छत्तीसगढ

Bhupesh Baghel का हमला क्या सिर्फ 20 कॉरपोरेट्स की जेब में सिमटी है भारत की दौलत?

24 मई 2025 को भारत ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की जब उसने जापान को पछाड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा पा लिया। इस खबर की जानकारी नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने दी। उन्होंने बताया कि भारत अब चार ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन चुका है और इसके आगे सिर्फ अमेरिका, चीन और जर्मनी हैं। बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि भारत जल्द ही तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा। यह उपलब्धि ऐसे समय में आई है जब पूरी दुनिया में अमेरिकी टैरिफ को लेकर हलचल मची हुई है और वैश्विक बाजार अस्थिर हो रहे हैं। इस बड़ी सफलता के बावजूद देश के अंदर कुछ सवाल उठाए जा रहे हैं।

पूर्व छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने सोमवार को इस पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह पैसा भारत का है लेकिन असली सवाल यह है कि इस पैसे का मालिक कौन है। भूपेश बघेल ने कहा कि आज आप देश के टॉप 20 कॉरपोरेट्स की संपत्ति देख लीजिए। 2014 के बाद से उनकी दौलत सैकड़ों गुना बढ़ गई है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर भारत इतनी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है तो फिर मनरेगा क्यों बंद है। तेंदूपत्ता की खरीदी क्यों नहीं हो रही। रेलवे में भर्तियां क्यों रुकी हुई हैं। सार्वजनिक उपक्रम क्यों बंद हो रहे हैं और क्यों उनका निजीकरण किया जा रहा है।

चीन से तुलना जरूरी: भूपेश बघेल

भूपेश बघेल ने कहा कि भारत की तुलना जापान से करना ठीक नहीं है क्योंकि जापान एक छोटा देश है। उन्होंने कहा कि भारत की तुलना चीन से की जानी चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि भारत की आबादी चीन से कितनी ज्यादा है और यहां आम लोगों की आर्थिक स्थिति क्या है। उन्होंने कहा कि अगर हम चीन और भारत की प्रति व्यक्ति आय (per capita income) की तुलना करें तो अंतर साफ नजर आता है। भूपेश बघेल ने कहा कि भारत में अर्थव्यवस्था बढ़ने का फायदा आम जनता को मिलना चाहिए न कि सिर्फ अमीर कॉरपोरेट्स को। उनके मुताबिक, असली अर्थव्यवस्था वही होती है जिसका असर हर वर्ग के लोगों तक पहुंचे।

अर्थव्यवस्था की सफलता और आम जनता की उम्मीदें

भारत का चौथे स्थान पर पहुंचना निश्चित ही गर्व की बात है लेकिन इसके साथ ही यह जरूरी है कि आम जनता को भी इसका लाभ मिले। सरकार को देखना होगा कि विकास का फायदा सिर्फ बड़े उद्योगपतियों तक ही सीमित न रह जाए बल्कि मजदूर, किसान, नौकरीपेशा लोग और छोटे व्यापारी भी इससे लाभान्वित हों। भूपेश बघेल जैसे नेता इसलिए सवाल उठा रहे हैं ताकि सरकार जनता की जरूरतों पर ध्यान दे। मनरेगा जैसी योजनाएं, रेलवे में भर्तियां और सार्वजनिक संस्थानों का संरक्षण आम जनता की खुशहाली के लिए जरूरी हैं। आने वाले समय में सरकार पर दबाव रहेगा कि वह इस आर्थिक सफलता को आम लोगों की भलाई में भी बदल सके।

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