फूलपुर सीट पर सपा उम्मीदवार मुज्तबा सिद्दीकी ने भरा नामांकन, कांग्रेस को सीट देने की चर्चा जारी
उत्तर प्रदेश के फूलपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार मुज्तबा सिद्दीकी ने बुधवार को कलेक्टरेट पहुंचकर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस दौरान उनके साथ बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता मौजूद थे। नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद सिद्दीकी ने अपनी जीत का विश्वास व्यक्त किया और कहा कि इंडिया गठबंधन फूलपुर उपचुनाव में एकजुट होकर लड़ाई लड़ेगा और जीत हासिल करेगा। इस मौके पर सपा के हांदिया विधायक हकीमलाल बिंद और एमएलसी मन सिंह यादव भी उनके साथ थे।
नामांकन के दौरान हंगामा और पुलिस से झड़प
हालांकि, नामांकन के दौरान सब कुछ शांतिपूर्ण नहीं रहा। कलेक्टरेट में नामांकन की प्रक्रिया के दौरान सपा कार्यकर्ताओं ने नामांकन कक्ष के बाहर हंगामा खड़ा कर दिया। वहां पुलिस के साथ उनकी गर्मागर्मी भी हुई। नामांकन कक्ष में उम्मीदवार के साथ केवल एक निर्धारित संख्या में लोग ही प्रवेश कर सकते थे। जब सपा कार्यकर्ताओं की एक बड़ी संख्या ने नामांकन कक्ष में प्रवेश करने की कोशिश की, तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। यह सपा कार्यकर्ताओं को नागवार गुजरा और उन्होंने पुलिस से कहा कि वे अपनी सीमाओं में रहें। जब उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं मिली, तो सपा कार्यकर्ताओं ने हंगामा शुरू कर दिया और वहां काफी शोर-शराबा हुआ।
सपा उम्मीदवार का बयान
मुज्तबा सिद्दीकी ने कहा, “हमने अपनी जीत के लिए पूरे मनोयोग से काम किया है। मैं विश्वास दिलाता हूं कि हम फूलपुर में एकजुट होकर चुनाव लडेंगे और जीतेंगे।” उन्होंने कहा कि उनका गठबंधन चुनावी रणनीति के तहत काम करेगा और उनकी पार्टी हर घर में पहुंचने की कोशिश करेगी।
फूलपुर उपचुनाव का महत्व
फूलपुर विधानसभा सीट, जो कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण मानी जाती है, पर इस बार उपचुनाव हो रहा है। यहां की सीट पर चुनाव जीतने के लिए सपा के साथ-साथ अन्य दल भी अपनी पूरी ताकत झोंकने वाले हैं। भाजपा और कांग्रेस सहित कई अन्य पार्टियों ने भी इस सीट पर अपने उम्मीदवारों को खड़ा करने की योजना बनाई है। सपा के इस चुनावी मैदान में उतरने के बाद अन्य दलों की रणनीतियों पर भी असर पड़ सकता है।
फूलपुर विधानसभा उपचुनाव में सपा उम्मीदवार मुज्तबा सिद्दीकी का नामांकन और इसके बाद का हंगामा यह दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में चुनौतियों का सामना करते हुए पार्टियों को अपने कार्यकर्ताओं के बीच एकजुटता बनाए रखने की आवश्यकता है। यह उपचुनाव न केवल फूलपुर की राजनीति के लिए बल्कि उत्तर प्रदेश की राजनीतिक तस्वीर के लिए भी महत्वपूर्ण होगा। सपा और अन्य दलों के बीच होने वाले चुनावी मुकाबले में अब देखना यह है कि कौन सी पार्टी जीत हासिल कर पाती है और किसकी रणनीतियाँ सफल होती हैं।