मध्य प्रदेश

इंदौर में लापता मंत्री की तलाश शुरू, कांग्रेस ने लगाया ₹11,000 इनाम का पोस्टर!

मध्यप्रदेश की राजनीति में इन दिनों एक नया बवाल खड़ा हो गया है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य के मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है क्योंकि उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के कारण चर्चा में आईं कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था। लेकिन हैरानी की बात यह है कि विजय शाह इस घटना के बाद से कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। पूरे राज्य में उनकी कोई झलक नहीं मिली है और इसी को लेकर अब कांग्रेस ने इंदौर शहर में ‘लापता मंत्री की तलाश’ के पोस्टर लगा दिए हैं। इन पोस्टरों पर साफ लिखा है कि जो कोई भी उन्हें ढूंढ निकालेगा उसे 11,000 रुपये का इनाम दिया जाएगा।

कांग्रेस नेता विवेक खंडेलवाल ने मीडिया से बातचीत में बताया कि मंत्री विजय शाह कई दिनों से लापता हैं और हाल ही में इंदौर में हुई कैबिनेट बैठक में भी उपस्थित नहीं थे। अखबारों के जरिए यह खबरें सामने आई हैं कि वे अंडरग्राउंड हो गए हैं। विवेक खंडेलवाल ने सवाल उठाया कि जब राज्य का एक मंत्री इस तरह से गायब हो सकता है तो राज्य की ग्रह विभाग की जिम्मेदारी पर भी सवाल उठता है। उन्होंने कहा कि भाजपा और सरकार उनके इस्तीफे को स्वीकार नहीं कर रही जबकि विपक्ष के कई नेता और यहां तक कि सत्ताधारी पार्टी के लोग भी उनके हटाए जाने की मांग कर चुके हैं। इसके बावजूद सरकार उन्हें बचाने में लगी है।

पोस्टरों में इनाम का ऐलान और कांग्रेस का विरोध

कांग्रेस ने इंदौर शहर के प्रमुख चौराहों पर पोस्टर लगाए हैं जिनमें लिखा है कि जो भी व्यक्ति मंत्री विजय शाह को ढूंढकर वापस लाएगा उसे उचित इनाम दिया जाएगा। पोस्टरों में यह भी साफ लिखा गया है कि विजय शाह को खोजने पर 11,000 रुपये का इनाम मिलेगा। कांग्रेस का कहना है कि जब तक विजय शाह इस्तीफा नहीं देंगे तब तक पार्टी का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा। इस विरोध के जरिए कांग्रेस सरकार पर दबाव बनाना चाहती है ताकि मंत्री पर कार्रवाई की जाए और कर्नल सोफिया कुरैशी का सम्मान बहाल किया जा सके।

विजय शाह ने सोशल मीडिया पर मांगी माफी

इस पूरे विवाद के बीच विजय शाह कई बार सोशल मीडिया पर माफी मांग चुके हैं। हाल ही में उन्होंने एक बयान जारी किया और कहा कि पाकिस्तान और आतंकियों द्वारा किए गए कृत्य से वे बेहद आहत थे और इस वजह से उनसे शब्दों की गलती हो गई। उन्होंने कहा कि उनका हमेशा से सेना के प्रति सम्मान रहा है और जो शब्द उन्होंने बोले थे वह महज एक भाषाई चूक थी। विजय शाह ने फिर एक बार हाथ जोड़कर बहन सोफिया कुरैशी और पूरे देश से अपने शब्दों के लिए क्षमा याचना की। हालांकि उनके विरोधियों का कहना है कि सिर्फ माफी मांगने से बात खत्म नहीं होती और उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना ही पड़ेगा।

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