उत्तर प्रदेश

UP News: बस किराया घटा, लखनऊ, आगरा और अलीगढ़ यात्रा अब होगी सस्ती

UP News: उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र में एक बड़ी राहत की खबर आई है। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने एयर कंडीशन और जनरथ बसों के किराए में 25 दिसंबर से 28 फरवरी 2025 तक 20 प्रतिशत की कमी करने का फैसला लिया है। सेवा प्रबंधक लोकेश राजपूत ने बताया कि यह छूट भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर दी जा रही है। यह निर्णय यात्रियों को खासा लाभ पहुंचाएगा और बस सेवा का उपयोग करने वाले लोगों के लिए एक बड़ा आकर्षण होगा।

जनरथ बसों के नए किराए

अब तीन बाई दो जनरथ बसों का किराया प्रति किलोमीटर 1.45 रुपये और दो बाई दो जनरथ बसों का किराया प्रति किलोमीटर 1.60 रुपये निर्धारित किया गया है। पहले इन बसों का किराया क्रमशः 1.63 रुपये और 1.93 रुपये प्रति किलोमीटर था। इस बदलाव से यात्रियों को काफी राहत मिलेगी और यात्रा सस्ती होगी, विशेषकर उन मार्गों पर जहां इन बसों का संचालन होता है।

लखनऊ और आगरा-अलीगढ़ के लिए किराया कम हुआ

मेरठ डिपो के प्रभारी देवेंद्र भारद्वाज ने बताया कि मेरठ से हरिद्वार जाने वाली जनरथ बस का किराया पहले 340 रुपये था, जो अब घटकर 310 रुपये हो गया है। सोहराब गेट डिपो के प्रभारी आसिफ अली ने बताया कि मेरठ से लखनऊ जाने वाली जनरथ बस का किराया पहले 1088 रुपये था, जो अब घटकर 914 रुपये हो गया है। इसी तरह, मेरठ से आगरा जाने वाला किराया 532 रुपये से घटकर 448 रुपये, अलीगढ़ का किराया 331 रुपये से घटकर 280 रुपये और मुरादाबाद का किराया 296 रुपये से घटकर 250 रुपये हो गया है। इस प्रकार, यात्रियों को लखनऊ, आगरा, अलीगढ़ और मुरादाबाद जैसे प्रमुख शहरों के लिए यात्रा करते समय अब काफी कम खर्च करना होगा।

शामली में रोडवेज बस सेवा की स्थिति

वहीं, शामली जिले में रोडवेज बस सेवा की स्थिति बेहद खराब है। शामली जिले में तीन प्रमुख हाईवे से गुजरने वाले रोडवेज बसों की संख्या में काफी कमी आ गई है। शामली जिले में रात के समय रोडवेज बसें उपलब्ध नहीं होती हैं और स्थानीय रूटों पर बसें बहुत कम दिखाई देती हैं। 13 वर्षों से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन जिले का परिवहन व्यवस्था अब भी ठीक नहीं हो पाई है। सबसे दुख की बात यह है कि शमली रोडवेज डिपो को सुविधाओं से लैस करने के बजाय उसे पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है। इससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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शामली में परिवहन सुविधा को लेकर स्थानीय नेताओं की मांग

शामली में परिवहन व्यवस्था को सुधारने की मांग अब जोर पकड़ रही है। बुधवार को किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सवित मलिक, पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल के राज्य अध्यक्ष घनश्यामदास गर्ग, यूथ यूनिटी कमेटी के अध्यक्ष अर्जुन सिंह, एंटी करप्शन ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष अतुल ज्ञानचंद, BKU प्रधान सनी निरवाल, लघु उद्योग भारती के जिला अध्यक्ष अंकित गोयल और IIA के पूर्व अध्यक्ष अनुराग गर्ग ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शामली जिले में 24 घंटे रोडवेज बस सेवा शुरू करने की मांग की है।

इसके अलावा, जिले में इलाहाबाद, देहरादून, लखनऊ जैसे शहरों के लिए लंबी दूरी की बसों का संचालन, शमली मुख्यालय को रोडवेज निगम की 100 बसों को सौंपने, जलालाबाद डिपो को फिर से चालू करने, पानीपत-खटीमा और मेरठ-कर्णाल हाईवे पर लंबी दूरी की बसों का संचालन, शमली डिपो से एसी डीलक्स बस सेवा की शुरुआत, किठाना और वूल डिपो का निर्माण और थाना भवां में निजी बस स्टेशन को रोडवेज निगम स्टेशन में बदलने की मांग भी की गई है।

सरकार की ओर से उम्मीदें और समाधान

इस समय शमली जिले के लोग अपनी परिवहन समस्याओं को लेकर आशान्वित हैं कि सरकार इस मुद्दे पर ध्यान देगी और शीघ्र समाधान निकालेगी। परिवहन मंत्री और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से उम्मीद है कि जल्द ही शमली और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर परिवहन व्यवस्था शुरू की जाएगी, ताकि लोगों को रोजाना की यात्रा में कोई कठिनाई न हो।

किराया में कमी का व्यापक प्रभाव

वहीं, उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा किराए में की गई यह कमी विशेष रूप से उन यात्रियों के लिए फायदेमंद साबित होगी जो लंबी दूरी की यात्रा करते हैं। इससे यात्रियों को एक ओर राहत मिलेगी, खासकर जो शहरों के बीच बसों से यात्रा करते हैं। इस कदम से राज्य सरकार ने यह साबित किया है कि वह अपने नागरिकों के भले के लिए लगातार काम कर रही है और लोगों को बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करना चाहती है।

इस तरह के परिवहन सुधार यात्रियों के लिए एक राहत का कारण बनते हैं। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में जहां परिवहन सुविधाएं बहुत सीमित हैं, वहां के लोग इस कदम का स्वागत कर रहे हैं। वहीं, शमली जिले की स्थिति पर ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि वहां की रोडवेज सेवाएं फिर से बेहतर हो सकें और लोगों को बसों की सुविधा मिल सके। कुल मिलाकर, यह पहल राज्य के परिवहन नेटवर्क को और मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

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