छत्तीसगढ

Chhattisgarh के बिलासपुर जिले में जहरीली शराब से 7 मौतें, 4 लोग गंभीर हालत में

Chhattisgarh के बिलासपुर जिले के कोनी थाना क्षेत्र स्थित लोफांडी गांव में जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत हो गई है। इस घटना में चार अन्य लोग भी गंभीर रूप से बीमार हो गए हैं और उनका इलाज बिलासपुर के SIMS अस्पताल में किया जा रहा है। यह घटना पिछले चार दिनों में घटित हुई है, और इसने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है।

घटना का विवरण

लोफांडी गांव के लोगों के अनुसार, कई लोगों ने हाल ही में जहरीली शराब का सेवन किया था, जिसके बाद उनकी तबियत खराब होने लगी। धीरे-धीरे उनके स्वास्थ्य में गिरावट आई और सात लोगों की मौत हो गई। इस घटना में मरने वालों में गांव के सरपंच के भाई का नाम भी शामिल है।

सार्वजनिक सूचना के बाद प्रशासन और पुलिस गांव में पहुंची, लेकिन जब तक वे वहां पहुंचे, तब तक सभी मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया था। केवल एक शव बचा था, जिसे पोस्ट-मॉर्टम के लिए छत्तीसगढ़ मेडिकल कॉलेज, बिलासपुर भेजा गया है।

सर्पंच का बयान

गांव के सरपंच रामधर सुन्हाले ने बताया कि इस घटना में नौ लोगों की मौत हुई है, जबकि प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस ने सात मौतों की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, “पिछले चार दिनों में गांव में मौतों की संख्या काफी बढ़ गई। प्रशासन और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन दुख की बात है कि अधिकांश शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है।”

Chhattisgarh के बिलासपुर जिले में जहरीली शराब से 7 मौतें, 4 लोग गंभीर हालत में

सरपंच ने यह भी कहा कि यह घटना बहुत ही दुखद है और वह चाहते हैं कि मृतकों के परिवारों को उचित मुआवजा और सहायता मिले। साथ ही, उन्होंने गांव में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है।

स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया

वहीं, छत्तीसगढ़ राज्य स्वास्थ्य विभाग ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है। विभाग ने सभी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वे जहरीली शराब पीने से प्रभावित लोगों का इलाज करें और मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच करें। जिला प्रशासन ने यह भी आदेश दिया है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।

जहरीली शराब की समस्या छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में आम है, जहां अवैध शराब के निर्माण और वितरण की घटनाएं लगातार सामने आती रहती हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि इन मौतों की जांच की जा रही है, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस की कार्रवाई और जांच

पुलिस ने इस मामले में अपनी जांच शुरू कर दी है और यह सुनिश्चित करने के लिए कि घटनास्थल पर और कोई अवैध शराब का कारोबार न हो, तलाशी अभियान जारी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अवैध शराब का कारोबार करने वाले व्यक्तियों को पकड़ने के लिए एक टीम गठित की गई है, जो पूरी जांच प्रक्रिया को तेज करेगी।

इसके अलावा, प्रशासन ने भी जांच के आदेश दिए हैं ताकि यह पता चल सके कि इस घटना के पीछे कोई संगठित अपराध तो नहीं है। कुछ सूत्रों के अनुसार, शराब की यह खेप अवैध रूप से निर्मित की गई थी और इसे गांव में बेचने के लिए लाया गया था। अब पुलिस की प्राथमिकता इस नेटवर्क को नष्ट करना है और अवैध शराब के व्यापार में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना है।

स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद, गांववासियों में गुस्सा और भय का माहौल है। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने कई बार प्रशासन और पुलिस से अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अब, इस घटना के बाद स्थानीय लोग प्रशासन से अधिक कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

गांव के कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि यह घटना केवल एक शुरुआत है, क्योंकि अवैध शराब का कारोबार जिले के कई अन्य हिस्सों में भी सक्रिय है। उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया कि इस मामले की गहरी जांच की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि दोषी सख्त सजा पाए।

राज्य सरकार की ओर से आश्वासन

छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है और इस मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। राज्य के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा, “हम इस घटना की गहन जांच करेंगे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न घटें। हम अधिकारियों को निर्देश देंगे कि वे सभी संभावित कारणों का पता लगाएं और जल्दी से जल्दी मामले की रिपोर्ट पेश करें।”

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में घटित यह घटना ने स्थानीय प्रशासन और सरकार को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अवैध शराब के खिलाफ और सख्त कदम उठाए जाएं। इस घटना ने न केवल मृतकों के परिवारों को दुखी किया है, बल्कि यह पूरे जिले में अवैध शराब की समस्या की गंभीरता को भी उजागर कर दिया है। अब यह देखना है कि प्रशासन इस मामले में क्या ठोस कदम उठाता है और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए क्या रणनीति अपनाई जाती है।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button

Discover more from Media Auditor

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue Reading

%d