शिवम के चचेरे भाई का बयान: ‘सरकार से मांग है कि हमारे भाई को जल्दी वापस करें!’

उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले शिवम द्विवेदी की जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में दुखद मौत हो गई। 31 वर्षीय शिवम द्विवेदी की हाल ही में 12 फरवरी को शादी हुई थी और वह अपनी पत्नी और 11 अन्य लोगों के साथ कश्मीर घूमने गए थे। पहलगाम में अपनी पत्नी के साथ घुड़सवारी से लौटते समय शिवम और उनकी पत्नी को आतंकियों ने रोककर उनका नाम पूछा। उनका नाम सुनते ही आतंकियों ने उनके सिर में गोली मार दी, जिससे उनकी तुरंत मौत हो गई। इस भयावह घटना ने उनके परिवार को तबाह कर दिया है, क्योंकि वे अपने प्रियजन को खोने का शोक मना रहे हैं।
द्विवेदी परिवार में शोक और सदमा
शिवम द्विवेदी का परिवार, खास तौर पर उनकी पत्नी, इस सदमे से स्तब्ध हैं। उनकी पत्नी ने ही कानपुर में परिवार को इस भयानक खबर के बारे में बताया। शिवम के चचेरे भाई सौरभ द्विवेदी ने मीडिया से बात की और अधिकारियों से संपर्क न होने पर अपना दुख और निराशा व्यक्त की। सौरभ ने दुख से भरी आवाज़ में कहा, “हमें यह दिल दहला देने वाली खबर मिली कि शिवम को आतंकवादियों ने उसका नाम पूछने के बाद सिर में गोली मार दी। मेरी भाभी ने हमें फोन करके इस घटना की जानकारी दी। शिवम सिर्फ़ 31 साल का था।” उन्होंने कहा, “हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि शिवम का शव जल्द से जल्द हमें सौंप दिया जाए। अभी तक किसी भी अधिकारी ने हमसे संपर्क नहीं किया है।” इस घटना ने परिवार को शोक में डाल दिया है और शिवम की असामयिक मौत ने उनके जीवन पर एक काली छाया डाल दी है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय निवासी समेत 26 लोगों की जान चली गई है। पीड़ितों में भारतीय मूल के दो विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। अंधाधुंध फायरिंग करने वाले आतंकियों ने बेखबर पर्यटकों पर 50 राउंड से ज्यादा गोलियां चलाईं। यह दुखद घटना दोपहर करीब 2:30 बजे पहलगाम के बैसरना में हुई, जब 2-3 आतंकी पर्यटकों के पास पहुंचे और उनके पहचान पत्र चेक करने लगे। इसके बाद उन्होंने बिना किसी चेतावनी के पर्यटकों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। इस हमले से व्यापक भय और आक्रोश फैल गया है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित राष्ट्रीय नेताओं ने इस घटना की निंदा की है। स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि हमले की प्रतिक्रिया की निगरानी के लिए अमित शाह खुद दिल्ली से श्रीनगर पहुंचे।
हमले पर प्रतिक्रिया और प्रतिक्रियाएं
इस तरह के विनाशकारी हमले के बाद स्थानीय और राष्ट्रीय अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई की। हमले के समय इलाके में मौजूद एक सैन्य अधिकारी ने लोगों को बचाने के लिए खुद को ढाल लिया और दूसरों से भी ऐसा करने का आग्रह किया। उनकी त्वरित सूझबूझ और बहादुरी ने कई लोगों की जान बचाने में मदद की। हालांकि, इस हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है और इस क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं। पूरे भारत के नेताओं ने पीड़ित परिवारों के साथ अपनी संवेदना और एकजुटता व्यक्त की है। प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हमले की निंदा की है और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने की कसम खाई है। इस घटना ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को लेकर पहले से मौजूद आशंकाओं को और बढ़ा दिया है और इस क्षेत्र में पर्यटकों के लिए सुरक्षा में सुधार के बारे में चर्चाएँ शुरू कर दी हैं। जैसे-जैसे जाँच जारी है, सरकार पर भविष्य में इस तरह के हमलों को रोकने के लिए त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करने का दबाव है।