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मणिपुर में हिंसा का कहर, पुलिस स्टेशन और विधायकों के घर जलाने पर आठ लोग गिरफ्तार

मणिपुर में हालिया हिंसा को लेकर पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया है, जो पुलिस थाने और विधायक के घरों पर हमले में शामिल थे। पुलिस ने शनिवार को जानकारी दी कि इस मामले में एक और गिरफ्तारी की गई है, जिसमें 20 वर्षीय चोंगथम थोइचा को विधायक के घरों पर हमले और आगजनी के आरोप में पकड़ा गया है। इस घटनाक्रम में सात अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था, जो 27 नवंबर को ककचिंग पुलिस थाने पर हमले में शामिल थे। पुलिस ने बताया कि इस हमले में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।

घटना की पृष्ठभूमि

यह हिंसा उस समय हुई जब 16 नवंबर को मणिपुर के मेइती समुदाय की तीन महिलाओं और बच्चों के शव मिले थे। ये लोग कुछ दिन पहले आतंकवादी हमले के बाद लापता हो गए थे। उनके शवों के मिलने के बाद आक्रोशित भीड़ ने विधायक के घरों पर हमला किया और उनमें आग लगा दी। इस हिंसा के पीछे के कारणों में उस समय की घटनाओं का गहरा असर था, जिनमें लोग अपनी जान गंवा चुके थे।

ककचिंग पुलिस थाने पर हमला

पुलिस ने बताया कि ककचिंग पुलिस थाने पर 27 नवंबर को हमला किया गया था, जिसके बाद थाने को नुकसान हुआ और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। हमलावरों ने यह हमला इस मांग के साथ किया कि चार गिरफ्तार व्यक्तियों को रिहा किया जाए। पुलिस ने इस मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में 20 वर्षीय चोंगथम थोइचा भी शामिल हैं, जिन पर विधायक के घरों पर हमले और आगजनी का आरोप है।

एनआईए की निगरानी में अरम्बाई तेंगगोल प्रमुख

मणिपुर हिंसा में मेइती संगठन अरम्बाई तेंगगोल के प्रमुख कोरु नगांबा खुमान और कुकि विद्रोहियों का नाम भी सामने आया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इन लोगों की गतिविधियों की जांच शुरू कर दी है। खुमान पर नवंबर 2023 में एक घटना का आरोप है, जब उनकी अगुवाई में अरम्बाई तेंगगोल के सशस्त्र सदस्यों ने इंफाल ईस्ट जिले के पैलेस कंपाउंड में पुलिस पर गोलीबारी की थी। इसी दिन एक अन्य घटना में अरम्बाई तेंगगोल के सदस्य 1st MR राइफल्स बटालियन पर भी हमला करने पहुंचे थे। एनआईए इन मामलों की जांच कर रही है और उम्मीद की जा रही है कि इस हिंसा में शामिल अन्य लोगों को भी जल्द पकड़ा जाएगा।

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कुकि विद्रोहियों का आक्रमण

मणिपुर में कुकि विद्रोहियों के खिलाफ भी सुरक्षा बलों द्वारा कार्रवाई की जा रही है। कुकि विद्रोहियों ने जनवरी 2024 में तेंगनौपाल जिले के मौरह में IRB आउटपोस्ट पर भी हमला किया था। इसके बाद जून 2023 में बिष्णुपुर जिले में IED बम धमाका हुआ, जिससे भी कई लोग प्रभावित हुए थे। इन हमलों के सिलसिले में एनआईए ने कई आतंकवादी गतिविधियों की जांच शुरू की है।

चार आतंकवादियों की गिरफ्तारी

पुलिस ने इस दौरान चार आतंकवादियों को भी गिरफ्तार किया है। इन आतंकवादियों में तीन कंगलेइपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीपुल्स वॉर ग्रुप) के सदस्य शामिल हैं, जिन्हें हथियार रखने और लोगों से उगाही करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार किए गए आतंकवादियों की पहचान चोंगथम श्यामचंद्र सिंह, माईबम सुरज खान और बोगिमयम साहिद खान के रूप में हुई है। इनके पास से हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं। एक अन्य गिरफ्तार आतंकवादी सिंगोम्शुम्फुम वारिश, जो यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (निंगों माचा समूह) का सदस्य है, से भी अवैध हथियार बरामद किए गए हैं।

मेइती समुदाय के लापता व्यक्ति की खोज

इसके साथ ही, मणिपुर के पश्चिमी इंफाल जिले से मेइती समुदाय के 56 वर्षीय लईश्राम कमलाबाबू सिंह के लापता होने के बाद सेना ने उनकी तलाश के लिए अभियान शुरू कर दिया है। जॉइंट एक्शन कमेटी (JAAC) की सदस्य लुरेम्बम अनीता देवी ने कहा कि कमेटी के सदस्य सेना अधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं और कांगपोकपी जिले की पुलिस के साथ संयुक्त खोज अभियान चला रहे हैं। हालांकि, अब तक कमलाबाबू का कोई सुराग नहीं मिला है। अनीता देवी ने कहा कि यह छह दिन हो चुके हैं, लेकिन खोज अभियान अब तक सफल नहीं हो सका है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से कमलाबाबू के परिवार की परेशानियों का समाधान करने की अपील की है।

मणिपुर में हिंसा और सरकार की कार्रवाई

मणिपुर में हुई हिंसा ने राज्य की सुरक्षा स्थिति को बेहद गंभीर बना दिया है। राज्य में शांति की बहाली के लिए सरकार और सुरक्षा बल लगातार काम कर रहे हैं, लेकिन इस हिंसा के पीछे की जटिलताओं को देखते हुए स्थिति को सामान्य होने में समय लग सकता है। सरकार ने इस हिंसा में शामिल तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की घोषणा की है और राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।

मणिपुर में पिछले कुछ महीनों में हिंसा की घटनाओं ने राज्य की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति को प्रभावित किया है। पुलिस और सुरक्षा बल इन घटनाओं की जांच में जुटे हैं और आरोपी व्यक्तियों को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। मणिपुर की सरकार को इस स्थिति को नियंत्रित करने और शांति की बहाली के लिए कई बड़े कदम उठाने होंगे। राज्य की जनता और विशेष रूप से मेइती समुदाय के लोग शांति और न्याय की उम्मीद कर रहे हैं।

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