Trudeau को झटका! अमेरिका ने भारत का समर्थन करते हुए पन्नू हत्या मामले में जांच से संतोष जताया
गुरपतवंत सिंह पन्नू, एक कनाडाई-अमेरिकी नागरिक और खालिस्तान समर्थक, की हत्या की साजिश से जुड़े मामले में हाल ही में भारत और अमेरिका के बीच गंभीर आरोपों और जांच के बाद नया मोड़ आया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को पुष्टि की कि अमेरिकी जानकारी के आधार पर एक भारतीय अधिकारी को पद से हटाया गया है। यह कदम भारत-अमेरिका के बीच इस मामले में चल रही जांच का हिस्सा है, जिसमें दोनों देशों की एजेंसियों ने एक-दूसरे से सहयोग किया है।
अधिकारी का निष्कासन: क्या है मामला?
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने इस मामले पर बयान देते हुए कहा, “मैं पुष्टि करता हूं कि संबंधित व्यक्ति अब भारतीय सरकार का हिस्सा नहीं है।” हालाँकि, उन्होंने इस अधिकारी की पहचान या और कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया।
इस मामले में एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि भारत की जांच टीम के दो अधिकारी वर्तमान में अमेरिका में हैं, जहां वे पन्नू की हत्या की साजिश से संबंधित आरोपों की जांच कर रहे हैं। अमेरिकी अधिकारियों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित किया गया है।
अमेरिका की प्रतिक्रिया और सहयोग
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने भी पुष्टि की कि भारत से इस मामले में पूरा सहयोग मिल रहा है और अमेरिका उनकी जांच और कार्यवाही से संतुष्ट है। मिलर ने कहा, “हमारी जांच समिति के साथ बैठक सकारात्मक रही और हम उनकी जांच प्रक्रिया से संतुष्ट हैं।”
पन्नू की हत्या की साजिश: सच्चाई क्या है?
गुरपतवंत सिंह पन्नू, जो खालिस्तान समर्थक संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ (SFJ) का संस्थापक है, को भारत पहले ही आतंकवादी घोषित कर चुका है। पन्नू लंबे समय से कनाडा और अमेरिका से भारत विरोधी गतिविधियों और रैलियों का आयोजन करता आ रहा है। भारत ने पन्नू के संगठन पर प्रतिबंध भी लगाया है।
यह मामला तब प्रकाश में आया जब निकिल गुप्ता, जिसे अमेरिका ने पन्नू की हत्या की साजिश का मुख्य आरोपी माना है, ने अमेरिकी एजेंसियों को जानकारी दी कि उसे एक भारतीय अधिकारी (कोड नेम CC1) ने पन्नू की हत्या का आदेश दिया था। निकिल गुप्ता को चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया और बाद में अमेरिका को प्रत्यर्पित किया गया।
भारत सरकार का रुख
इस साजिश के खुलासे के बाद भारत सरकार ने अमेरिका के साथ मिलकर जांच शुरू की। भारत के विदेश मंत्रालय ने इस मामले में सक्रिय रूप से सहयोग किया और अमेरिका के साथ लगातार संपर्क में बना रहा। इसके साथ ही, भारत ने पन्नू के खिलाफ पहले से ही चल रही कार्रवाईयों के बारे में भी जानकारी दी।
भारत और अमेरिका के बीच बनी सहमति
भारत और अमेरिका के बीच चल रही इस जांच से यह स्पष्ट है कि दोनों देश इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। अमेरिकी प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि भारतीय अधिकारी अब उस सरकार का हिस्सा नहीं है, जिसने साजिश में भूमिका निभाई थी।
यह घटना उस समय आई है जब भारत और कनाडा के बीच पहले से ही खालिस्तानी मुद्दे को लेकर तनाव चल रहा है। इससे कुछ समय पहले ही कनाडा ने भारत पर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था, जो एक और खालिस्तान समर्थक था।
पन्नू और उसकी गतिविधियाँ
गुरपतवंत सिंह पन्नू, जो लंबे समय से खालिस्तान के समर्थन में रैलियां और कार्यक्रम आयोजित करता आ रहा है, भारत के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। उसके संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ को भारत सरकार ने आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है।