दाऊद इब्राहिम का करीबी हाजी सलीम कौन? जानें Amit Shah के ऑपरेशन सागर मंथन की पूरी कहानी
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम के करीबी सहयोगी और वांछित तस्कर हाजी सलीम के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। एनसीबी ने हाजी सलीम द्वारा चलाए जा रहे कार्टल गतिविधियों को समाप्त करने के लिए एक बड़े अभियान की शुरुआत की है। हाजी सलीम को ‘लॉर्ड ऑफ ड्रग्स’ के नाम से भी जाना जाता है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर ‘ऑपरेशन सागर मंथन’ के तहत ड्रग तस्करों के खिलाफ यह अभियान चलाया जा रहा है।
पोर्बंदर से 2 हजार करोड़ रुपये के ड्रग्स की बरामदगी
इस अभियान के तहत शनिवार को गुजरात के पोर्बंदर में ड्रग्स की भारी मात्रा जब्त की गई। गुजरात एटीएस और एनसीबी की संयुक्त कार्रवाई में 700 किलोग्राम ड्रग्स बरामद किए गए। ये ड्रग्स ईरानी नाव के जरिए लाए जा रहे थे। जांच अधिकारियों का कहना है कि ये ड्रग्स पाकिस्तान की आईएसआई द्वारा भारत में भेजे गए थे। माना जा रहा है कि पाकिस्तान में मौजूद ड्रग माफिया इस तस्करी के पीछे हो सकते हैं, जो सलीम माफिया के साथ जुड़े हुए हैं।
हाजी सलीम कौन है?
हाजी सलीम को दाऊद इब्राहीम का एक खास व्यक्ति माना जाता है, जो दाऊद के ‘डी कंपनी’ के संचालन को भी देखता है। हाजी सलीम पाकिस्तान में बैठकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ड्रग्स का कारोबार करता है। एनसीबी पिछले कई सालों से हाजी सलीम की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है। उसके द्वारा तस्करी किए गए करोड़ों रुपये के ड्रग्स की जब्ती की जा चुकी है।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डिप्टी डायरेक्टर जनरल ज्ञानेश्वर सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “हाजी सलीम दुनिया के सबसे बड़े ड्रग तस्करों में से एक है, जो एशिया, अफ्रीका और पश्चिमी देशों में फैले जटिल नेटवर्क के माध्यम से हीरोइन, मेथामफेटामाइन और अन्य अवैध नशीली पदार्थों की बड़ी खेपें तस्करी करता है।”
उन्होंने आगे कहा, “हाजी सलीम का नेटवर्क बहुत बड़ा है और हम लंबे समय से उस पर निगरानी रखे हुए हैं, लेकिन इस मामले में मैं हाजी सलीम या किसी अन्य के नाम पर टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा क्योंकि जांच अभी शुरुआती चरण में है।”
कई देशों में हाजी सलीम की तलाश
ज्ञानेश्वर सिंह ने आगे कहा, “सलीम कथित तौर पर एक बड़े तस्करी सिंडिकेट का नेता है, जो भारत, मॉरीशस, श्रीलंका और मालदीव जैसे देशों में नशीले पदार्थों की तस्करी करता है। इस समय अमेरिका, मलेशिया, ईरान, श्रीलंका, मॉरीशस, न्यूजीलैंड और अफगानिस्तान सहित कई अंतरराष्ट्रीय कानून प्रवर्तन एजेंसियां उसकी तलाश कर रही हैं।”
उन्होंने कहा, “वह भारतीय महासागर क्षेत्र में सबसे वांछित ड्रग माफिया में से एक है। उसके ऑपरेशन बहुत बड़े हैं और उसका तस्करी गैंग बेजोड़ है।”
2015 में सलीम के ड्रग सिंडिकेट का पता चला
अधिकारियों के मुताबिक, हाजी सलीम का ड्रग सिंडिकेट 2015 में पहली बार उस समय उजागर हुआ, जब केरल के तट के पास एक बड़ी ड्रग की खेप जब्त की गई। इसके बाद, एनसीबी अधिकारियों ने पिछले दो और आधे सालों में करीब 40,000 करोड़ रुपये के ड्रग्स की तस्करी का खुलासा किया है। अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तारी और तस्करी की खेपों की जब्ती के बावजूद, सलीम अपने अवैध कारोबार को जारी रखने में सफल रहा है।
सलीम की गतिविधियों पर भारत और अन्य देशों की नजर
हाजी सलीम की गतिविधियां न केवल भारत के लिए बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता का विषय बन गई हैं। उसकी तस्करी से होने वाला नुकसान न केवल आर्थिक है, बल्कि यह समाज के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए भी खतरे की घंटी है। एनसीबी के अधिकारी इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही सलीम के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस पूरे अभियान से पाकिस्तान में बैठे ड्रग माफिया के लिए चेतावनी का संकेत भेजा गया है कि भारत और अन्य देशों की सुरक्षा एजेंसियां उनकी गतिविधियों पर नजर बनाए रखे हुए हैं और समय रहते उन्हें नियंत्रित किया जाएगा।