संभल में न्याय की बात, पर बहराइच के मिश्रा परिवार को भूल गई सपा: ब्रजेश पाठक का तंज
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने हाल ही में संबल हिंसा को लेकर विपक्षी दलों पर तंज कसा और समाजवादी पार्टी (सपा) को घेरा। उन्होंने कहा कि सपा के लोग सिर्फ राजनीतिक पर्यटन के लिए संबल जा रहे हैं और मुआवजा वितरण जैसे मुद्दों को राजनीतिक फायदे के लिए उठा रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सपा का एकमात्र उद्देश्य कानून व्यवस्था को बिगाड़ना और फिर वोटों की राजनीति करना है।
संबल हिंसा पर ब्रजेश पाठक का बयान
ब्रजेश पाठक ने संबल हिंसा के बाद कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता संबल में शांति स्थापित करना है। इस मामले में न्यायिक आयोग का गठन किया गया है और जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हम निष्पक्ष जांच के आदेश दे चुके हैं, और उच्चस्तरीय जांच भी चल रही है। इस मामले में जो भी अपराधी होंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि संबल में हुई हिंसा में शामिल हर अपराधी को कानून के दायरे में लाया जाएगा और उन्हें सजा दिलवाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
सपा-कांग्रेस द्वारा संबल का दौरा और मुआवजा वितरण
ब्रजेश पाठक ने संबल दौरे पर गए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा, “यह लोग सिर्फ राजनीतिक पर्यटन के लिए संबल जा रहे हैं। इन लोगों का पुराना नारा है, पहले दंगे कराओ, फिर पत्थर फिंकवाओ, और फिर मुआवजा बांटो। यह लोग किसी भी तरीके से वोटों का फायदा उठाना चाहते हैं। ”
उपमुख्यमंत्री ने इस दौरान यह भी पूछा कि यदि वे मुआवजा देने के इतने ही पक्षधर थे, तो क्या उन्होंने बहृच में मिश्रा परिवार को कुछ दिया था? उन्होंने कहा, “संबल में पांच लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया गया, लेकिन क्या इन्हें बहृच में मिश्रा जी का ख्याल नहीं आया था? समाजवादी पार्टी सिर्फ वोटों के लिए तुष्टीकरण की राजनीति करती है।”
अखिलेश यादव पर ब्रजेश पाठक का हमला
ब्रजेश पाठक ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, “अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए। यह वह लोग हैं जो प्रदेश की शांति और सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं हैं और केवल राजनीति के लिए दंगे फैलाने का काम करते हैं।”
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी के नेताओं की भड़काऊ भाषा और उनके बयानों के कारण प्रदेश की स्थिति बिगड़ी है। उनकी बातें और गतिविधियां समाज में तनाव पैदा करती हैं। ब्रजेश पाठक ने अखिलेश यादव से अपील की कि वह अपनी पार्टी के नेताओं की विवादास्पद भाषा पर नियंत्रण रखें और उत्तर प्रदेश के लोगों से माफी मांगें।
एआईएमआईएम और असदुद्दीन ओवैसी पर ब्रजेश पाठक का बयान
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ने एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “हम जो भी निर्णय अदालत से आता है, उसका पालन करते हैं। ओवैसी सिर्फ उत्तर प्रदेश की शांति को व्यवधान डालने के लिए काम कर रहे हैं।” ब्रजेश पाठक ने यह भी कहा कि ओवैसी का एकमात्र उद्देश्य प्रदेश में शांति को भंग करना और लोगों को विभाजित करना है।
उन्होंने कहा, “हम उत्तर प्रदेश में शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और किसी भी ऐसे प्रयास का समर्थन नहीं करते जो प्रदेश में हिंसा और अशांति को बढ़ावा दे।”
संबल हिंसा की न्यायिक जांच टीम का दौरा
ब्रजेश पाठक ने यह भी बताया कि प्रशासन ने संबल हिंसा की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन किया है। आयोग की टीम रविवार को संबल पहुंची और वहां हिंसा के मामले की जांच शुरू की। इस दौरान टीम ने हिंसा के कारणों की गहनता से जांच की और यह सुनिश्चित किया कि दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
उत्तर प्रदेश सरकार का शांति बनाए रखने का संकल्प
ब्रजेश पाठक ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार किसी भी स्थिति में राज्य में शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि हिंसा फैलाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। प्रदेश सरकार ने हमेशा शांति और कानून व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और आगे भी इसे जारी रखने का वादा किया है।
ब्रजेश पाठक के बयान से यह साफ है कि उत्तर प्रदेश सरकार किसी भी सूरत में हिंसा या अशांति को बढ़ावा नहीं देगी। वहीं, विपक्षी दलों पर उनकी तीखी प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि वे अपनी राजनीति में राज्य की शांति और स्थिरता को बनाए रखने के बजाय केवल वोटों की राजनीति कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस अपने राजनीतिक एजेंडे को किस तरह आगे बढ़ाती हैं और क्या वे अपने बयानों और गतिविधियों से राज्य की शांति में योगदान करती हैं या इसे और बिगाड़ने का काम करती हैं।
राज्य की जनता के लिए यह जरूरी है कि वे शांतिपूर्ण माहौल में अपनी समस्याओं का समाधान चाहें, न कि दंगों और विवादों के बीच अपनी आवाज उठाएं।