पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने ‘हिंदू जोड़ों यात्रा’ की शुरुआत की, 29 नवम्बर को होगी समापन
बागेश्वर धाम सरकार के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले से ‘हिंदू जोड़ों यात्रा’ की शुरुआत की है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य हिंदू धर्म को एकजुट करना और लोगों को समाज में व्याप्त जातिवाद के खिलाफ एकजुट होने के लिए प्रेरित करना है। यात्रा 21 नवम्बर को प्रारंभ हुई थी और इसका समापन 29 नवम्बर को होगा। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का कहना है कि इस यात्रा के माध्यम से वे हिंदू समाज में एकता की भावना को जागरूक करना चाहते हैं।
यात्रा का उद्देश्य
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस यात्रा को बागेश्वर धाम से शुरू किया है। उनका मुख्य उद्देश्य हिंदू धर्म को एकजुट करना है। शास्त्री जी का कहना है कि इस यात्रा के माध्यम से हिंदू समाज के लोगों को एकजुट करने का प्रयास किया जाएगा ताकि वे जातिवाद की दीवार को तोड़ सकें और अपने धर्म के प्रति एकजुट हो सकें। यात्रा के पहले दिन ही हजारों भक्तों ने इसमें भाग लिया और इस यात्रा का जोरदार स्वागत किया। इस यात्रा में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री खुद पैदल चलते हुए भक्तों का अभिवादन कर रहे हैं।
यात्रा का मार्ग और विश्राम स्थल
यात्रा की शुरुआत 21 नवम्बर को छतरपुर के बागेश्वर धाम से हुई। यात्रा के पहले दिन का पहला पड़ाव कदारी गांव था, जहां पर भक्तों का जोरदार स्वागत किया गया। इसके बाद, यात्रा 18 किलोमीटर की दूरी तय करके छतरपुर जिले के पिपटच गांव पहुंची। यात्रा के दूसरे दिन को लेकर भी भक्तों में अपार उत्साह था।
23 नवम्बर को यात्रा नौगांव में विश्राम करेगी और इसके बाद, चौथे दिन पंडित शास्त्री जी डोरी डेम में विश्राम करेंगे। पाँचवे दिन यात्रा मौरानपुर में रुकेगी और फिर छठे दिन यात्रा निवारी पहुंचेगी। यात्रा का सातवां और आखिरी दिन 29 नवम्बर को होगा, जब यात्रा ओर्चा धाम के यदव ढाबा होते हुए वहां पहुंचेगी।
समाप्ति पर हिंदू एकता का संकल्प
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का कहना है कि इस यात्रा का समापन 29 नवम्बर को होगा, जब लाखों हिंदू एकत्रित होकर हिंदू एकता का संकल्प लेंगे। यह संकल्प यात्रा के अंतिम पड़ाव पर, ओर्चा धाम में दोपहर 2 बजे लिया जाएगा। इस दौरान पंडित शास्त्री ने यह भी कहा कि इस यात्रा के माध्यम से देश में एक नई क्रांति की शुरुआत होगी, और हिंदू समाज अपने पुराने मतभेदों को भुलाकर एकजुट होगा।
यात्रा का उत्साह और भव्य स्वागत
यात्रा के पहले दिन से ही भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की यात्रा में हजारों की संख्या में भक्त शामिल हो रहे हैं। यात्रा के दौरान पंडित शास्त्री का हर कदम भगतों के बीच जोश और उमंग को बढ़ा रहा है। भक्तों का कहना है कि यह यात्रा हिंदू धर्म की एक नई शुरुआत है, जो समाज को एकजुट करने का कार्य करेगी। यात्रा के दौरान विभिन्न स्थानों पर भक्तों का स्वागत किया जाएगा और यात्रा में भाग लेने वाले भक्तों के बीच हिंदू एकता का संदेश फैलाया जाएगा।
जातिवाद और धार्मिक एकता पर जोर
पंडित शास्त्री ने यात्रा के दौरान यह भी अपील की है कि हिंदू धर्म को एकजुट करने के लिए जातिवाद को समाप्त करना होगा। उन्होंने कहा कि यह यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं है, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन भी है। हर गांव में जातिवाद को समाप्त करके हिंदू समाज को एकजुट करने का संकल्प लेना होगा। उनका मानना है कि अगर हिंदू समाज एकजुट हो जाएगा, तो समाज में फैली हुई कई समस्याओं का समाधान संभव होगा।
नया इतिहास लिखने की अपील
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का कहना है कि इस यात्रा के माध्यम से देश में नया इतिहास लिखा जाएगा। 29 नवम्बर को ओर्चा धाम में होने वाली सभा में लाखों लोग एकत्रित होकर हिंदू धर्म की एकता का संकल्प लेंगे। पंडित शास्त्री का यह भी कहना है कि बागेश्वर बाबा के आशीर्वाद से यह यात्रा सफलता की ओर बढ़ रही है और इसके माध्यम से हिंदू धर्म के सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम बढ़ाया जा रहा है।
धार्मिक यात्रा और समाजिक संदेश
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य धर्म के प्रचार के साथ-साथ समाज में एकता और भाईचारे का संदेश देना है। पंडित शास्त्री ने यात्रा के दौरान समाज के हर वर्ग से अपील की है कि वे इस यात्रा में शामिल होकर हिंदू धर्म को और मजबूती से स्थापित करने में अपनी भागीदारी निभाएं। उनका मानना है कि हिंदू धर्म की मजबूती से ही देश में एकता और शांति का वातावरण बनेगा।
यात्रा की सफलता और आगे की दिशा
यात्रा के पहले ही दिन से पंडित शास्त्री की यात्रा को अभूतपूर्व सफलता मिली है। भक्तों का जनसैलाब यह दिखाता है कि पंडित शास्त्री के संदेश का लोगों पर गहरा असर हुआ है। पंडित शास्त्री के अनुसार, इस यात्रा के बाद हिंदू समाज में एक नई जागरूकता आएगी और लोग अपनी धार्मिक पहचान को लेकर और अधिक जागरूक होंगे। वे आश्वस्त हैं कि इस यात्रा के बाद हिंदू धर्म को एक नया मुकाम मिलेगा।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की ‘हिंदू जोड़ों यात्रा’ न केवल एक धार्मिक यात्रा है, बल्कि यह हिंदू समाज के एकजुट होने की आवश्यकता का प्रतीक बन चुकी है। यात्रा का उद्देश्य हिंदू धर्म को मजबूती देना और समाज में फैले हुए जातिवाद को समाप्त करना है। यात्रा के दौरान पंडित शास्त्री का संदेश साफ है – “हिंदू समाज को एकजुट करके समाज में शांति और समृद्धि लाना।” 29 नवम्बर को ओर्चा धाम में होने वाला संकल्प हिंदू धर्म के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।