छत्तीसगढ

Balrampur Ramanujganj: पूर्व पंचायत सचिव संघ के राज्य अध्यक्ष राम रूप मार्कम का निधन, करंट लगने से हुआ हादसा

Balrampur Ramanujganj के पूर्व पंचायत सचिव संघ के राज्य अध्यक्ष राम रूप मार्कम का निधन हो गया है। यह दुखद घटना उनके पैतृक गाँव पशुपतिपुर में उस समय हुई जब वह अपने खेत को पानी दे रहे थे। करंट लगने से गंभीर रूप से घायल हुए राम रूप को तुरंत वाड्रफनगर अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा था। दुर्भाग्यवश, आज सुबह लगभग 9 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके आकस्मिक निधन पर पंचायत सचिव संघ ने गहरा शोक व्यक्त किया है।

हादसे का विवरण

घटना के अनुसार, राम रूप मार्कम रविवार की दोपहर अपने खेत में पानी दे रहे थे। इसी दौरान वह करंट की चपेट में आ गए। स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी स्थिति बिगड़ती चली गई और अंततः उन्होंने दम तोड़ दिया। उनके निधन की खबर सुनकर पूरे राज्य के पंचायत सचिवों में शोक की लहर दौड़ गई।

राम रूप मार्कम का योगदान

राम रूप मार्कम पंचायत सचिवों के अधिकारों के लिए हमेशा एक मजबूत आवाज बने रहे। उन्होंने जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक पंचायत सचिवों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। उनके कार्यकाल में, उन्होंने सचिवों के लिए बेहतर कामकाजी परिस्थितियों और उनके हकों की रक्षा के लिए अनेक प्रयास किए। उनके समर्पण और मेहनत के कारण पंचायत सचिव संघ को कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ मिलीं।

राम रूप मार्कम का व्यक्तित्व बहुत ही मिलनसार और सहयोगी था। वह हमेशा अपने साथियों के साथ खड़े रहते थे और उनकी समस्याओं को हल करने का प्रयास करते थे। उनके निधन से न केवल उनके परिवार को बल्कि पंचायत सचिव संघ को भी अपूरणीय क्षति हुई है।

पंचायत सचिव संघ का शोक संदेश

पंचायत सचिव संघ ने राम रूप मार्कम के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। संघ के अध्यक्ष ने कहा, “राम रूप मार्कम का निधन हम सभी के लिए एक बड़ा झटका है। वह हमेशा हमारे लिए प्रेरणा स्रोत रहे हैं। उनके द्वारा किए गए कार्यों को हम कभी नहीं भूल पाएंगे। हम उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं और इस कठिन समय में उनके साथ खड़े हैं।”

Balrampur Ramanujganj: पूर्व पंचायत सचिव संघ के राज्य अध्यक्ष राम रूप मार्कम का निधन, करंट लगने से हुआ हादसा

स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया

राम रूप मार्कम के निधन के बाद, उनके गाँव पशुपतिपुर और आस-पास के क्षेत्रों में शोक की लहर दौड़ गई है। स्थानीय निवासियों ने उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की है और उनके योगदान को याद किया है। लोग कह रहे हैं कि राम रूप हमेशा गाँव के विकास के लिए चिंतित रहते थे और उन्होंने पंचायत सचिवों के हितों के लिए कई बार संघर्ष किया।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया

जिला प्रशासन ने भी राम रूप मार्कम के निधन पर शोक व्यक्त किया है। अधिकारियों ने कहा कि उनकी कार्यशैली और निस्वार्थ सेवा से पंचायत सचिवों को हमेशा प्रेरणा मिली। प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया कि वे उनके परिवार की हर संभव सहायता करेंगे और इस दुखद घटना के कारणों की जांच की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों।

ग्रामीणों की यादें

राम रूप मार्कम के करीबी सहयोगियों और दोस्तों ने उन्हें याद करते हुए कहा कि वह एक बहुत ही साधारण और ईमानदार व्यक्ति थे। उनका जीवन सभी के लिए प्रेरणा था। एक मित्र ने बताया, “राम रूप हमेशा दूसरों की मदद के लिए आगे रहते थे। उनका जाना एक बहुत बड़ा नुकसान है। हम हमेशा उन्हें याद करेंगे।”

पंचायत सचिवों के लिए उनकी दृष्टि

राम रूप मार्कम का मानना था कि पंचायत सचिवों को उनके कार्य के लिए उचित मान-सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने कई बार यह मुद्दा उठाया कि सचिवों को बेहतर वेतन, प्रशिक्षण और काम करने की सुविधाएँ प्रदान की जानी चाहिए। उनकी इसी सोच ने पंचायत सचिव संघ को और भी मजबूत बनाया।

भविष्य की चुनौतियाँ

राम रूप मार्कम के निधन के बाद अब पंचायत सचिवों को अपनी आवाज को और मजबूत करने की आवश्यकता है। यह समय है कि सभी सचिव एकजुट होकर उनके अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए आगे बढ़ें। उन्हें उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों को आगे बढ़ाना होगा और पंचायत सचिवों के हक के लिए लड़ाई जारी रखनी होगी।

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