अमेरिका के नए राष्ट्रपति Donald Trump का कनाडा को 51वां राज्य बनाने का प्रस्ताव, क्या है पूरा मामला?
अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump के नवीनतम बयान और सोशल मीडिया पोस्ट ने कनाडा में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। ट्रम्प ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म “ट्रुथ सोशल” पर एक नया नक्शा साझा किया, जिसमें कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य दिखाया गया है। इसके साथ ही ट्रम्प ने “ओह कनाडा” लिखा, जिससे कनाडा में हलचल मच गई है। इस पोस्ट पर कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
ट्रम्प का कनाडा को अमेरिका का हिस्सा बनाने का प्रस्ताव
डोनाल्ड ट्रम्प का यह कदम एक बार फिर कनाडा और अमेरिका के रिश्तों में तनाव बढ़ाने का कारण बन रहा है। ट्रम्प ने पहले भी कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने का प्रस्ताव दिया था और यहां तक कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को इस नए राज्य का गवर्नर बनने का ऑफर भी दिया था। ट्रम्प का कहना था कि इस कदम से कनाडा की अर्थव्यवस्था कई गुना तेजी से बढ़ेगी।
हालांकि, ट्रूडो ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था और यह मामला अमेरिका और कनाडा के बीच एक विवाद बन गया था। ट्रम्प ने कनाडा पर कई बार भारी शुल्क लगाने की धमकी दी थी, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा था। अब, ट्रम्प ने फिर से अपने बयान से विवाद को हवा दी है, जब उन्होंने कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की बात की और इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से बेहतर बताया।
ट्रम्प का आर्थिक दबाव डालने का बयान
अपने ताजा बयान में ट्रम्प ने कहा कि वह कनाडा को अमेरिका का हिस्सा बनाने के लिए “आर्थिक दबाव” का इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं आर्थिक ताकत का इस्तेमाल करूंगा क्योंकि यह कनाडा और अमेरिका दोनों के लिए एक बड़ा अवसर होगा।” ट्रम्प का यह बयान कनाडा में एक नई बहस का कारण बन गया, और कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इसे गंभीरता से लिया।
There isn’t a snowball’s chance in hell that Canada would become part of the United States.
Workers and communities in both our countries benefit from being each other’s biggest trading and security partner.
— Justin Trudeau (@JustinTrudeau) January 7, 2025
फ्लोरिडा के “मार-ए-लागो” रिसॉर्ट में जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या वह कनाडा को अधीन करने और उसे अपने देश में मिलाने के लिए सैन्य बल का इस्तेमाल करेंगे, तो ट्रम्प ने इसका साफ इनकार किया। हालांकि, ट्रम्प ने बार-बार यह कहा कि वह कनाडा को अमेरिका का हिस्सा बनाना चाहते हैं।
ट्रम्प का राष्ट्रीय सुरक्षा पर बयान
कनाडा को अमेरिका का हिस्सा बनाने के अपने विचार को स्पष्ट करते हुए ट्रम्प ने कहा कि “आप उस कृत्रिम रूप से खींची गई सीमा को हटा सकते हैं और देख सकते हैं कि यह कैसा दिखेगा। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी बेहतर होगा।” उनका कहना था कि अमेरिका पहले ही कनाडा की रक्षा में भारी खर्च करता है, और इस फैसले से दोनों देशों के लिए सुरक्षा के लिहाज से लाभ होगा। ट्रम्प का यह बयान कनाडा में विवाद को और बढ़ा दिया है।
जस्टिन ट्रूडो की कड़ी प्रतिक्रिया
ट्रम्प के इस बयान के बाद, कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म “X” (जो पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर एक पोस्ट करते हुए कहा, “कनाडा का अमेरिका का हिस्सा बनने का कोई सवाल नहीं है।” ट्रूडो ने यह भी कहा कि “हम दोनों देशों के बीच व्यापार और सुरक्षा साझेदारी से बहुत कुछ लाभ होता है, और यह हमारे लोगों के लिए फायदेमंद है।”
इसके अलावा, ट्रम्प के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्रूडो ने यह भी कहा कि कनाडा और अमेरिका के बीच संबंध एक साझेदारी पर आधारित हैं, न कि अधीनता पर। उन्होंने ट्रम्प की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाएगा, जो कनाडा की स्वतंत्रता और संप्रभुता को खतरे में डाले।
ट्रम्प का व्यापार पर बयान
ट्रम्प ने कनाडा के खिलाफ व्यापारिक दबाव बनाने की बात की और कहा कि “हम अब कनाडा को आर्थिक सहायता नहीं दे सकते। हम कनाडा की रक्षा में हर साल सौ अरबों डॉलर खर्च कर रहे हैं और हम एक बड़ी व्यापार घाटे का सामना कर रहे हैं। हमें उनके वाहन नहीं चाहिए, वे हमारी कारों का 20 प्रतिशत बनाते हैं, हमें उनकी जरूरत नहीं है।”
उन्होंने यह भी कहा कि “कनाडा हमारे दूध, कृषि उत्पादों और अन्य चीजों को नहीं खरीदता है। हमें इन चीजों की कोई जरूरत नहीं है।” ट्रम्प का यह बयान स्पष्ट रूप से कनाडा को धमकी देने जैसा था कि अगर वह अमेरिका का हिस्सा नहीं बनता, तो वह इस प्रकार के व्यापारिक दबाव का सामना करेगा।
यूरोपीय संघ पर ट्रम्प का रुख
ट्रम्प ने यूरोपीय संघ के खिलाफ भी अपने बयान में यह कहा कि “हम यूरोपीय संघ के साथ भी ऐसा संबंध नहीं रखेंगे, जैसा हम कनाडा के साथ रखते हैं। हमारे साथ उनका व्यापार घाटा 350 बिलियन डॉलर है, और वे हमारी कारें, कृषि उत्पाद या कोई भी चीज नहीं लेते हैं।” यह संकेत था कि वह कनाडा के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को दोबारा से खड़ा करने के लिए तैयार नहीं हैं, यदि वह अमेरिका का हिस्सा नहीं बनता।
डोनाल्ड ट्रम्प के बयान और सोशल मीडिया पोस्ट ने अमेरिका और कनाडा के बीच एक नए विवाद को जन्म दिया है। ट्रम्प के विचार से यह बात पूरी तरह स्पष्ट होती है कि वह कनाडा को अमेरिका का हिस्सा बनाना चाहते हैं और इसके लिए वह आर्थिक दबाव का इस्तेमाल करने को तैयार हैं। वहीं, कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस विचार को नकारते हुए कनाडा की स्वतंत्रता और संप्रभुता की रक्षा का पक्ष लिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का भविष्य में क्या असर पड़ेगा और अमेरिका और कनाडा के रिश्तों में क्या बदलाव आएगा।