छत्तीसगढ

नक्सलियों की शर्तों को खारिज कर बोले विजय शर्मा – बिना शर्त करो बात

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने एक बार फिर सरकार से शांति वार्ता की पेशकश की है। नक्सल नेता रूपेश की ओर से जारी पर्चे में कहा गया है कि अगर सरकार सकारात्मक संकेत दे तो हम पूरी तरह से सीज़फायर के लिए तैयार हैं। लेकिन इसके लिए सरकार को नक्सल प्रभावित इलाकों में चल रहे ऑपरेशन को रोकना होगा। यह दूसरी बार है जब नक्सलियों ने एक हफ्ते के भीतर शांति वार्ता का प्रस्ताव दिया है।

गृह मंत्री विजय शर्मा का सख्त जवाब

छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों की शांति वार्ता की शर्तों पर कड़ा जवाब दिया है। उन्होंने कहा, “अगर नक्सली नेता बात करना चाहते हैं तो सबसे पहले उन्हें बंदूक छोड़नी होगी और मुख्यधारा में आना होगा।” उन्होंने साफ किया कि सरकार बिना किसी शर्त के बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन बंदूक का जवाब बंदूक से ही दिया जाएगा। सरकार किसी कमेटी का गठन नहीं करेगी, जो बात करना चाहते हैं, वे सीधे सरकार से बात करें।

अमित शाह ने दी है 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने की समयसीमा

गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा बलों को 2026 मार्च तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य दिया है। इसी कारण राज्य में सुरक्षा बलों का ऑपरेशन तेज़ हो गया है। पिछले तीन महीनों में करीब 142 नक्सली मारे गए हैं, वहीं बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण भी कर रहे हैं। इसी दबाव के चलते अब नक्सली सीज़फायर और शांति वार्ता की बात कर रहे हैं।

सरकार की नीति साफ – पहले हथियार छोड़ें फिर हो बात

नक्सल नेता रूपेश ने पर्चे में यह भी कहा है कि वार्ता की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए वे अपने नेतृत्व के साथ चर्चा करना चाहते हैं, लेकिन ऑपरेशन के चलते ऐसा संभव नहीं हो पा रहा। उन्होंने कहा कि अनुकूल माहौल तैयार करना ज़रूरी है। इस पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने दोहराया कि सरकार की नीति बिल्कुल स्पष्ट है – जो नक्सली मुख्यधारा से जुड़ना चाहते हैं, वे हथियार छोड़ें, फिर सरकार हर समय बात के लिए तैयार है।

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