उत्तर प्रदेश

योगी आदित्यनाथ का बड़ा ऐलान- यूपी की अर्थव्यवस्था मार्च 2025 तक पहुंचेगी 32 लाख करोड़

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को 2024 के विश्व हिंदू आर्थिक मंच में शिरकत की। इस मंच पर मुख्यमंत्री ने 2017 के बाद उत्तर प्रदेश में आई समृद्धि पर चर्चा की और पिछली सरकारों की नीतियों की आलोचना भी की। उन्होंने महाकुंभ-2025 का आह्वान करते हुए कहा कि यह कुंभ विश्वास और आधुनिकता का एक मॉडल प्रस्तुत करेगा। इस आयोजन के माध्यम से यूपी की विकास गाथा को पूरी दुनिया तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में तेजी से बदलाव

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 12.5 से 13 लाख करोड़ था, जबकि मार्च 2025 तक यह 32 लाख करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि यूपी का आर्थिक विकास न केवल राज्य के लिए बल्कि देश के लिए भी महत्वपूर्ण है। 2017 के बाद यूपी ने कई सुधारों और नीतियों के माध्यम से अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है।

विपक्ष की नीतियों पर निशाना

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस और विपक्षी नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने 2007 में यूपी के दौरे पर यह कहा था कि भारत कभी समृद्ध देश नहीं रहा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग राम और श्री कृष्ण जैसे महान व्यक्तित्वों को मिथक मानते हैं और भारत की सांस्कृतिक धरोहर का अपमान करते हैं। योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि जब बहुसंख्यक समुदाय के हितों की बात की जाती है तो विपक्षी दल इस पर आपत्ति जताते हैं।

संविधान और एक समान नागरिक संहिता पर विचार

मुख्यमंत्री योगी ने संविधान की अहमियत और एक समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में, विशेष रूप से पश्चिमी देशों में, बहुसंख्यक समुदाय के हितों को प्राथमिकता दी जाती है। उन्होंने भारतीय संविधान के खिलाफ चलने वाली गतिविधियों की निंदा की और कहा कि अगर बहुसंख्यक समुदाय के हितों की बात की जाए तो यह कोई अपराध नहीं है।

रामायण और महाभारत पर टिप्पणियां

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस नेताओं पर भी हमला किया और कहा कि कुछ लोग भारतीय संस्कृति और महाकाव्य को नकारते हैं। उन्होंने विशेष रूप से राहुल गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि वह ऐसे व्यक्ति हैं जो कहते हैं कि महर्षि वेदव्यास RSS या BJP से जुड़े थे, जबकि वेदव्यास का कोई भी संबंध इन दलों से नहीं था।

योगी आदित्यनाथ का बड़ा ऐलान- यूपी की अर्थव्यवस्था मार्च 2025 तक पहुंचेगी 32 लाख करोड़

विकास और सांस्कृतिक धरोहर का सामंजस्य

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बताया कि उत्तर प्रदेश ने कैसे सांस्कृतिक धरोहर और विकास को एक साथ मिलाकर विकास किया है। उन्होंने काशी, अयोध्या और मथुरा-वृंदावन में पर्यटन के बढ़ते स्तर का उदाहरण दिया। पहले जहां काशी में 50 लाख पर्यटक आते थे, अब वहां 16 करोड़ पर्यटक आ चुके हैं। अयोध्या में 12 करोड़ और मथुरा में 62 करोड़ पर्यटक आए हैं, जो यूपी की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

यूपी की अर्थव्यवस्था में यूपी का योगदान

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी अब देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 9.2 प्रतिशत योगदान दे रहा है। उन्होंने बताया कि जब उनकी सरकार ने 2017 में सत्ता संभाली थी, तब यूपी भारत की दसवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था, लेकिन अब यह तेजी से आगे बढ़ते हुए भारत की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में शुमार हो गया है। यूपी ने MSME क्षेत्र से 2 लाख करोड़ रुपये का निर्यात किया है और अब यह राज्य भारत के विकास इंजन के रूप में उभर रहा है।

निवेश और औद्योगिकीकरण में वृद्धि

मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में अब कोई पलायन नहीं हो रहा है। दूसरी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए थे। उन्होंने यह भी कहा कि यूपी में 20 एयरपोर्ट संचालित हो रहे हैं, जिनमें से 4 अंतरराष्ट्रीय हैं। जेवर में एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट 2025 में शुरू होने जा रहा है। इसके साथ ही यूपी में रक्षा कॉरिडोर, मेट्रो और रैपिड रेल जैसे विकास कार्यों की भी योजना है।

नौकरी और श्रमिकों के अधिकार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज का भारत श्रमिकों को सम्मान और सुरक्षा प्रदान करता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों की सराहना की, जिन्होंने अयोध्या में श्रमिकों के काम को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 2014 से पहले भारत की स्थिति अलग थी, लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने एक नई दिशा अपनाई है, जिसमें विकास और धरोहर का सम्मान समान रूप से किया जाता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में उत्तर प्रदेश के विकास की यात्रा को दर्शाया और इसे एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यूपी का विकास अब केवल सांस्कृतिक नहीं बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। 32 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ते यूपी ने विकास और धरोहर के सामंजस्य को एक नई दिशा दी है, जो देशभर में एक उदाहरण बनेगा।

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