छत्तीसगढ

बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में 31 नक्सली मारे गए, 11 महिलाएं भी शामिल

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में रविवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 31 नक्सलियों की मौत हो गई। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के बड़े गढ़ को ध्वस्त किया और भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए। मुठभेड़ की जगह से कई वीडियो भी सामने आए हैं, जिसमें पेड़ों पर गोलियों के निशान साफ दिखाई दे रहे हैं, जो इस मुठभेड़ की हिंसा को दर्शाते हैं।

मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों के सामान पर आई आग

वीडियो में यह भी देखा गया कि नक्सलियों द्वारा बनाए गए ठिकाने पर सामान जलकर राख हो गया है। मुठभेड़ के बाद आग लगने से वहां की सामग्री जलकर नष्ट हो गई है। किचन के बर्तन, नक्सलियों द्वारा पोस्टर और बैनर बनाने का सामान, और अन्य सामग्री वहां बिखरी हुई पाई गई। ये सभी सामान नक्सलियों द्वारा मुठभेड़ से पहले इस्तेमाल किए गए थे।

नक्सलियों पर 25 लाख रुपये का इनाम

पुलिस अधिकारियों ने सोमवार को जानकारी दी कि मारे गए 31 नक्सलियों में से 5 नक्सलियों की पहचान की गई है, जिन पर कुल 25 लाख रुपये का इनाम था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इन मारे गए नक्सलियों के पास से 24 हथियार और विस्फोटकों की बड़ी मात्रा बरामद हुई है। इस मुठभेड़ में कुल 11 महिलाएं भी मारी गईं, जिनकी पहचान अभी तक पूरी तरह से नहीं हो पाई है।

नक्सलियों का था आतंक

इन 31 नक्सलियों में बीजापुर के मददीद और फार्सेगढ़ थाना सीमा पर हुई मुठभेड़ में 11 महिलाएं शामिल थीं। मुठभेड़ में सुरक्षाबलों के दो जवान शहीद हो गए और दो अन्य घायल हो गए। यह मुठभेड़ रविवार को उस वक्त हुई जब सुरक्षाबल नक्सलियों के खिलाफ एक विशेष अभियान चला रहे थे।

मुठभेड़ के लिए तैयार की गई योजना

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह मुठभेड़ 7 फरवरी को प्राप्त सूचना के आधार पर हुई थी। उस सूचना में बताया गया था कि तेलंगाना राज्य समिति के नक्सली नेता बंदी प्रकाश, भास्कर और राष्ट्रीय पार्क क्षेत्र समिति के सदस्य फार्सेगढ़-मद्दीद पुलिस थाना क्षेत्र में मौजूद हैं। इसके बाद छत्तीसगढ़ पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड (DRG), स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और बस्तर फाइटर्स की एक संयुक्त टीम को इस ऑपरेशन के लिए भेजा गया।

मुख्य नक्सलियों की पहचान

पुलिस महानिरीक्षक (बस्तर क्षेत्र) सुंदरराज पी ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए 31 नक्सलियों में पांच की पहचान की जा चुकी है। इनमें से एक नक्सली नेता हंग कमा (डिवीजन कमेटी सदस्य) है, जिन पर 8 लाख रुपये का इनाम था। इसके अलावा, मांगू हेर्मला (प्लाटून कमांडर), शुभाष ओयाम (एरिया कमेटी सदस्य), सन्नू और पार्टी सदस्य रमेश की भी पहचान हुई है। पुलिस ने बताया कि हेर्मला, शुभाष और सन्नू पर 5 लाख रुपये का इनाम था, जबकि रमेश पर 2 लाख रुपये का इनाम था।

मुठभेड़ स्थल पर भारी हथियारों और विस्फोटकों की बरामदी

इस मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों के पास से 24 हथियार और विस्फोटकों का बड़ा जखीरा बरामद किया गया है। इसके अलावा, नक्सलियों द्वारा वहां छोड़े गए पोस्टर, बैनर बनाने के सामान, और अन्य सामग्री भी पुलिस को मिली है, जो उनके संगठन के द्वारा किए गए प्रचार कार्य में उपयोग की जाती थी।

पुलिस के शहीद जवानों की श्रद्धांजलि

इस मुठभेड़ के दौरान दो सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए और दो अन्य घायल हो गए। पुलिस विभाग ने इन शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की है। यह मुठभेड़ सुरक्षाबलों के साहसिक अभियान और प्रयासों का परिणाम है, जिसमें नक्सलियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई।

नक्सलियों की रणनीति और सुरक्षा बलों का समर्पण

नक्सलियों के खिलाफ यह कार्यवाही तब हुई जब सुरक्षाबल पूरी योजना के साथ अपने ऑपरेशन में जुटे थे। बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों का अत्यधिक प्रभाव है, और वहां सुरक्षाबलों के लिए यह मुठभेड़ बेहद चुनौतीपूर्ण रही। लेकिन पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नक्सलियों के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा और हर संभव कदम उठाया जाएगा ताकि बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद की समस्या को खत्म किया जा सके।

बीजापुर जिले में हुई मुठभेड़ ने यह साबित कर दिया कि सुरक्षाबल नक्सलवाद के खिलाफ सख्त कदम उठा रहे हैं और नक्सलियों के खिलाफ पूरी तरह से तैयार हैं। इस मुठभेड़ में 31 नक्सलियों की मौत और भारी मात्रा में हथियारों और विस्फोटकों की बरामदगी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि पुलिस और सुरक्षाबल नक्सलवाद के खात्मे के लिए पूरी तरह समर्पित हैं।

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