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क्या ओवैसी का बयान पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाने का दबाव बनाएगा?

पाहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और सरकार के फैसले की सराहना की कि इंदस जल संधि को निलंबित कर दिया गया है। ओवैसी ने कहा कि यह बहुत अच्छा कदम है, लेकिन सवाल यह है कि हम पानी कहां रखेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जो भी कदम केंद्र सरकार उठाएगी, AIMIM उसका समर्थन करेगी, क्योंकि यह राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है।

पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग

ओवैसी ने पाकिस्तान को आतंकवादी समूहों का समर्थन करने वाला देश करार देते हुए केंद्र सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत हमें पाकिस्तान के खिलाफ हवाई और नौसैनिक नाकाबंदी लगाने का अधिकार है। इसके अलावा पाकिस्तान को हथियारों की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाना चाहिए। ओवैसी ने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को पूरी ताकत से काम करना चाहिए और पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश देना चाहिए।

कश्मीरियों के खिलाफ झूठे प्रचार की निंदा

ओवैसी ने कश्मीरियों और कश्मीरी छात्रों के खिलाफ चल रहे झूठे प्रचार पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने सवाल उठाया कि बाइसारन मैदान में CRPF को तैनात क्यों नहीं किया गया था? उन्होंने यह भी पूछा कि सेना को घटनास्थल तक पहुंचने में एक घंटा क्यों लगा? ओवैसी ने आतंकवादियों के द्वारा लोगों से उनकी धर्म पूछकर हत्या करने की कड़ी निंदा की। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवादियों ने जो निर्दोष लोगों की हत्या की, वह देश की एकता और अखंडता पर हमला था। उन्होंने कश्मीरी छात्रों और नागरिकों के खिलाफ भ्रामक प्रचार को बंद करने की अपील की।

सर्वदलीय बैठक में कई नेताओं ने की भागीदारी

सर्वदलीय बैठक में केंद्रीय मंत्री और BJP राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता सहित अन्य प्रमुख नेताओं ने भाग लिया। इस बैठक में चर्चा का मुख्य मुद्दा पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और देश की सुरक्षा को लेकर था। ज्ञात हो कि मंगलवार को पहलगाम के बाइसारन मैदान में आतंकवादियों ने पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। यह हमला 2019 पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे बड़ा आतंकी हमला था, जिसमें 40 CRPF जवान शहीद हो गए थे।

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