Ujjain: भांग के नशे में बेकाबू हुआ भक्त, डॉक्टर और पुलिसकर्मी से की मारपीट
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Ujjain: महाराष्ट्र से आया एक भक्त, जो महाकाल मंदिर दर्शन के लिए उज्जैन आया था, ने भांग का सेवन करने के बाद अपना नियंत्रण खो दिया और अजीब तरीके से व्यवहार करने लगा। पुलिस ने जब उसे अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया, तो उसने डॉक्टर और पुलिसकर्मी के साथ मारपीट की। इसके बाद पुलिस ने किसी तरह उसे काबू कर लिया और उसे जिला अस्पताल के चरक भवन में इलाज के लिए भर्ती कराया।
घटना का विवरण
मिली जानकारी के अनुसार, बालू नामक व्यक्ति अपने पिता काशीनाथ के साथ अजीत, कृष्ण, गोविंद और गोलू नामक अपने दोस्तों के साथ उज्जैन दर्शन के लिए आया था। ये पांचों लोग रात करीब 9 बजे ट्रेन से उज्जैन पहुंचे थे और महाकाल मंदिर की तरफ जा रहे थे। रास्ते में एक भांग की दुकान देख बालू ने भांग पीने की इच्छा जाहिर की, हालांकि उसके दोस्तों ने उसे मना किया। लेकिन बालू ने सभी की सलाह को नजरअंदाज करते हुए भांग का सेवन कर लिया।
भांग का असर और बढ़ती हुई स्थिति
भांग का असर शुरू होने के बाद बालू की हालत बिगड़ने लगी। दौलतगंज क्षेत्र में कुछ लोगों ने बालू की हालत देखी और उसे अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी। उसके दोस्त उसे लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टर ने उसका इलाज किया और उसे नींद की दवाई दी, जिससे वह सो गया। हालांकि, रात कुछ बत्तियां वैसे ही कट गईं, लेकिन सुबह होते ही उसकी हालत और खराब हो गई। बालू ने बिस्तर से उठकर इधर-उधर दौड़ना शुरू कर दिया और नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टर के लिए परेशानी का कारण बन गया।
अस्पताल में हुआ हंगामा
जब ट्रेनिंग ड्रेसर ओम शंखवार ने उसे काबू करने की कोशिश की, तो बालू ने लाठी से हमला किया। इसके बाद उसने ASI रमेशचंद को भी लात मार दी, जो डॉक्टर की ड्यूटी पर तैनात थे। अस्पताल में अचानक हुए इस हंगामे से सभी लोग हैरान रह गए। अस्पताल प्रशासन ने तुरंत कोतवाली पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिसकर्मी उसे अस्पताल से कोतवाली थाने ले गए।
पुलिस कार्रवाई और आगे की जांच
डॉक्टर रत्नाकर ने बालू की MLC (Medico Legal Case) तैयार कर दी और कोतवाली पुलिस स्टेशन को आगे की कार्रवाई के लिए सूचित किया। पुलिस ने बालू को मेडिकल जांच के बाद उसे कोतवाली थाने में लेकर आकर जांच शुरू की। बालू के दोस्तों ने बताया कि वह एक किसान है और भांग के नशे के प्रभाव को लेकर अनजान था, इसलिए उसने इसका सेवन किया।
पारिवारिक स्थिति और भांग के नशे के खतरे
बालू के परिवारवालों और दोस्तों का कहना था कि वे भांग के नशे के परिणामों से अनजान थे और उनका इरादा केवल महाकाल मंदिर के दर्शन का था। लेकिन जब बालू ने भांग का सेवन किया, तो उसके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा। यह घटना इस बात का उदाहरण है कि कैसे नशे का सेवन किसी व्यक्ति के नियंत्रण को छीन सकता है और न केवल उसकी सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है, बल्कि दूसरों की सुरक्षा को भी खतरे में डाल सकता है।
नशे के बढ़ते प्रभाव और जागरूकता की आवश्यकता
यह घटना नशे के बढ़ते प्रभाव और इसके संगठित सेवन के खतरों को उजागर करती है। भांग का सेवन करने के बाद एक व्यक्ति का मानसिक और शारीरिक स्थिति पर गहरा असर हो सकता है, जिससे वह खुद को और दूसरों को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे मामलों में, समाज को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करना और लोगों को इससे बचने के लिए शिक्षा देना अत्यंत आवश्यक है।
अस्पतालों और पुलिस प्रशासन की सतर्कता
इस घटना से यह भी साफ होता है कि अस्पतालों और पुलिस प्रशासन को इस तरह के मामलों से निपटने के लिए विशेष तैयारी करनी चाहिए। अस्पतालों में ऐसे रोगियों की त्वरित देखभाल और पुलिस द्वारा उनके नियंत्रण में रखने की जिम्मेदारी है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। इसके अलावा, पुलिस और अस्पताल प्रशासन को इस तरह के नशे के प्रभाव वाले मामलों को सही तरीके से हैंडल करने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
यह घटना न केवल एक व्यक्ति की नशे की गिरफ्त में आने की कहानी है, बल्कि यह एक चेतावनी भी है कि भांग और अन्य नशे के पदार्थों का सेवन बेहद खतरनाक हो सकता है, खासकर अगर किसी व्यक्ति को इसके परिणामों के बारे में जानकारी नहीं हो। साथ ही, यह भी दिखाता है कि अस्पताल और पुलिस को इस तरह के मामलों से निपटने के लिए पर्याप्त तैयारी करनी चाहिए ताकि ऐसी स्थिति से बचा जा सके। अब यह देखना होगा कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में किस प्रकार की कार्रवाई करते हैं और बालू की मानसिक स्थिति और नशे के प्रभाव को लेकर कौन सी रिपोर्ट्स तैयार होती हैं।