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SC/ST और OBC को मिला सबसे ज्यादा फायदा, जानिए मुद्रा योजना के 10 साल का हिसाब

आज PM Narendra Modi ने अपने आवास पर मुद्रा योजना के लाभार्थियों से बातचीत की। लाभार्थियों को योजना से जुड़े अपने अनुभव साझा करने के लिए प्रधानमंत्री के आवास पर आमंत्रित किया गया था। बातचीत के दौरान PM Modi ने इस बात पर जोर दिया कि मुद्रा योजना का प्राथमिक उद्देश्य देश के युवाओं को सशक्त बनाना, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने और अपने पैरों पर खड़े होने में मदद करना है।

बातचीत के दौरान PM Modi ने एक लाभार्थी से उनकी आय के बारे में पूछा। लाभार्थी जवाब देने में हिचकिचा रहा था, जिसके बाद प्रधानमंत्री ने मजाकिया अंदाज में टिप्पणी करके माहौल को हल्का किया। वित्त मंत्री के बगल में बैठे होने पर उन्होंने कहा, “चिंता मत करो, आयकर अधिकारी नहीं आएंगे।” इस टिप्पणी पर लाभार्थियों की हंसी फूट पड़ी, जिससे बातचीत की सहजता और सहजता उजागर हुई।

PM Modi ने योजना के वास्तविक उद्देश्य पर जोर दिया

लाभार्थियों से बातचीत में PM Modi ने स्पष्ट किया कि मुद्रा योजना का उद्देश्य उनकी प्रशंसा करना नहीं है, बल्कि देश के युवाओं को वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद करना है। उन्होंने मध्य प्रदेश के भोपाल के एक लाभार्थी लवकुश मेहरा की कहानी साझा की, जिन्होंने बताया कि मुद्रा योजना ने कैसे उनके जीवन को बदलने में मदद की। लवकुश ने बताया, “पहले मैं किसी के यहाँ नौकर के तौर पर काम करता था, लेकिन मुद्रा लोन ने हमें अपने पैरों पर खड़े होने की गारंटी दी। आज हम मालिक बन गए हैं।”

लवकुश ने अपनी सफलता की कहानी को विस्तार से बताते हुए बताया कि उन्होंने 2021 में 5 लाख रुपये की लोन सीमा के साथ अपना व्यवसाय शुरू किया था। शुरुआत में उन्हें लोन चुकाने में डर लग रहा था, लेकिन आज उनका व्यवसाय काफ़ी बढ़ गया है। “मेरा मुद्रा लोन 5 लाख रुपये से बढ़कर 9.5 लाख रुपये हो गया है। पहले साल में मेरा टर्नओवर 12 लाख रुपये था, जो अब 50 लाख रुपये से ज़्यादा हो गया है,” लवकुश ने गर्व से कहा, जो छोटे व्यवसायों पर योजना के महत्वपूर्ण प्रभाव को दर्शाता है।

क्या है मुद्रा योजना?

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना PM Modi की प्रमुख योजनाओं में से एक है, जिसका उद्देश्य वंचित सूक्ष्म उद्यमों और छोटे व्यवसायों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। पिछले 10 वर्षों में, इस योजना के तहत 50 करोड़ ऋण खातों को मंजूरी दी गई है, जिसमें 33 लाख करोड़ रुपये का ऋण दिया गया है। इस योजना ने महिलाओं को सशक्त बनाने में भी उल्लेखनीय सफलता देखी है, जिसमें 68 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं और 50 प्रतिशत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित हैं। लाभार्थी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिससे प्रक्रिया सुलभ और पारदर्शी हो जाती है।

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