CM योगी की बैठक में हुआ खुलासा – यूपी में अनाज की पैदावार ने तोड़ा 8 साल का रिकॉर्ड!

रविवार को लखनऊ में कृषि विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खेती के हर पहलू पर गहराई से चर्चा की। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016-17 में जहां उत्तर प्रदेश में खाद्यान्न उत्पादन 557.46 लाख मीट्रिक टन था वहीं अब यह बढ़कर 725.12 लाख मीट्रिक टन से अधिक हो गया है। यानी बीते आठ वर्षों में 167.66 लाख मीट्रिक टन की जबरदस्त वृद्धि हुई है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि दालों और तिलहनों का उत्पादन भी दोगुने से अधिक हो गया है। यह उत्तर प्रदेश की कृषि नीति की सफलता का बड़ा उदाहरण है।
बीज की गुणवत्ता और मौसम के अनुकूलता पर ज़ोर
मुख्यमंत्री योगी ने बीजों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि बीजों को मौसम और क्षेत्र के अनुसार तैयार किया जाना चाहिए ताकि किसानों को जलवायु के अनुसार अच्छी फसल मिल सके। उन्होंने बीजों की प्रामाणिकता के लिए मजबूत व्यवस्था बनाने को कहा जिससे किसानों को सही और गुणवत्ता वाले बीज उचित मूल्य पर मिल सकें। इसी क्रम में लखनऊ में प्रस्तावित ‘चौधरी चरण सिंह सीड पार्क’ को जल्द शुरू करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने इसे बीज क्षेत्र में क्रांति लाने वाला कदम बताया।
मुख्यमंत्री योगी ने कृषि उपकरणों पर मिलने वाली सब्सिडी को पारदर्शी और सभी विकासखंडों में संतुलित रूप से वितरित करने का आदेश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया की पूरी जानकारी किसानों तक प्रचार के माध्यम से पहुंचे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने ‘श्री अन्न’ जैसे पोषक अनाजों और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए एक ठोस रणनीति बनाने का निर्देश भी दिया। उन्होंने कहा कि जैविक उत्पादों का प्रमाणन इस तरह किया जाए जिससे किसान बाजार में सही मूल्य प्राप्त कर सकें। इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और उपभोक्ताओं को शुद्ध और स्वस्थ आहार मिलेगा।
किसान ही नए उत्तर प्रदेश का निर्माता: मुख्यमंत्री योगी
मुख्यमंत्री ने बैठक में यह भी बताया कि अब तक 2.81 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत सीधे आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। उन्होंने इसे किसानों की आय बढ़ाने और शासन की पारदर्शिता का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा कृषि राज्य है और यहां की 60 प्रतिशत से अधिक आबादी खेती पर निर्भर है। राज्य सरकार पारंपरिक खेती के साथ-साथ तकनीक और शोध को बढ़ावा देकर किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। मुख्यमंत्री योगी ने दोहराया कि अब किसान केवल अन्नदाता नहीं बल्कि नए उत्तर प्रदेश के निर्माता हैं।