उत्तर प्रदेश

UP by-election: सपा उम्मीदवार नसीम सोलंकी के खिलाफ फतवा जारी, कहा- ‘शरीयत की नजर में दोषी’

UP by-election: कानपुर की सिसामऊ विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) की उम्मीदवार नसीम सोलंकी के खिलाफ फतवा जारी हुआ है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने यह फतवा जारी किया है। मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने कहा कि नसीम सोलंकी शरीयत की नजर में दोषी हैं और उन्हें तौबा करनी चाहिए और कलमा दोबारा पढ़ना चाहिए।

मंदिर में जलाभिषेक और दीपदान करने पर सवाल

मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी ने कहा, “इस्लाम में मूर्ति पूजा हराम है। अगर कोई अपनी मर्जी से ऐसी पूजा करता है तो उस पर सख्त शरीयत के नियम लागू होते हैं। अगर महिला ने यह काम अंजाने में किया है, तो भी वह शरीयत की नजर में दोषी है और उसे तौबा करनी चाहिए।” दरअसल, नसीम सोलंकी ने दिवाली के दिन शिव मंदिर में जलाभिषेक और पूजा की थी और दीप जलाए थे। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उनके इस कदम पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

सिसामऊ सीट पर हो रहे उपचुनाव

गौरतलब है कि कानपुर की सिसामऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं। समाजवादी पार्टी ने इस सीट से नसीम सोलंकी को उम्मीदवार बनाया है। उनके पति इरफान सोलंकी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में यह सीट जीती थी, लेकिन हाल ही में एक मामले में सात साल की सजा के कारण उनकी विधायक पद से अयोग्यता हो गई। इस समय नसीम सोलंकी ने मंदिर जाने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन मौलवी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) लगातार उन पर सवाल उठा रहे हैं।

UP by-election: सपा उम्मीदवार नसीम सोलंकी के खिलाफ फतवा जारी, कहा- 'शरीयत की नजर में दोषी'

उपचुनाव की तारीखें और राजनीतिक हलचलें

उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होंगे और नतीजे 23 नवंबर को आएंगे। मिल्कीपुर सीट पर याचिका के कारण चुनाव की तारीखें अभी तय नहीं हुई हैं। हाल ही में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘X’ पर पोस्ट करके संदेश दिया था कि इंडिया ब्लॉक एकजुट है और सभी गठबंधन उम्मीदवार सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे।

राजनीतिक प्रतिक्रिया और मुस्लिम समुदाय में असंतोष

नसीम सोलंकी के मंदिर में पूजा करने पर मुस्लिम समुदाय में नाराजगी देखी जा रही है। मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी ने इस मामले में अपनी बात रखते हुए कहा कि शरीयत के अनुसार नसीम का यह कृत्य निंदनीय है। दूसरी ओर, बीजेपी ने भी नसीम सोलंकी के इस कदम को चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश की है।

मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग मानते हैं कि इस प्रकार की गतिविधियां इस्लामी नियमों के खिलाफ हैं और इसके चलते समुदाय में असंतोष बढ़ सकता है। वहीं, सपा के नेताओं का मानना है कि यह केवल धार्मिक उन्माद भड़काने के लिए किया जा रहा है और नसीम सोलंकी पर लगाए गए आरोपों में कोई ठोस आधार नहीं है।

सपा के लिए चुनौतीपूर्ण चुनावी परिस्थिति

सिसामऊ सीट पर हो रहे उपचुनाव सपा के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं। पार्टी के सामने न केवल अपने उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने की चुनौती है, बल्कि धार्मिक विवाद को भी संभालने की आवश्यकता है। भाजपा ने इस मौके का फायदा उठाते हुए नसीम सोलंकी के मंदिर में जाने के मुद्दे को उठाकर सपा पर सवाल उठाए हैं और मुस्लिम वोट बैंक को भी साधने की कोशिश की है।

यूपी उपचुनाव 2024 में सिसामऊ सीट पर हो रहे इस चुनावी मुकाबले में नसीम सोलंकी का मंदिर में पूजा करना एक बड़े विवाद का कारण बना हुआ है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सपा इस धार्मिक विवाद का सामना कैसे करती है और भाजपा इस मुद्दे को किस तरह अपने पक्ष में भुनाती है।

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