CBI का छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ठिकानों पर छापा, महादेव ऐप मामले में कार्रवाई

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ठिकानों पर बुधवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने छापा मारा। यह कार्रवाई रायपुर और भिलाई स्थित उनके आवास सहित कई अन्य स्थानों पर की गई। अधिकारियों के अनुसार, यह छापेमारी महादेव बुक मामले से जुड़ी बताई जा रही है। बता दें कि महादेव बुक एक ऑनलाइन सट्टा प्लेटफॉर्म है, जिसे दुबई में रहकर रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर संचालित करते हैं।
भूपेश बघेल के घर CBI की रेड
सीबीआई ने रायपुर और भिलाई स्थित भूपेश बघेल के आवास पर एक साथ छापेमारी की। इसके अलावा, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और बघेल के करीबी सहयोगी के आवास पर भी तलाशी अभियान चलाया गया। हालांकि, सीबीआई ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह छापेमारी किस मामले में की जा रही है।
छापेमारी के दौरान सीबीआई ने बघेल के आवास पर मौजूद दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच की। बताया जा रहा है कि महादेव बुक मामले में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है, जिसमें देशभर में 60 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की गई है।
भूपेश बघेल के कार्यालय ने दी प्रतिक्रिया
सीबीआई की इस कार्रवाई को लेकर भूपेश बघेल के कार्यालय की ओर से बयान जारी किया गया। बयान में कहा गया कि छापेमारी उस समय की गई, जब बघेल दिल्ली जाने की तैयारी कर रहे थे। उन्हें अहमदाबाद में 8 और 9 अप्रैल को होने वाली एआईसीसी बैठक के लिए ड्राफ्टिंग कमेटी की बैठक में शामिल होना था।
बघेल के कार्यालय ने कहा, “पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज दिल्ली जाने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही सीबीआई की टीम ने उनके रायपुर और भिलाई स्थित आवास पर छापा मार दिया।”
ईडी ने पहले की थी रेड
गौरतलब है कि इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी भूपेश बघेल के आवास पर छापा मारा था। ईडी ने 10 मार्च को बघेल के भिलाई स्थित घर पर छापेमारी की थी। यह कार्रवाई उनके बेटे चैतन्य बघेल के खिलाफ कथित शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के तहत की गई थी।
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत बघेल के करीबी सहयोगी लक्ष्मीनारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल के घर सहित 13 अन्य स्थानों पर भी छापेमारी की थी।
महादेव बुक मामले में बड़े खुलासे
सीबीआई ने महादेव बुक मामले में छत्तीसगढ़, भोपाल, कोलकाता और दिल्ली सहित देशभर में 60 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान नेताओं, पुलिस अधिकारियों, सरकारी कर्मचारियों और सट्टा माफिया के ठिकानों को खंगाला गया।
महादेव बुक एक अवैध ऑनलाइन सट्टा प्लेटफॉर्म है, जो दुबई में स्थित रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर द्वारा संचालित किया जाता है। जांच में पता चला है कि इस नेटवर्क के प्रमोटर्स ने अपने अवैध कारोबार को निर्बाध रूप से चलाने के लिए सरकारी अधिकारियों और नेताओं को भारी मात्रा में सुरक्षा राशि दी थी।
महादेव बुक का काला कारोबार
महादेव बुक का अवैध सट्टा कारोबार भारत में कई राज्यों में फैला हुआ है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए लाखों लोगों से पैसे वसूले गए। सीबीआई की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि महादेव बुक के प्रमोटर्स ने सरकारी अधिकारियों को घूस देकर अपनी अवैध गतिविधियों को चलाया।
सीबीआई ने इस दौरान डिजिटल सबूत, दस्तावेज और मोबाइल डेटा जब्त किया है। फिलहाल मामले की जांच जारी है और सीबीआई का दावा है कि जल्द ही मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
कांग्रेस ने कार्रवाई को बताया राजनीतिक प्रतिशोध
सीबीआई की इस कार्रवाई को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह राजनीतिक प्रतिशोध है, क्योंकि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की मजबूत पकड़ को कमजोर करने के लिए बीजेपी सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “भूपेश बघेल को राजनीतिक रूप से कमजोर करने के लिए यह छापेमारी की जा रही है। बीजेपी अपने विरोधियों को डराने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है।”
भूपेश बघेल का बयान
सीबीआई की छापेमारी के बाद भूपेश बघेल ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मैं किसी भी जांच से डरता नहीं हूं। यह बीजेपी की साजिश है, जो मुझ पर दबाव बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है।”
CBI की छापेमारी में जब्त सामान
सीबीआई ने इस छापेमारी में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और नकदी जब्त की है।
छापेमारी में बरामद वस्तुओं में शामिल हैं:
-
महत्वपूर्ण फाइलें और दस्तावेज
-
मोबाइल फोन और लैपटॉप
-
डिजिटल डेटा और बैंक डिटेल्स
-
नकदी और कीमती सामान
मामले में आगे क्या?
सीबीआई फिलहाल महादेव बुक मामले की गहन जांच कर रही है। इस मामले में अब तक कई बड़े नाम सामने आए हैं। महादेव बुक के प्रमोटर्स रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर पहले ही दुबई भाग चुके हैं।
जांच एजेंसी का मानना है कि इस मामले में जल्द ही कुछ अन्य प्रमुख नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।