सुशील नथानियल की अंतिम यात्रा से पहले सवालों की गूंज, कश्मीर कितना सुरक्षित है?

जम्मू कश्मीर की वादियों में एक बार फिर गोलियों की आवाज ने पूरे देश को दहला दिया है। इस बार आतंक ने 26 मासूम लोगों की जान ले ली है। इन्हीं में से एक थे इंदौर के रहने वाले और एलआईसी अलीराजपुर के रीजनल मैनेजर सुषील नथानियल। 58 वर्षीय सुषील अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने कश्मीर गए थे। लेकिन पहल्गाम की बारासान घाटी में हुए आतंकी हमले में वे गोली का शिकार हो गए। ये हमला ना सिर्फ एक परिवार की खुशियां लील गया बल्कि इंदौर शहर के अभिनंदन नगर MR-10 क्षेत्र में भी शोक की लहर दौड़ गई। बताया गया है कि सुषील नथानियल को आतंकियों ने गोली मार दी थी जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
खुशियों से मातम में बदली पारिवारिक ट्रिप
नथानियल परिवार की यह यात्रा एक सामान्य पारिवारिक ट्रिप थी जो कुछ ही पलों में एक भयानक त्रासदी में बदल गई। सुषील की पत्नी जेनिफर नथानियल सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं और इस हादसे से पूरी तरह टूट चुकी हैं। उनकी बेटी आकांक्षा नथानियल जो बैंक ऑफ बड़ौदा सूरत में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं उन्हें भी आतंकियों की गोली लगी है। उनके पैर में गोली लगी है और फिलहाल उनका इलाज जम्मू कश्मीर में चल रहा है। परिवार मूलतः झाबुआ जिले के जोबट गांव का रहने वाला है लेकिन पिछले 30 वर्षों से इंदौर में ही रह रहा है। परिवार के बेटे ऑस्टिन उर्फ गोल्डी और मां जेनिफर किसी तरह हमले में बच गए लेकिन मानसिक स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है।
पड़ोसियों और रिश्तेदारों की आंखों में आंसू
जैसे ही सुषील नथानियल की मौत की खबर इंदौर पहुंची तो अभिनंदन नगर में मातम पसर गया। पड़ोसियों और रिश्तेदारों की भीड़ उनके घर पर उमड़ पड़ी। सभी ने परिवार को सांत्वना देने की कोशिश की लेकिन हर किसी की आंखें नम थीं। पड़ोसियों का कहना है कि सुषील नथानियल बेहद मिलनसार और मददगार इंसान थे। वे हर किसी से आत्मीयता से मिलते थे और हर जरूरतमंद की सहायता करने के लिए तत्पर रहते थे। उनके निधन की खबर किसी को विश्वास नहीं हो रही थी और पूरा मोहल्ला शोकाकुल है।
प्रशासन और सरकार ने दी हरसंभव मदद का भरोसा
घटना की गंभीरता को देखते हुए इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह खुद नथानियल परिवार से मिलने पहुंचे। उन्होंने इस दुखद घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और बताया कि सुषील नथानियल का पार्थिव शरीर जल्द ही कश्मीर से इंदौर एयरलिफ्ट किया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि मध्य प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन की ओर से परिवार को हरसंभव मदद दी जाएगी। फिलहाल प्रशासन द्वारा सभी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं ताकि शव जल्द से जल्द इंदौर पहुंचाया जा सके और अंतिम संस्कार किया जा सके।
यह हमला न सिर्फ एक व्यक्ति की जान लेने वाला हादसा था बल्कि पूरे समाज को झकझोर देने वाली त्रासदी है। एक सामान्य छुट्टियों की योजना आतंकवाद की आग में झुलस गई और एक परिवार के सपने पल में टूट गए। अब पूरे देश की नजरें सरकार और सुरक्षा एजेंसियों पर हैं कि कब और कैसे इन कायर आतंकियों को उनके किए की सजा मिलेगी।