उत्तर प्रदेश

Kanya Sumangala Yojana के तहत सरकार ने बेटी के जन्म से शादी तक का पूरा खर्च उठाने की पहल की

कन्या सुमंगला योजना उत्तर प्रदेश सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जो बेटियों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए शुरू की गई है। इस योजना के तहत सरकार बेटियों के जन्म से लेकर उनकी शादी तक का खर्च उठाती है। यह योजना समाज में बेटियों के प्रति सोच को बदलने और उन्हें सशक्त बनाने का एक प्रयास है। आइए जानते हैं कन्या सुमंगला योजना के बारे में विस्तार से और कैसे इस योजना का लाभ उठाया जा सकता है।

कन्या सुमंगला योजना के लाभ

कन्या सुमंगला योजना में छह श्रेणियों के तहत बेटियों को लाभ प्रदान किया जाता है:

पहली श्रेणी:

बेटी के जन्म के बाद एकमुश्त 5000 रुपये दिए जाते हैं। यह लाभ केवल उन बेटियों को मिलेगा जिनका जन्म 1 अप्रैल 2019 के बाद हुआ है।

दूसरी श्रेणी:

अगर बेटी को एक वर्ष के भीतर पूरी तरह से टीका लगाया गया है, तो उसे 2000 रुपये की राशि दी जाएगी। यह लाभ उन बेटियों के लिए है, जिनका जन्म 1 अप्रैल 2018 के बाद हुआ हो।

तीसरी श्रेणी:

जिन बेटियों का इस साल प्रथम कक्षा में दाखिला हुआ है, उन्हें 3000 रुपये की राशि दी जाएगी।

चौथी श्रेणी:

जिन बेटियों का इस साल छठी कक्षा में दाखिला हुआ है, उन्हें भी 3000 रुपये की राशि मिलेगी।

पांचवीं श्रेणी:

जिन बेटियों का इस साल नौवीं कक्षा में दाखिला हुआ है, उन्हें 5000 रुपये की राशि मिलेगी।

छठी श्रेणी:

जो बेटियाँ हाई स्कूल या इंटरमीडिएट परीक्षा पास कर चुकी हैं और ग्रेजुएट डिग्री या कम से कम दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स में दाखिला ले चुकी हैं, उन्हें 7000 रुपये की राशि दी जाएगी।

कन्या सुमंगला योजना की पात्रता

इस योजना का लाभ उन्हीं परिवारों को मिलेगा जो उत्तर प्रदेश के निवासी हैं और जिनके पास राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, बिजली या टेलीफोन बिल जैसी स्थायी निवास प्रमाण पत्र हैं। इसके अलावा:

Kanya Sumangala Yojana के तहत सरकार ने बेटी के जन्म से शादी तक का पूरा खर्च उठाने की पहल की

  1. परिवार की वार्षिक आय अधिकतम तीन लाख रुपये होनी चाहिए।
  2. एक परिवार की केवल दो बेटियाँ ही योजना का लाभ उठा सकती हैं।
  3. परिवार में अधिकतम दो बच्चे होने चाहिए। अगर किसी महिला की दूसरी प्रसव से जुड़वा बेटियाँ हैं, तो तीसरी बेटी को भी लाभ मिलेगा। यदि महिला की पहली प्रसव से एक बेटी है और दूसरी प्रसव से जुड़वा बेटियाँ हैं, तो सभी तीन बेटियों को योजना का लाभ मिलेगा।
  4. अगर किसी परिवार ने एक अनाथ बेटी को गोद लिया है, तो परिवार की जैविक और कानूनी रूप से गोद ली गई दोनों बेटियाँ योजना का लाभ प्राप्त कर सकती हैं।

पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज

यदि किसी परिवार ने एक बेटी को गोद लिया है, तो गोद लेने का प्रमाण पत्र आवश्यक होगा।

श्रेणीवार आवश्यक दस्तावेज

पहली श्रेणी:

  • बेटी की हालिया फोटो
  • निवास प्रमाण पत्र

दूसरी श्रेणी:

  • बेटी की हालिया फोटो
  • टीकाकरण कार्ड
  • निवास प्रमाण पत्र

तीसरी श्रेणी:

  • बेटी की हालिया फोटो
  • कक्षा एक का प्रवेश प्रमाण पत्र
  • निवास प्रमाण पत्र

चौथी श्रेणी:

  • बेटी की हालिया फोटो
  • कक्षा छह का प्रवेश प्रमाण पत्र
  • निवास प्रमाण पत्र

पांचवीं श्रेणी:

  • बेटी की हालिया फोटो
  • कक्षा नौ का प्रवेश प्रमाण पत्र
  • निवास प्रमाण पत्र

छठी श्रेणी:

  • बेटी की हालिया फोटो
  • हाई स्कूल या इंटरमीडिएट प्रमाण पत्र और मार्कशीट
  • संस्थान से प्राप्त पहचान पत्र
  • डिग्री या डिप्लोमा कोर्स का प्रवेश शुल्क रसीद
  • निवास प्रमाण पत्र

कन्या सुमंगला योजना का महत्व

यह योजना उत्तर प्रदेश की बेटियों को उनके जन्म से लेकर शिक्षा और विवाह तक एक सुरक्षित और सशक्त जीवन देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना के माध्यम से न केवल बेटियों की शिक्षा को प्रोत्साहित किया जा रहा है, बल्कि उनके स्वास्थ्य और उनके भविष्य को भी सुनिश्चित किया जा रहा है। यह समाज में बेटियों को समान अधिकार और अवसर देने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सहायक होगा।

कन्या सुमंगला योजना उत्तर प्रदेश सरकार की एक अभिनव पहल है, जो बेटियों के भविष्य को संवारने के लिए कई महत्वपूर्ण सुविधाएं प्रदान करती है। यह योजना न केवल बेटियों की शिक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देती है, बल्कि समाज में लिंग समानता को भी बढ़ावा देती है। इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र परिवारों को सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ पंजीकरण करना होगा।

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