Assam: असम पुलिस ने सीमा से 17 बांग्लादेशियों को वापस भेजा, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने प्रसंशा की

Assam: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने शनिवार को जानकारी दी कि राज्य पुलिस ने सीमा से 17 बांग्लादेशियों को वापस भेज दिया है, जिसमें 8 बच्चे भी शामिल हैं। यह कार्रवाई इस बात का संकेत है कि असम में बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। शर्मा ने चेतावनी दी कि भारत में रोहिंग्याओं की स्थिति चिंताजनक है और अवैध घुसपैठ की कोशिशों में वृद्धि हो रही है। उन्होंने इस कार्य के लिए असम पुलिस की सराहना की और कहा, “अच्छा काम।”
बांग्लादेशियों की पहचान
मुख्यमंत्री ने अपनी पोस्ट में उन बांग्लादेशियों के नाम भी साझा किए जो सीमा से वापस भेजे गए। इनमें हरुल लामिन, उमई खुंसुम, मोहम्मद इस्माइल, संसीदा बेगम, रुफिया बेगम, फातिमा खातुन, मोजर रहमान, हबीबुल्ला और सोबिका बेगम शामिल हैं। पिछले सप्ताह भी असम पुलिस ने कारीमगंज जिले के अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट से चार बांग्लादेशियों की घुसपैठ की कोशिश को विफल किया था।
लगातार भेजे जा रहे हैं घुसपैठिए
मुख्यमंत्री शर्मा ने बताया कि इस महीने अब तक लगभग 25 घुसपैठियों को असम से बांग्लादेश वापस भेजा गया है। उन्होंने कहा, “भारत-बांग्लादेश सीमा पर सख्त निगरानी रखते हुए असम पुलिस ने कारीमगंज के निकट सीमा पर चार बांग्लादेशी नागरिकों को देखा। वे रोमीदा बेगम, अब्दुल इलाही, मरीजाना बेगम और अब्दुल सुखूर के रूप में पहचाने गए। इन्हें तुरंत बांग्लादेश के पार भेज दिया गया। टीम ने शानदार काम किया।” अगस्त के अंत तक लगभग 50 बांग्लादेशियों को भी वापस भेजा गया था।
सुरक्षा बलों की चौकसी
असम पुलिस ने सीमा पर ‘हाई अलर्ट’ बनाए रखा है। हिमंत बिस्वा शर्मा ने बांग्लादेश में राजनीतिक संकट के बाद बड़ी संख्या में घुसपैठ की आशंका जताई थी। उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी नागरिक असम को दक्षिणी शहरों में काम करने के लिए एक मार्ग के रूप में उपयोग कर रहे हैं। बांग्लादेश में हुई हिंसा के बाद सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने उत्तर पूर्व में 1,885 किलोमीटर लंबे भारत-बांग्लादेश सीमा पर निगरानी बढ़ा दी है। असम के पुलिस महानिदेशक जी.पी. सिंह ने कहा कि राज्य पुलिस बल भी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ‘हाई अलर्ट’ बनाए रख रहा है ताकि कोई भी व्यक्ति अवैध रूप से राज्य में प्रवेश न कर सके।
रोहिंग्या घुसपैठ की चिंता
मुख्यमंत्री शर्मा ने रोहिंग्याओं की समस्या के बारे में भी चेतावनी दी, जिसमें उन्होंने कहा कि यह एक वास्तविक और गंभीर खतरा है। उन्होंने कहा कि असम केवल भारत-बांग्लादेश सीमा का एक हिस्सा की सुरक्षा कर रहा है, जबकि कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां घुसपैठ की कोशिशें की जा सकती हैं। इस संदर्भ में, असम पुलिस का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि यह न केवल राज्य की सुरक्षा को सुनिश्चित करता है, बल्कि भारत की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है।
राज्य सरकार का समर्थन
राज्य सरकार बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने असम पुलिस के इस कार्य की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे अभियानों को जारी रखा जाना चाहिए। उनकी सरकार अवैध घुसपैठ के खिलाफ कड़े कानून बनाने की योजना बना रही है ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों को रोका जा सके।