अधिवक्ता बीके माला ने प्रेस वार्ता कर लोकनिर्माण विभाग के फर्जीवाड़ा को किया उजागर
लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री पर करोड़ो के भ्रस्टाचार का लगा आरोप।
संविदाकार के मिलीभगत से निर्माण कार्य के खनिज की रॉयल्टी में किया गया फर्जीबाड़ा।
कुशमेन्द्र सिंह
दैनिक मीडिया ऑडीटर/रीवा/समाज सेवी व बरिष्ट अधिवक्ता बीके माला ने आज प्रेस वार्ता कर लोकनिर्माण विभाग क्रमांक 1 के वर्तमान कार्यपालन यंत्री मनोज कुमार द्विवेदी पर करोड़ो रुपये के भ्रस्टाचार करने का आरोप लगाए है उन्होंने बताया कि मनोज कुमार द्विवेदी द्वारा फर्जी मनगढ़ंत दस्तावेज तैयार करके संविदाकार से मिलकर निर्माण कार्य के खनिज की रॉयल्टी का फर्जी आदेश तैयार करके लगभग 3 करोड़ 30 लाख की राशि का भुगतान करके आपस में बांट लिया गया। इस प्रकरण के बिंदुओं की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराए जाने के संबंध में शिकायती आवेदन पत्र आयुक्त रीवा को दिया गया।
उन्होंने बताया कि मनोज कुमार द्विवेदी प्रभारी कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग क्रमांक 1 रीवा एवं तत्कालीन प्रभारी कार्यपालन यंत्री सतना मध्य प्रदेश के पद पर रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग करते हुए नियमों को ताक में रखकर फर्जी मनगढ़ंत दस्तावेज तैयार करके कई करोड़ की राशि सड़क व अन्य निर्माण के नाम पर कई संविदाकारों से साथ साठगांठ करके अपने निजी लाभ लालच में फर्जी दस्तावेज के आधार पर शासकीय राशि का व्यापक पैमाने पर गवन किया गया है जो की गंभीर है श्री द्विवेदी अपने पद का दुरुपयोग करते हुए जब सतना में पदस्थ थे तब उनके द्वारा अनुबंध क्रमांक 3/डीएल / सी आर एफ/2017-18 दिनांक 12/5/2017 के अनुसार निर्माण कार्य सेमरिया बानकुइयां रोड से गाजन माझियार बकिया लौलाछ मगरवार भटिगवा खाम्हा धोडी किछवारिया इटौर मैनपुरा अकौना टिकरी खमरिया गोरैया मार्ग निर्माण कार्य संविदाकार एस आर कंस्ट्रक्शन कंपनी गौतम बुद्ध नगर नोएडा दिल्ली के द्वारा निर्माण कार्य में लगाई गई खनिज लगभग 3.50 करोड की रॉयल्टी की राशि पूर्व के कार्यपालन यंत्री विश्वकर्मा जी के द्वारा पीडब्ल्यूडी में जमा कर ली गई थी क्योंकि ठेकेदार के द्वारा रॉयल्टी का रमन्ना जमा नहीं किया गया था और निर्माण कार्य फाइनल कर गए थे ।
इसी बीच उनका रिटायरमेंट हो गया और शमनोज कुमार द्विवेदी की पदस्थापना हुई तो इनके द्वारा संविदाकार से मिलकर फर्जी रिकॉर्ड तैयार कराया गया जिसमें फर्जी रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र बनाया गया तथा उसको सर्टिफाइड कराने के लिए खनिज अधिकारी रीवा को पत्र क्रमांक 1204/सी आर एफ/सतना दिनांक 27/01 07/2021 के द्वारा रॉयल्टी क्लीयरेंस एनओसी क्रमांक 20210058879 में दर्ज गिट्टी की मात्रा 206089.96 घन मीटर एवं बालू की मात्रा 73442.30 घन मीटर जिसकी राशि क्रमशः 22669895.60 एवं 7344230.00 रुपए को सर्टिफाइड करने के लिए पत्र तैयार किया गया।
फिर यह पत्र खनिज अधिकारी रीवा के यहां नहीं गया उनके यहां कहीं आवक रजिस्टर में दर्ज नहीं है और खनिज अधिकारी की तरफ से भी फर्जी पत्र क्रमांक 1494/खनिज/21-22 दिनांक 29/7/2021 खनिज अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर एवं सील लगाकर लोक निर्माण विभाग सतना में जमा कर दिया गया फिर प्रभारी कार्यपालन यंत्री मनोज कुमार द्विवेदी के द्वारा जमा रॉयल्टी की राशि का भुगतान ठेकेदार के खाते में डाल दिया गया और ठेकेदार और मनोज द्विवेदी मन माफीक बटवारा कर लिया गया मेरे द्वारा खनिज कार्यालय रीवा से जानकारी ली गई है उनका कहना है कि उनके यहां से यह पत्र जारी नहीं किया गया है ऐसा प्रतीत होता है इस प्रकरण से शासन की छवि धूमिल किया जा रहा है।
जिसके लिए अधिवक्ता ने मनोज कुमार द्विवेदी को उनके पद से हटाकर उक्त प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए नियम विरुद्ध फर्जी भुगतान एवं फर्जी आदेश बनाकर राशि आहरित करना शासन की राशि का खुले आम दुषप्रयोग किया गया जो की गंभीर वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है एवं किसी अधिकारी के फर्जी आदेश बनाकर फर्जी हस्ताक्षर करके राशि आहरित करना पद का दुरुपयोग करना कदाचरण की श्रेणी में आता है इस प्रकरण की उच्च स्तरीय टीम गठित करके दोषी व्यक्तियों एवं अधिकारियों के ऊपर अमानत में खयानत एवं 420 का तथा अन्य धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराए जाने की मांग है।