Tata Midcap Growth Fund: जोखिम और रिटर्न का संतुलन, टाटा मिडकैप ग्रोथ फंड की असली ताकत क्या है?

अगर आपको लगता है कि निवेश के लिए बड़ी रकम चाहिए, तो टाटा म्यूचुअल फंड की यह कहानी आपकी सोच बदल सकती है। टाटा मिडकैप ग्रोथ फंड – रेगुलर प्लान ने यह साबित कर दिया है कि नियमित छोटे निवेश से भी लंबे समय में बड़ा फंड बनाया जा सकता है। अगर किसी ने इस फंड में हर महीने सिर्फ 1,000 रुपये की SIP (Systematic Investment Plan) 30 साल तक की होती, तो आज उसकी रकम 1.02 करोड़ रुपये से ज्यादा हो सकती थी। यह बात निवेशकों के लिए बड़ी उम्मीद और प्रोत्साहन की है।
टाटा मिडकैप ग्रोथ फंड की शुरुआत 1 जुलाई 1994 में हुई थी और अब इसने 30 साल का लंबा सफर पूरा कर लिया है। यह भारत के सबसे पुराने मिडकैप फंड्स में से एक है। इस फंड का मकसद मिडकैप कंपनियों में निवेश कर निवेशकों को मध्यम से लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न देना है। 30 साल के इस सफर में इस फंड ने कई उतार-चढ़ाव देखे लेकिन कुल मिलाकर अच्छा प्रदर्शन किया है। निवेशकों को लंबे समय तक भरोसा देने वाली यह योजना आज भी पसंदीदा मानी जाती है।
फंड के जबरदस्त रिटर्न्स और निवेश रणनीति
इस फंड ने लॉन्च के बाद से औसतन सालाना 13.23 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। खास बात यह है कि SIP के जरिए 10 साल में 14.91 प्रतिशत, 20 साल में 16.51 प्रतिशत और 30 साल में 17.92 प्रतिशत सालाना रिटर्न मिल चुका है। मतलब अगर किसी ने 30 साल पहले एकमुश्त 1 लाख रुपये निवेश किए होते तो आज उसकी रकम बढ़कर करीब 41.58 लाख रुपये हो जाती। टाटा मिडकैप फंड का पोर्टफोलियो खासतौर पर मिडकैप कंपनियों पर केंद्रित है। इसका 91.36 प्रतिशत हिस्सा घरेलू इक्विटी में है, जिसमें 14.43 प्रतिशत लार्जकैप, 46.52 प्रतिशत मिडकैप और 14.58 प्रतिशत स्मालकैप में निवेश है। प्रमुख होल्डिंग्स में मैक्स फाइनेंशियल सर्विसेज, अलकेम लैबोरेटरीज, जुबिलेंट फूडवर्क्स, ल्यूपिन और ऑरोबिंडो फार्मा शामिल हैं। फंड हेल्थकेयर और कंज्यूमर सेक्टर की तरफ झुकाव रखता है।
जोखिम, स्थिरता और निवेश के लिए सुझाव
टाटा मिडकैप ग्रोथ फंड की वोलैटिलिटी मध्यम स्तर की है। इसका स्टैंडर्ड डिविएशन 16.02 प्रतिशत है जो दिखाता है कि इस फंड में उतार-चढ़ाव संतुलित हैं। शार्प रेशियो 0.77 है जो जोखिम के मुकाबले अच्छे रिटर्न को दर्शाता है। बीटा 0.91 होने से यह फंड बाजार से थोड़ा कम अस्थिर है। हालांकि, अल्फा -1.14 है जो बताता है कि फंड ने अपने बेंचमार्क की तुलना में थोड़ा पीछे प्रदर्शन किया है। यह फंड उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो 3-4 साल या उससे ज्यादा समय के लिए निवेश करना चाहते हैं और उच्च रिटर्न की उम्मीद रखते हैं। मिडकैप फंडों में उतार-चढ़ाव ज्यादा होते हैं, लेकिन लंबी अवधि में ये अच्छे रिटर्न दे सकते हैं। निवेश से पहले यह ध्यान रखें कि पिछले प्रदर्शन से भविष्य की गारंटी नहीं मिलती। बाजार के उतार-चढ़ाव और नीतिगत बदलाव फंड के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए निवेश करने से पहले एक SEBI- पंजीकृत वित्तीय सलाहकार से सलाह लेना जरूरी है।