भोपालमध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश में राज्य स्तरीय पुलिस ड्यूटी मीट सम्पन्नअखिल भारतीय स्तर के लिए चुने जाएंगे 26 श्रेष्ठ अधिकारी

भोपाल. मध्यप्रदेश पुलिस की वैज्ञानिक विवेचना क्षमता और तकनीकी दक्षता को नई दिशा देने हेतु आयोजित राज्य स्तरीय पुलिस ड्यूटी मीट का सफल समापन आज डायल–112 स्टेट कमांड सेंटर भोपाल में हुआ। दो दिवसीय इस प्रतियोगिता में प्रदेश के विभिन्न जोन जिलों एवं इकाइयों से आए 107 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य आगामी 69वीं अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट में मध्यप्रदेश का प्रभावी और परिणामकारी प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना है।

तकनीकी–वैज्ञानिक विधाओं में उत्कृष्ट कौशल का प्रदर्शन

इस राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने साइंटिफिक एड्स टू इन्वेस्टिगेशन श्रेणी की महत्वपूर्ण विधाओं में अपना कौशल प्रदर्शित किया। इनमें मेडिको-लीगल ओरल परीक्षा क्रिमिनल लॉ फिंगरप्रिंट परीक्षण ऑब्ज़र्वेशन टेस्ट पोर्ट्रेट पार्ले हैंडलिंग लिफ्टिंग पैकिंग सीलिंग  तथा एग्ज़िबिट्स की वैज्ञानिक फॉरवर्डिंग प्रक्रिया शामिल थीं।

विवेचना अधिकारियों ने इन क्षेत्रों में अपने ज्ञान दक्षता और व्यावहारिक समझ का सटीक प्रदर्शन किया। वास्तविक अपराध अनुसंधान से जुड़े इन सभी विषयों में प्राप्त अंकों के आधार पर श्रेष्ठ प्रतिभागियों का चयन किया जाएगा।

पुलिस फोटोग्राफर्स ने एक्सपर्ट पुलिस फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी परीक्षा में अपनी तकनीकी विशेषज्ञता दिखाई। उन्होंने क्राइम सीन डॉक्यूमेंटेशन फोटोग्राफिक एविडेंस डिजिटल रिकॉर्डिंग तथा हाई–रेज़ोल्यूशन उपकरणों के उपयोग में उच्च स्तर का कौशल प्रस्तुत किया, जो न्यायालयीन प्रक्रिया में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।

वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति से बढ़ी गरिमा

कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (तकनीकी सेवाएँ)  के. पी. वेंकटेश्वर राव, उमनि एवं संचालक एफएसएल  शशिकांत शुक्ला तथा एफएसएल के संयुक्त संचालक प्रभारी सहित प्रदेश स्तर के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। उन्होंने प्रतिभागियों के कार्यों की सराहना की और विजेताओं को प्रमाणपत्र एवं पुरस्कार प्रदान किए।

अपने संबोधन में श्री राव ने कहा कि वर्तमान समय में वैज्ञानिक आधारित विवेचना ही न्यायिक व्यवस्था की रीढ़ है। डीएनए डिजिटल फॉरेंसिक साइबर जाँच क्राइम सीन मैनेजमेंट तथा आधुनिक वैज्ञानिक प्रक्रियाओं के उपयोग से न केवल अपराधों का शीघ्र खुलासा संभव है बल्कि न्यायालय में प्रकरण की मजबूती भी बढ़ती है।

उन्होंने सभी प्रतिभागियों को साक्ष्यों के संरक्षण पैकिंग फॉरवर्डिंग और विश्लेषण की शुद्ध विधियों को अपनाने की सलाह दी। श्री राव ने स्पष्ट किया कि ऐसे आयोजन पुलिस विवेचना को आधुनिक तकनीक से जोड़कर उसे और प्रभावी बनाते हैं।

26 विशेष अधिकारियों की टीम करेगी राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व:- इस राज्य स्तरीय मीट से चयनित प्रतिभागियों में से 26 अधिकारियों की एक विशेष टीम बनाई जाएगी। यह टीम अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट में मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व करेगी।

इस टीम को प्रतियोगिता से पूर्व एक माह का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा जिसमें:-
• तकनीकी परीक्षण
• डिजिटल एवं फोरेंसिक तकनीक
• क्राइम सीन मैनेजमेंट
• वैज्ञानिक विवेचना
• तथा पूर्व राष्ट्रीय पदक विजेताओं के मार्गदर्शन सत्र शामिल होंगे। यह प्रशिक्षण प्रतिभागियों को राष्ट्रीय प्रतियोगिता में बेहतर प्रस्तुति और उच्च प्रदर्शन के लिए तैयार करेगा।

अनुभवी पदक विजेताओं के अनुभव ने बढ़ाया उत्साह :-  कार्यक्रम के अंतिम चरण में पूर्व पदक विजेताओं के साथ एक इंटरैक्शन सत्र आयोजित किया गया। अनुभवी अधिकारियों ने अपनी तकनीकी सीख चुनौतियाँ और कार्यानुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि विवेचना में धैर्य सूक्ष्म अवलोकन तकनीकी सटीकता और साक्ष्य संरक्षण की वैज्ञानिक विधियाँ सफलता का आधार होती हैं।

वरिष्ठ अधिकारियों ने विश्वास व्यक्त किया कि इस बार भी मध्यप्रदेश की टीम राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर कई पदक जीतकर प्रदेश का नाम रोशन करेगी। प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए तकनीकी इकाइयों एफएसएल विशेषज्ञों निर्णायक मंडल और सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया गया। इस प्रकार दो दिवसीय यह राज्य स्तरीय पुलिस ड्यूटी मीट न केवल एक प्रतियोगिता साबित हुई बल्कि इससे मध्यप्रदेश पुलिस की वैज्ञानिक विवेचना क्षमता को नई दिशा और मजबूती भी मिली है।

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