रेस सामाजिक मुद्दों को खत्म कर रही है और साम्प्रदायिकता को बढ़ावा दे रही है। मैं कांग्रेस को चुनौती देता हूँ कि यह एक लोकतांत्रिक चुनाव है, इसे शालीनता से लड़ें। भाजपा इस पूरे मामले की शिकायत पुलिस स्टेशन में करेगी। रायपुर एक शांति का द्वीप है, कांग्रेस यहाँ अशांति न फैलाए।”

चुनावी माहौल

इस विवाद के बीच, छत्तीसगढ़ में चुनावी माहौल गर्म हो गया है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपने-अपने तरीके से मतदाताओं को लुभाने के लिए हर संभव कोशिशें शुरू कर दी हैं। चुनाव से पहले, इस प्रकार के विवाद राजनीतिक रणनीतियों का एक हिस्सा बनते जा रहे हैं।

यह घटना राजनीतिक प्रचार के दौरान एक नई बहस को जन्म देती है। जहां एक ओर कांग्रेस भाजपा के लिए सवाल खड़े कर रही है, वहीं भाजपा अपने उम्मीदवार का बचाव कर रही है। उप चुनावों में इस प्रकार के विवादों का उठना आम बात है, लेकिन इससे राजनीति में नफरत और साम्प्रदायिकता का जहर फैलने का खतरा रहता है।

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