उत्तर प्रदेश

UP Politics: SP विधायक के खिलाफ तीसरी FIR, समर्थकों पर भी केस, पुलिस पर हमला और वर्दी फाड़ने का आरोप

UP Politics: उत्तर प्रदेश के भदोही से दो बार के SP विधायक ज़हीद बेग के खिलाफ एक और गंभीर मामला दर्ज हुआ है। यह मामला उस समय सामने आया जब विधायक और उनके समर्थक जिला अदालत में आत्मसमर्पण करने पहुंचे। विधायक और उनके समर्थकों पर पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की करने, एक उप-निरीक्षक की खाकी वर्दी फाड़ने और उन पर हमला करने का आरोप है। हालांकि, इस संबंध में भदोही के पुलिस अधीक्षक डॉ. मीना कत्यायन और अन्य अधिकारियों ने बात करने से इंकार कर दिया है।

मामला क्या है?

यह पूरा घटनाक्रम 19 सितंबर 2024 को जिला मुख्यालय पर स्थित जिला अदालत का है। जहां भदोही से फरार SP विधायक अपने समर्थकों के साथ सुबह 11 से 12 बजे के बीच अदालत में आत्मसमर्पण करने के लिए पहुंचे। इसी दौरान, ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने शक के आधार पर उन्हें रोकने की कोशिश की। इस पर SP विधायक, उनके सैकड़ों समर्थक और पार्टी के नेता पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिए।

पुलिस द्वारा लगाए गए आरोपों के अनुसार, विधायक ज़हीद बेग ने अपने लंबे समय से रखे गए दाढ़ी को हटा दिया था और पहचान छिपाने के लिए सफेद पैंट-शर्ट पहनकर अदालत के द्वार पर पहुंचे थे। उन्होंने अपना चेहरा एक दुपट्टे से ढक रखा था और तेज़ी से दौड़ने लगे।

FIR में लगे आरोप

इस मामले में, ज्ञानपुर थाने के उप-निरीक्षक अवधेश सिंह ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं 121(2), 132, 221 के तहत विधायक ज़हीद बेग और उनके 50 अज्ञात समर्थकों के खिलाफ तीसरी FIR दर्ज की है। इस FIR में पुलिसकर्मी पर हमला करने, उनकी वर्दी फाड़ने और सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप शामिल हैं।

UP Politics: SP विधायक के खिलाफ तीसरी FIR, समर्थकों पर भी केस, पुलिस पर हमला और वर्दी फाड़ने का आरोप

विधायक का आत्मसमर्पण और पुलिस की विफलता

दिलचस्प बात यह है कि विधायक ज़हीद बेग आत्मसमर्पण के समय अपनी पहचान छिपाने में सफल रहे। वे तेज़ी से दौड़ते हुए गिर पड़े और जैसे ही उनकी पहचान हुई, वहां मौजूद पुलिसकर्मी उन्हें रोकने की कोशिश करने लगे। हालांकि, इस सबके बावजूद ज़हीद बेग अदालत में आत्मसमर्पण करने में सफल रहे, जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।

पिछले आरोप और गंभीरता

SP विधायक ज़हीद बेग और उनकी पत्नी सीमा बेग के खिलाफ पहले से कई गंभीर आरोप हैं। इनमें से एक आरोप है कि उन्होंने एक घरेलू कामवाली को आत्महत्या करने के लिए उकसाया। इसके अलावा, उनके खिलाफ श्रम कानूनों का उल्लंघन करने का भी आरोप है।

उनका बेटा, जेम बेग उर्फ़ सैमी, भी हाल ही में गिरफ्तार किया गया है और उसे सह-आरोपी के रूप में जेल भेजा गया है। भदोही सदर कोतवाली में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 108 और 143 (4), 143 (5) के तहत और 2015 के बाल न्याय अधिनियम की धारा 79 के तहत और 1976 के बंधुआ श्रम प्रणाली उन्मूलन अधिनियम की धाराओं 4 और 16 के तहत अलग-अलग FIR दर्ज की गई हैं।

पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी

भदोही के ज़िलाधिकारी विशाल सिंह के आदेश पर, विधायक और उनके बेटे को सुरक्षा कारणों से अलग-अलग जेलों में भेजा गया है। विधायक ज़हीद बेग को प्रयागराज की नैनी जेल में और उनके बेटे को वाराणसी जिला जेल में स्थानांतरित किया गया है। हालांकि, इस लेख के लिखे जाने तक विधायक की पत्नी सीमा बेग पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।

समाज पर प्रभाव

इस प्रकार की घटनाएं समाज में विश्वास की कमी और राजनीतिक अस्थिरता को जन्म देती हैं। राजनीतिक दलों के नेताओं पर इस तरह के गंभीर आरोप लगने से नागरिकों में निराशा और आक्रोश फैलता है।

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