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Union Budget 2025: 2025 के केंद्रीय बजट का ऐतिहासिक दिन, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का विशेष रूप, पारंपरिक रिवाज और मधुबनी कला की सराहना

Union Budget 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज भारतीय संसद में 2025 का केंद्रीय बजट पेश करने जा रही हैं, और इस विशेष दिन को लेकर देशभर में उच्च अपेक्षाएँ जताई जा रही हैं। यह दिन भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण दिन होता है, जब देश की आर्थिक दिशा और भविष्य के लिए सरकार की योजनाएँ स्पष्ट होती हैं। इस दिन का आयोजन हर साल एक विशेष महत्व रखता है, और इस बार भी निर्मला सीतारमण ने इसे और भी खास बना दिया है।

राष्ट्रपति भवन में परंपरा का पालन

हर साल की तरह इस बार भी, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रपति भवन पहुंचकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और केंद्रीय बजट पेश करने की स्वीकृति प्राप्त की। यह प्रक्रिया भारतीय संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है, जिसमें वित्त मंत्री राष्ट्रपति से आशीर्वाद लेने के बाद ही बजट पेश करने की मंजूरी प्राप्त करती हैं। इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मू ने वित्त मंत्री को एक पारंपरिक रिवाज के तहत दही-शक्कर खिलाया और उन्हें शुभकामनाएँ दीं।

दही-शक्कर खिलाने की परंपरा भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे शुभ कार्यों के पहले किया जाता है। भारतीय समाज में दही-शक्कर को सौभाग्य और सफलता का प्रतीक माना जाता है। इसे खाने से व्यक्ति का मन प्रसन्न होता है और काम में सफलता मिलती है। वित्त मंत्री को दही-शक्कर खिलाने का यह आयोजन बजट के दिन का हिस्सा बन चुका है और यह भारतीय संस्कृति की एक महत्वपूर्ण परंपरा को दर्शाता है।

वित्त मंत्री का विशेष ‘बजट डे लुक’

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का इस बार का लुक भी चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने इस विशेष दिन के लिए जो साड़ी चुनी है, वह केवल एक पारंपरिक परिधान नहीं है, बल्कि एक कला की सराहना भी है। निर्मला सीतारमण ने एक सफेद रंग की साड़ी पहनी है, जिसमें सुंदर ऑफ-व्हाइट बॉर्डर है। यह साड़ी विशेष रूप से बिहार की प्रसिद्ध ‘मधुबनी कला’ से सुसज्जित है, जिसे पद्मश्री पुरस्कार विजेता दुलारी देवी द्वारा डिजाइन किया गया है।

दुलारी देवी, जिनको 2021 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था, बिहार के मिथिला क्षेत्र की एक प्रसिद्ध कलाकार हैं। जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार के मिथिला आर्ट इंस्टीट्यूट का दौरा किया था, तब उन्होंने दुलारी देवी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान दुलारी देवी ने वित्त मंत्री को यह साड़ी भेंट की थी और उन्हें आग्रह किया था कि वह इसे बजट के दिन पहनें।

यह साड़ी न केवल भारतीय पारंपरिक कला और संस्कृति का प्रतीक है, बल्कि इसने वित्त मंत्री के इस दिन के लुक को और भी विशिष्ट बना दिया। यह कदम यह भी दर्शाता है कि वित्त मंत्री भारतीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मधुबनी कला, जो बिहार की पहचान है, अपनी जीवंत रंगों और अद्वितीय डिजाइनों के लिए प्रसिद्ध है। इस कला में प्राकृतिक रूपों, जैसे पशु, पक्षी और फूलों का चित्रण होता है, और यह भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है।

मधुबनी कला: भारतीय संस्कृति की पहचान

मधुबनी कला की उत्पत्ति बिहार के मिथिला क्षेत्र से हुई है, और यह कला प्राचीन समय से चली आ रही है। इस कला में चित्रकला, कपड़ों की कढ़ाई और रंगीन डिजाइन शामिल होते हैं। मधुबनी कला की विशेषता यह है कि इसमें प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता है और इसकी डिजाइनें बेहद जटिल और आकर्षक होती हैं। इस कला का महत्व भारतीय समाज में अत्यधिक है, और अब यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना चुकी है।

दुलारी देवी जैसे कलाकारों ने मधुबनी कला को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। उनकी कला में न केवल मिथिला की संस्कृति और परंपरा को प्रस्तुत किया गया है, बल्कि उन्होंने इसे आधुनिक समय के संदर्भ में भी दर्शाया है। इस कला को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कदम सराहनीय है, जो इस क्षेत्र के कलाकारों को सम्मान देने का एक तरीका है।

वित्त मंत्री की संवेदनशीलता और समर्पण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह कदम उनके समर्पण और संवेदनशीलता को दर्शाता है। वह न केवल देश की आर्थिक दिशा को लेकर गंभीर हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति और कला के प्रति उनकी प्रतिबद्धता भी दिखाती है। उन्होंने यह साबित किया है कि एक नेता केवल आर्थिक नीतियाँ ही नहीं बनाता, बल्कि वह अपनी संस्कृति और परंपराओं को भी सम्मान देता है।

निर्मला सीतारमण का इस तरह से बजट पेश करने से पहले राष्ट्रपति से आशीर्वाद लेना, दही-शक्कर खाना और फिर एक पारंपरिक साड़ी पहनना यह सभी उनके व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन में भारतीय परंपराओं को कितनी अहमियत देती हैं, इसका स्पष्ट उदाहरण है।

केंद्रीय बजट 2025 का दिन भारतीय राजनीति और समाज में विशेष महत्व रखता है। यह दिन न केवल देश की आर्थिक दिशा को दर्शाता है, बल्कि यह भारतीय परंपराओं, कला और संस्कृति का भी सम्मान करने का अवसर है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह कदम हमें यह सिखाता है कि हम अपनी परंपराओं को बनाए रखते हुए आधुनिकता को अपनाने का संतुलन बना सकते हैं। इस बजट के साथ, हम उम्मीद करते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था और समाज दोनों को मजबूत बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

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