Stock Market Today: शुक्रवार को शेयर बाजार ने दिया शानदार तोहफा, वैश्विक तनाव का नहीं दिखा कोई असर

मध्य पूर्व में चल रहे इजराइल और ईरान के युद्ध ने पूरी दुनिया में तनाव का माहौल बना दिया है लेकिन इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर खास नहीं दिख रहा। शुक्रवार 20 मई 2025 को सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शेयर बाजार मजबूती के साथ खुला। सुबह 9.30 बजे बीएसई का सेंसेक्स 228 अंकों की बढ़त के साथ खुला और कुछ ही देर में इसमें करीब 700 अंकों की और छलांग लग गई। एनएसई का निफ्टी 50 भी 36.45 अंक ऊपर 24,829.70 पर खुला और इसके बाद 25,000 के पार पहुंच गया। इस तेजी से निवेशकों में काफी उत्साह देखा गया।
आज के कारोबार में जिन शेयरों में सबसे ज्यादा उछाल आया है उनमें सबसे आगे महिंद्रा एंड महिंद्रा रहा। इसके शेयर में 1.01 प्रतिशत की बढ़त देखी गई। उसके बाद भारती एयरटेल और एटरनल में 0.71 प्रतिशत की तेजी आई। एचडीएफसी बैंक के शेयर में 0.57 प्रतिशत और अल्ट्राटेक सीमेंट में 0.61 प्रतिशत की मजबूती दर्ज हुई। इन बढ़त वाले शेयरों की वजह से बाजार में तेजी बनी रही और सेंसेक्स व निफ्टी दोनों मजबूत दिखाई दिए। वहीं दूसरी ओर, कुछ शेयरों में गिरावट भी रही।
कुछ शेयरों में गिरावट भी देखी गई
आज के कारोबार में जिन शेयरों में गिरावट आई उनमें इंडसइंड बैंक सबसे आगे रहा। इसके शेयर में 0.90 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। इसके अलावा बजाज फाइनेंस में 0.49 प्रतिशत, टेक महिंद्रा में 0.37 प्रतिशत, टाटा मोटर्स में 0.21 प्रतिशत और कोटक महिंद्रा बैंक में भी 0.21 प्रतिशत की गिरावट आई। हालांकि इन गिरावट वाले शेयरों का असर बाजार की समग्र स्थिति पर खास नहीं पड़ा क्योंकि बाकी मजबूत शेयरों ने उसे संभाले रखा।
बाजार में एक दिन पहले थी गिरावट
बात करें गुरुवार यानी 19 मई की तो उस दिन शेयर बाजार में लगातार तीसरे दिन गिरावट दर्ज हुई थी। उतार-चढ़ाव भरे कारोबार के बीच बीएसई सेंसेक्स 82.79 अंक यानी 0.10 प्रतिशत गिरकर 81,361.87 पर बंद हुआ था। हालांकि दिन के कारोबार के दौरान यह 81,583.94 के ऊपरी स्तर तक गया और 81,191.04 तक नीचे आया। एनएसई निफ्टी भी 18.80 अंक यानी 0.08 प्रतिशत गिरकर 24,793.25 पर बंद हुआ था। जियोजीत इन्वेस्टमेंट रिसर्च के प्रमुख विनोद नायर ने कहा था कि बाजार सीमित दायरे में निगेटिव ट्रेंड के साथ हिलता-डुलता रहा। दुनियाभर के निवेशक वेस्ट एशिया में अमेरिका के संभावित हस्तक्षेप को लेकर सतर्क नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों को स्थिर रखने और उच्च महंगाई की आशंका ने सॉफ्टवेयर निर्यात से जुड़ी कंपनियों के शेयरों पर असर डाला।