इंदौर में ‘सेल्फी विद टॉयलेट’ का अनोखा अभियान, 1 लाख से ज्यादा लोगों ने लिया हिस्सा
19 नवंबर को दुनियाभर में ‘विश्व शौचालय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य स्वच्छता को बढ़ावा देकर दुनिया को बीमारियों से मुक्त करना है। अगर भारत में स्वच्छता की बात करें, तो मध्य प्रदेश के इंदौर शहर का नाम सबसे पहले आता है। इंदौर ने स्वच्छता के क्षेत्र में कई अनोखी पहल की हैं। इसी कड़ी में विश्व शौचालय दिवस के मौके पर इंदौर में ‘सेल्फी विद टॉयलेट’ नामक अनोखा अभियान चलाया गया। इस अभियान का नाम ‘टॉयलेट सुपर स्पॉट’ रखा गया, जिसमें लोगों को शौचालयों के सामने सेल्फी लेकर अपनी भागीदारी दर्ज करनी थी। आश्चर्य की बात यह रही कि इस अभियान में इंदौर शहर के 1 लाख से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया और शौचालयों के साथ सेल्फी खींची।
अभियान का उद्देश्य
इंदौर नगर निगम द्वारा शुरू किए गए ‘टॉयलेट सुपर स्पॉट’ अभियान का उद्देश्य शहर में मौजूद 700 से अधिक सार्वजनिक शौचालयों और मलिन बस्तियों में बने घरेलू शौचालयों की स्वच्छता को बढ़ावा देना था। अधिकारियों ने बताया कि इस अभियान के तहत लोगों को सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग करने और उनके बाहर खड़े होकर मोबाइल से सेल्फी लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। मंगलवार रात 9 बजे तक इस अभियान में 1,02,272 लोगों ने शौचालयों के साथ अपनी सेल्फी ली।
इंदौर की स्वच्छता में एक और मील का पत्थर
यह बात किसी से छुपी नहीं है कि इंदौर शहर लगातार सात बार राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में पहला स्थान प्राप्त कर चुका है। इस अभियान ने इंदौर की स्वच्छता की इस उपलब्धि में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ा। इंदौर के लोगों की स्वच्छता के प्रति जागरूकता और भागीदारी इस अभियान के जरिए और भी स्पष्ट हो गई।
इंदौर के महापौर की अपील
इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने शहर के लोगों से इस अभियान में भाग लेने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि इंदौर देश का एकमात्र ऐसा शहर है जो सार्वजनिक शौचालयों की स्वच्छता सुनिश्चित कर रहा है और लोगों से इनका उपयोग करने का अनुरोध कर रहा है। साथ ही उन्होंने लोगों से यह भी कहा कि अगर वे शौचालयों की सुविधाओं से संतुष्ट हैं, तो उनके बाहर खड़े होकर सेल्फी जरूर लें।
महापौर ने इंदौरवासियों को कहा धन्यवाद
इस अभियान की सफलता पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने सभी इंदौरवासियों का धन्यवाद किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर लिखा:
“विश्व शौचालय दिवस पर ‘टॉयलेट सुपर स्पॉट अभियान’ के तहत हमने 1 लाख सेल्फी का लक्ष्य रखा था और आप सभी की भागीदारी से हमारा इंदौर इस लक्ष्य को 1,02,272 सेल्फी के साथ प्राप्त कर चुका है। यह केवल एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि स्वच्छता के प्रति इंदौरवासियों की जागरूकता और समर्पण का अद्भुत उदाहरण है। आपकी ली गई हर सेल्फी में इंदौर की स्वच्छता के प्रति आपका प्रेम छुपा हुआ है। इस सफलता के लिए मैं सभी नागरिकों का दिल से आभार प्रकट करता हूं। इंदौर, आप हमारे असली हीरो हैं!”
अभियान के दौरान दिखी लोगों की उत्सुकता
इस अनोखे अभियान के दौरान इंदौर के लोगों में जबरदस्त उत्साह देखा गया। जहां बच्चे और युवा अपनी-अपनी सेल्फी सोशल मीडिया पर साझा कर रहे थे, वहीं बुजुर्ग और महिलाएं भी इस अभियान में पीछे नहीं रहीं। नगर निगम की टीम ने भी इस अभियान को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत की।
शहर के 700 से अधिक सार्वजनिक शौचालय शामिल
इस अभियान में इंदौर के सभी 700 से अधिक सार्वजनिक शौचालयों और मलिन बस्तियों के शौचालयों को शामिल किया गया। नगर निगम ने इन शौचालयों की सफाई और सुविधाओं को सुनिश्चित किया, ताकि लोग वहां जाकर सहज महसूस करें और अपनी सेल्फी लें।
‘सेल्फी विद टॉयलेट’ अभियान की अहमियत
इस अभियान का महत्व केवल स्वच्छता तक ही सीमित नहीं है। यह अभियान लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने और शौचालयों के उपयोग को बढ़ावा देने का एक माध्यम बना। स्वच्छ शौचालय न केवल बीमारियों को रोकने में मदद करते हैं, बल्कि यह एक स्वस्थ समाज के निर्माण का भी आधार है।
इंदौर की स्वच्छता को मिली नई पहचान
इंदौर ने स्वच्छता के मामले में देशभर में अपना एक अलग स्थान बना लिया है। ‘सेल्फी विद टॉयलेट’ जैसे अभियानों से न केवल शहर की स्वच्छता को बढ़ावा मिलता है, बल्कि यह अन्य शहरों के लिए भी एक प्रेरणा बनता है।
स्वच्छता के क्षेत्र में इंदौर का योगदान
इंदौर शहर ने पिछले कुछ वर्षों में स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। शहर के नागरिकों और नगर निगम के संयुक्त प्रयासों से इंदौर आज स्वच्छता के मामले में देशभर में उदाहरण बन चुका है। यह अभियान न केवल शहर के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक नई दिशा दिखाने वाला साबित हुआ।
‘सेल्फी विद टॉयलेट’ अभियान ने इंदौर में स्वच्छता को बढ़ावा देने के साथ-साथ लोगों में जागरूकता बढ़ाने का काम किया। यह अभियान दिखाता है कि अगर लोग मिलकर प्रयास करें, तो स्वच्छता का सपना साकार हो सकता है। इंदौरवासियों की इस पहल से अन्य शहर भी प्रेरणा ले सकते हैं और अपने-अपने क्षेत्रों में स्वच्छता को बढ़ावा दे सकते हैं। इस अभियान ने यह साबित कर दिया कि इंदौर न केवल स्वच्छता के क्षेत्र में नंबर वन है, बल्कि यहां के नागरिक भी स्वच्छता के प्रति पूरी तरह जागरूक और समर्पित हैं।