सुकमा-ओडिशा सीमा पर नक्सलियों के बड़े ठिकाने का भंडाफोड़, भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद
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पुलिस और बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) के जवानों ने सुकमा और ओडिशा सीमा से लगे जंगलों में चलाए गए तलाशी अभियान के दौरान नक्सलियों के छिपाए गए भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए हैं। ये सामान चार अलग-अलग स्थानों पर छिपाए गए थे, जिन्हें सुरक्षाबलों ने खोज निकाला और नष्ट कर दिया।
गुप्त सूचना के आधार पर हुआ ऑपरेशन
सुरक्षाबलों को गुप्त सूचना मिली थी कि नक्सलियों ने सिलाकोटा रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र में भारी मात्रा में विस्फोटक और हथियार छिपाए हैं। इस सूचना के आधार पर पुलिस और बीएसएफ के जवानों ने एक संयुक्त तलाशी अभियान चलाया। जंगलों की गहन तलाशी के बाद, जवानों को चार अलग-अलग स्थानों पर विस्फोटक सामग्री और हथियारों का जखीरा मिला।
क्या-क्या बरामद हुआ?
पुलिस और बीएसएफ जवानों को जिन सामानों का भंडार मिला, उनमें शामिल हैं:
- विस्फोटक सामग्री: बड़ी मात्रा में आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस), डेटोनेटर और बारूद बरामद किए गए।
- घातक हथियार: देसी बंदूकें, एसबीएमएल (स्मूथ बोर मझोलोदी लोडिंग) गन और अन्य हथियार मिले।
- छुपाने का तरीका: नक्सलियों ने इन सामानों को पत्थरों के बीच की गुफाओं और पेड़ों के नीचे गड्ढों में छिपा रखा था।
- आईईडी बम: सुरक्षाबलों को 2, 3 और 5 किलो वजन के प्रेशर कुकर-टिफिन आईईडी भी मिले।
नक्सलियों के इरादे थे खतरनाक
इस बरामदगी से साफ जाहिर होता है कि नक्सली किसी बड़े हमले की फिराक में थे। आईईडी और विस्फोटक का जखीरा इस बात की पुष्टि करता है कि वे सुरक्षाबलों या आम जनता को निशाना बनाने के लिए घातक योजना बना रहे थे।
कैसे पकड़े गए नक्सलियों के ठिकाने?
इस ऑपरेशन में ड्रोन कैमरों और आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया। पुलिस को पहले ही इन जंगलों में संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिल रही थी। इलाके में गश्त बढ़ाने और खोजी कुत्तों की मदद से नक्सलियों के ठिकानों को खोजा गया। जब जवानों ने जंगलों की गहराई में जाकर तलाशी अभियान चलाया, तब छिपाए गए हथियार और विस्फोटक पकड़े गए।
खतरनाक आईईडी को किया नष्ट
बरामद आईईडी और अन्य विस्फोटकों को सुरक्षा के लिहाज से तुरंत निष्क्रिय कर दिया गया। बम निरोधक दस्ते ने जंगल में ही इन विस्फोटकों को डिफ्यूज किया, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
बीएसएफ और पुलिस का संयुक्त अभियान सफल
इस तलाशी अभियान को सफल बनाने में बीएसएफ और ओडिशा पुलिस के जवानों की अहम भूमिका रही। सिलाकोटा रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र में यह अभियान कई घंटों तक चला। जंगलों की कठिन परिस्थितियों के बावजूद सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के इस खतरनाक जखीरे को पकड़कर बड़ी सफलता हासिल की।
नक्सलियों पर सुरक्षा बलों का शिकंजा और मजबूत
इस ऑपरेशन के बाद पुलिस और बीएसएफ ने इलाके में अपनी गश्त बढ़ा दी है। सुरक्षाबलों का कहना है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं और आने वाले दिनों में नक्सलियों के खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “हमने इस ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों के कई ठिकानों की पहचान कर ली है। आने वाले दिनों में और भी बड़े ऑपरेशन चलाए जाएंगे।”
स्थानीय लोगों को किया जा रहा जागरूक
नक्सल प्रभावित गांवों में सुरक्षाबलों द्वारा जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। ग्रामीणों को नक्सलियों की गतिविधियों की जानकारी देने और सुरक्षा बलों से सहयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके अलावा, पुलिस ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत जानकारी दें।
सरकार का नक्सल उन्मूलन अभियान जारी
राज्य और केंद्र सरकार लगातार नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए योजनाएं बना रही हैं। इस अभियान में नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षाबलों की तैनाती के साथ-साथ स्थानीय लोगों के विकास पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
सरकार की योजनाओं में शामिल हैं:
✔ सुरक्षा अभियान: नक्सली गतिविधियों को खत्म करने के लिए सख्त सुरक्षा अभियान चलाए जा रहे हैं।
✔ विकास योजनाएं: सड़कों, स्कूलों, अस्पतालों और रोजगार के अवसरों को बढ़ाया जा रहा है।
✔ समर्पण नीति: नक्सलियों के लिए आत्मसमर्पण करने और मुख्यधारा में लौटने की योजना चलाई जा रही है।
नक्सलियों की कमर टूटने के संकेत
हाल के महीनों में सुरक्षाबलों ने कई नक्सलियों को मार गिराया है और बड़ी मात्रा में हथियार भी बरामद किए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अब नक्सलियों की ताकत कमजोर हो रही है और वे बचाव की मुद्रा में आ गए हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमारा लक्ष्य सिर्फ नक्सलियों को मारना नहीं, बल्कि उन्हें मुख्यधारा में लाना भी है। अब नक्सली अपने ही इलाकों में सुरक्षित नहीं हैं।”
सुकमा-ओडिशा सीमा पर नक्सलियों के ठिकाने का भंडाफोड़ और भारी मात्रा में हथियार व विस्फोटकों की बरामदगी सुरक्षा बलों के लिए बड़ी सफलता है। यह ऑपरेशन दर्शाता है कि नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो रही है और उनकी गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है।
सरकार और सुरक्षाबलों की कोशिशों से नक्सल प्रभावित इलाकों में धीरे-धीरे शांति बहाल हो रही है। यदि इस तरह के ऑपरेशन जारी रहे, तो आने वाले वर्षों में नक्सलवाद पूरी तरह खत्म हो सकता है।