छत्तीसगढ

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की कार्यवाही, 7 नक्सली ढेर

छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की कार्रवाई लगातार जारी है और इस कड़ी में रविवार को सुरक्षा बलों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में सात नक्सलियों को मार गिराया। यह मुठभेड़ सुबह 5:30 बजे हुई, जब ग्रेहाउंड्स के जवानों ने नक्सलियों के खिलाफ एक ऑपरेशन चलाया। मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने नक्सलियों से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किए।

मुठभेड़ का विवरण

जानकारी के अनुसार, यह मुठभेड़ छत्तीसगढ़ के इथुरुनगरम इलाके के चल्पाका जंगल क्षेत्र में हुई। सुरक्षा बलों ने इस इलाके में नक्सलियों के खिलाफ एक तलाशी अभियान चला रखा था। इस दौरान नक्सलियों ने अचानक जवानों पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की और सात नक्सलियों को मार गिराया। इस मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों में से कुछ प्रमुख माओवादी नेता भी शामिल हैं।

नक्सलियों से बरामद हथियार और सामग्री

मुठभेड़ के बाद, सुरक्षा बलों ने मारे गए नक्सलियों से कई आधुनिक हथियार बरामद किए हैं। इनमें राइफल्स, कार्बाइन, और विस्फोटक सामग्री शामिल हैं। यह सफलता सुरक्षा बलों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि इन माओवादियों के पास कई हथियार और सामग्री थीं जो सुरक्षा बलों के लिए चुनौती पैदा कर सकती थीं।

मारे गए नक्सलियों की पहचान

सुरक्षा बलों के अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की पहचान कर ली गई है। इन नक्सलियों में Kursam Mangu, Egolapu Mallaiya, Musaki Deval, Musaki Jamuna, Jai Singh, Kishore और Kamesh शामिल हैं। यह नक्सली लंबे समय से सुरक्षा बलों के खिलाफ सक्रिय थे और इनकी गिरफ्तारी या मौत पर कई लाखों रुपए का इनाम घोषित किया गया था।

सुरक्षा बलों का तलाशी अभियान जारी

सुरक्षा बलों के अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ के बाद भी नक्सलियों के अन्य साथियों की तलाश जारी है। इलाके में व्यापक तलाशी अभियान चलाया जा रहा है और जवानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखें। चंपा और आसपास के क्षेत्रों में भी नक्सलियों की तलाश के लिए पुलिस की टीमों को तैनात किया गया है।

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नक्सलवाद के खिलाफ लगातार कार्रवाई

छत्तीसगढ़ पुलिस ने पिछले कुछ वर्षों में नक्सलवाद के खिलाफ कई सफल अभियान चलाए हैं। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य नक्सलवाद के खात्मे के लिए लगातार कार्रवाई करना है। भारत सरकार ने भी नक्सलियों के खिलाफ अभियान को बढ़ावा दिया है और इसके तहत कई राज्य पुलिस बलों के साथ मिलकर संयुक्त ऑपरेशन किए गए हैं।

इस साल की शुरुआत में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के पुलिस अधिकारियों के साथ रायपुर में बैठक की थी। इस बैठक में उन्होंने नक्सलियों के खिलाफ एक निरंतर अभियान चलाने की बात की थी। गृह मंत्री ने यह भी लक्ष्य तय किया था कि 2026 तक नक्सलवाद का पूरी तरह से सफाया कर दिया जाएगा। इस दिशा में छत्तीसगढ़ पुलिस ने अभियान तेज कर दिया है और अब तक 96 मुठभेड़ों में 207 नक्सलियों को मार गिराया है, जिन पर करीब 8.84 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था।

नक्सलवाद का खतरा और सरकार की नीतियां

भारत में नक्सलवाद एक गंभीर समस्या है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां नक्सली प्रभावी होते हैं। छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और बिहार जैसे राज्य नक्सलवाद से प्रभावित हैं। इन राज्यों में नक्सली अपने कार्यों को छुपा कर और अक्सर जंगलों में छिप कर सुरक्षा बलों से मुकाबला करते हैं। नक्सलियों का उद्देश्य आदिवासियों और गरीबों के हक के लिए लड़ने का दावा करना है, लेकिन उनकी हिंसक और अवैध गतिविधियों ने देश की सुरक्षा व्यवस्था को खतरे में डाल दिया है।

सरकार ने नक्सलवाद का मुकाबला करने के लिए विभिन्न उपायों को लागू किया है। इन उपायों में सुरक्षा बलों का सक्रिय अभियान, आदिवासी क्षेत्रों में विकास परियोजनाओं की शुरुआत, और स्थानीय लोगों से संवाद स्थापित करना शामिल है। हालांकि, इन उपायों के बावजूद, नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई में कई चुनौतियां मौजूद हैं।

आगे की रणनीति

केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकारें मिलकर नक्सलवाद के खिलाफ एक मजबूत रणनीति पर काम कर रही हैं। इसके तहत सुरक्षा बलों को आधुनिक तकनीक और हथियारों से लैस किया जा रहा है, ताकि वे नक्सलियों के खिलाफ प्रभावी तरीके से लड़ सकें। इसके अलावा, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति दी जा रही है, ताकि स्थानीय लोग सरकार के पक्ष में आ सकें और नक्सलियों के प्रभाव से बाहर आ सकें।

इसके अलावा, नक्सलियों के खिलाफ व्यापक मुठभेड़ों को लेकर सुरक्षा बलों को निरंतर समर्थन दिया जा रहा है। मुठभेड़ों में मारे गए नक्सलियों की पहचान और उनके साथियों की तलाश के लिए व्यापक अभियान चलाया जा रहा है, जिससे इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द हो सके।

छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर सुरक्षा बलों की इस बड़ी सफलता से यह स्पष्ट होता है कि सरकार और सुरक्षा बल नक्सलवाद के खिलाफ पूरी ताकत से काम कर रहे हैं। नक्सलियों के खिलाफ यह कार्रवाई न केवल सुरक्षा बलों की सफलता को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सरकार नक्सलवाद के खात्मे के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, यह एक लंबी लड़ाई है, लेकिन यदि यह अभियान इसी गति से चलता रहा, तो नक्सलवाद के खिलाफ सरकार के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।

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