उत्तर प्रदेश

Uttar Pradesh news: “UP में बलात्कार पीड़िता पर आरोपित से शादी करने का दबाव, FIR दर्ज”

Uttar Pradesh news: उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में एक सनसनीखेज घटना सामने आई है जिसमें एक लड़की ने बलात्कार के बाद मानसिक और शारीरिक अत्याचार सहने के बाद पुलिस में शिकायत की। पीड़िता का आरोप है कि पुलिस ने उसे आरोपित से शादी करने के लिए दबाव डाला, जिसके बाद उसने मानसिक और शारीरिक रूप से जटिल स्थिति का सामना किया। इस घटना में आरोपित, जो एक शादीशुदा युवक है, को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

घटना का संक्षिप्त विवरण:

यह घटना भदोही कोतवाली क्षेत्र के एक 19 वर्षीय लड़की के साथ घटी, जब एक युवक साजिद अली ने उसे अपनी दोस्ती का झांसा देकर अपने जाल में फंसाया। मार्च 10, 2024 को, साजिद अली ने लड़की को अकेला पाकर उसे बलात्कार का शिकार बनाया और इसके बाद उसका वीडियो भी बना लिया। जब पीड़िता ने आरोपित के खिलाफ पुलिस में शिकायत करने का मन बनाया, तो साजिद ने उसे धमकी दी कि अगर उसने शिकायत की, तो वह वीडियो सार्वजनिक कर देगा।

यह भय के कारण पीड़िता चुप रही और साजिद ने इसका फायदा उठाया। उसने लगातार लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाए, जिसके परिणामस्वरूप लड़की गर्भवती हो गई। लड़की के परिवार को शारीरिक परिवर्तन देखकर लड़की ने उन्हें इस घटना के बारे में बताया। इसके बाद लड़की ने 20 सितंबर, 2024 को पुलिस में आरोपित के खिलाफ शिकायत की।

पुलिस पर दबाव डालने का आरोप:

लेकिन पीड़िता ने पुलिस पर यह आरोप लगाया कि उसे आरोपित से शादी करने के लिए दबाव डाला गया। इस दबाव के बाद अक्टूबर में आरोपित ने लड़की को बताया कि वह पहले से ही शादीशुदा है। इसके बाद नवंबर 26, 2024 को लड़की ने एक निजी अस्पताल में मृत बच्चे को जन्म दिया।

पीड़िता ने अपने बयान में बताया कि वह महीनों तक मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का शिकार रही, और अंततः जनवरी 3, 2025 को उसने पुलिस में एक और शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत में उसने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसे आरोपित से शादी करने का दबाव डाला, जबकि उसे उसके साथ न्याय मिलना चाहिए था।

"UP में बलात्कार पीड़िता पर आरोपित से शादी करने का दबाव, FIR दर्ज"

पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी:

भदोही के पुलिस अधीक्षक (SP) मीनाक्षी कटियार ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि पीड़िता की शिकायत पर आरोपित साजिद अली के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 (बलात्कार) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने पीड़िता का बयान लिया और उसका मेडिकल परीक्षण भी कराया। पुलिस ने साजिद अली को रविवार शाम को शहर के पाकरी तिराहा से गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने कहा कि आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है और पीड़िता का बयान सोमवार को अदालत में दर्ज किया जाएगा। पुलिस अधीक्षक ने यह भी कहा कि आरोपित को जल्द ही न्याय के दायरे में लाया जाएगा।

समाज में जागरूकता की आवश्यकता:

यह मामला यह दर्शाता है कि हमारे समाज में महिलाओं के खिलाफ हिंसा और बलात्कार के मामलों में कैसे मानसिक दबाव और शारीरिक अत्याचार होते हैं। हालांकि कानून और पुलिस तंत्र पीड़ितों की मदद के लिए होते हैं, लेकिन कई बार ऐसा देखा गया है कि पुलिस आरोपितों से संबंधित मामलों में दबाव डालने या ठीक से कार्रवाई न करने के कारण पीड़िता को न्याय नहीं मिल पाता। इस घटना में भी पुलिस पर आरोपित से शादी करने का दबाव डालने का आरोप है, जो यह दर्शाता है कि समाज में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की गंभीरता को लेकर जागरूकता की कमी है।

बलात्कार के बाद पुलिस का दबाव:

पुलिस का कार्य केवल अपराधियों को पकड़ना और कानून का पालन करना है। लेकिन यह चिंता की बात है कि कैसे कभी-कभी पुलिस अधिकारी मामले की संवेदनशीलता को समझने के बजाय पीड़िता को और भी मानसिक तनाव में डालते हैं। यह आरोपित के खिलाफ पुलिस की निष्क्रियता और पीड़िता के साथ पुलिस द्वारा किया गया व्यवहार न केवल गलत है, बल्कि यह साबित करता है कि हमारे पुलिस तंत्र में सुधार की आवश्यकता है।

आगे की कार्रवाई:

फिलहाल पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। पीड़िता के बयान को अदालत में दर्ज करने के बाद पुलिस आगे की कार्रवाई शुरू करेगी। इस मामले में न्याय की उम्मीद में, पीड़िता और उसके परिवार ने प्रशासन से पूरी तरह से न्याय की मांग की है। इसके साथ ही पुलिस तंत्र को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि आगे से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पूरी तरह से उचित कार्रवाई की जाए।

समाज में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा:

महिलाओं के अधिकारों की रक्षा एक बड़ा मुद्दा है, और इसे लेकर समाज में और भी अधिक जागरूकता फैलानी चाहिए। बलात्कार और यौन हिंसा के मामलों में महिलाओं को तत्काल न्याय मिलना चाहिए। साथ ही, महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में पुलिस और प्रशासन को संवेदनशील और त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। पीड़िता को यह विश्वास दिलाना चाहिए कि वह सुरक्षित है और उसे कानून का पूरा समर्थन मिलेगा।

इस मामले में पुलिस द्वारा किए गए कृत्यों और आरोपित की गिरफ्तारी के बाद अब पीड़िता को न्याय मिलने की संभावना है। लेकिन यह घटना समाज में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को उजागर करती है। हमें यह समझने की जरूरत है कि महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा के लिए हमें समाज और पुलिस तंत्र में सुधार करना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं का पुनरावृत्ति न हो।

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