सुकमा में नक्सलियों का खूनी वार, डिप्टी सरपंच को घर से बुलाकर ले गए और कर दी बेरहमी से हत्या

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से एक बार फिर नक्सल हिंसा की खबर सामने आई है। सोमवार दोपहर लगभग 3 बजे नक्सलियों ने जगारगुंडा थाना क्षेत्र के बेनपल्ली गांव में उपसरपंच मुचकी राम की बेरहमी से हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार मुचकी राम तर्लागुड़ा गांव के उपसरपंच थे और बेनपल्ली गांव में रहते थे। घटना के समय कुछ नक्सली उन्हें उनके घर से बाहर बुलाकर जंगल की ओर ले गए और बाद में उनकी हत्या कर दी गई। पुलिस को जैसे ही घटना की जानकारी मिली, एक टीम को मौके पर भेजा गया और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया।
बस्तर में लगातार बढ़ रही है नक्सल हिंसा
पुलिस ने बताया कि इस साल अब तक बस्तर संभाग के सात जिलों में नक्सलियों ने नौ लोगों की हत्या कर दी है जिनमें सुकमा भी शामिल है। पिछले साल यानी 2024 में बस्तर क्षेत्र में कुल 68 आम नागरिक नक्सल हिंसा का शिकार हुए थे। यह घटनाएं यह साफ दर्शाती हैं कि नक्सली अभी भी ग्रामीण इलाकों में दहशत फैला रहे हैं और ग्राम पंचायत जैसे लोकतांत्रिक संस्थानों के प्रतिनिधियों को भी निशाना बना रहे हैं। पुलिस ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है और आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है ताकि दोबारा ऐसी घटना न हो सके।
नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का अभियान जारी
हाल ही में छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी जिसमें एक नक्सली मारा गया था। इस नक्सली पर आठ लाख रुपये का इनाम घोषित था। यह कार्रवाई जुगाड़ थाना क्षेत्र के मोतिपानी और आसपास के जंगलों में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर की गई थी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि राज्य में नक्सलियों के खिलाफ बड़े स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है और लगातार सफलता मिल रही है। यह अभियान खासतौर पर बस्तर और आसपास के इलाकों में तेज़ी से चल रहा है।
2025 में अब तक मारे गए 145 नक्सली
राज्य सरकार और केंद्रीय एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों से 2025 में अब तक 145 नक्सलियों को मारा जा चुका है जिनमें से 128 नक्सली बस्तर संभाग में मारे गए हैं। गरियाबंद जिला रायपुर संभाग में आता है लेकिन वहां भी अभियान लगातार जारी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हाल ही में कहा कि अगले 10 वर्षों में बस्तर को प्रदेश का सबसे विकसित और बड़ा पर्यटन केंद्र बनाया जाएगा। उन्होंने विश्वास जताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा तय की गई मार्च 2026 की समयसीमा के भीतर नक्सल समस्या का अंत कर दिया जाएगा। राज्य सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है और लोगों को विश्वास दिला रही है कि अब बस्तर में शांति और विकास दोनों का समय आ चुका है।