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Rejistry News.बेकाम हुआ संपदा 2.0,पंजीयन कार्यालय में सक्रिय हुए प्रायवेट दलाल, प्रति रजिस्ट्री 2 प्रतिशत ले रहे मोटी रकम

मध्य प्रदेश में ऑनलाइन रजिस्ट्री की सुविधा के लिए संपदा 2.0 लागू की गई है जिससे घर बैठे आसानी से लोगों के जमीनों का पंजीयन हो सके मगर रीवा में सरकार की यह व्यवस्था फ्लॉफ साबित हो रही है और इस सुविधा के आने से सब रजिस्ट्रार कार्यालय में एक बार फिर एजेंट सक्रिय हो गए हैं। जिसमें एजेंटों के द्वारा काम करवाने के एवज ने मोटी रकम वसूली जा रही है तथा एजेंटों के द्वारा जमीन की कीमत का 2 प्रतिशत चार्ज भुगतान करने पर ही रजिस्ट्री की प्रोसेस को आगे बढ़ाया जा रहा है। वहीं बायनामा के नाम पर चल रही अवैध टैक्स वसूली से भी लोग परेशान हैं। सर्विस प्रोवाइडर लोगों से एक रजिस्ट्री के 5 से 10 हजार और इससे ऊपर तक की करीब लाखों रुपए की अपनी आमदनी का जुगाड़ कर रहे हैं। जबकि शासन के मान से स्टाम्प ड्यूटी के अतिरिक्त किसी भी प्रकार के शुल्क लेने का कोई प्रावधान नहीं है।

बताया जा रहा है कि अधिकारियों की सबसे बड़ी लापरवाही यह है कि रजिस्ट्रार कार्यालय में प्राइवेट लोगों को दायित्व सौंपा गया है जो लोगों से रजिस्ट्री के नाम पर अधिक रुपए लेते हैं। तथा कोई व्यक्ति बायनामा करने भी जाता है और वह एक हजार रुपए का स्टाम्प खरीदता है तो उसे वह स्टाम्प पांच सौ रुपए अधिक में दिया जाता है। इसी प्रकार स्टाम्प पर अवैध तरीके से अतिरिक्त ड्यूटी लगाकर लोगों को चपत लगाई जा रही है। मगर जिम्मेदार इस ओर किसी भी तरह का ध्यान नहीं दे रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक पूर्व में रीवा उप पंजीयक कार्यालय में पदस्थ सब रजिस्ट्रार के खिलाफ लोगों ने शासन व प्रशासन के अधिकारियों से शिकायतें की हैं। मगर वरिष्ठ अधिकारी शिकायतों को अनदेखा करते जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि जिला पंजीयक द्वारा सब रजिस्ट्रार को हिदायत तक नहीं दी जाती है।

दरअसल रीवा में स्थित उपपंजीयक कार्यालय में प्रतिदिन 100 रजिस्ट्रियां होती हैं। इसमें लाखों रुपए लोगों से स्टाम्प ड्यूटी के नाम पर वसूला जाता है इसके अलावा जमीन की कीमत का 2 प्रतिशत भुगतान करना भी अनिवार्य रहता है तथा उप रजिस्ट्रार कार्यालय में बायनामा के नाम पर चल रही अवैध वसूली भी लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। वहीं एजेंट व सर्विस प्रोवाइडर लोगों से रजिस्ट्री करने के नाम पर बेमतलब की अवैध कमाई वसूल लेते हैं।पक्षकारों द्वारा जब अधिक रुपया नहीं दिया जाता है तो रजिस्ट्रियां पेंडिंग कर दी जाती हैं और लोगों को कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते हैं।

आपको बता दें रीवा रजिस्ट्री कार्यालय में तैनात एजेंटों का सिंडिकेट बना हुआ है जिससे वह किसी भी प्रकार की जमीन रजिस्ट्री पर जमीन की कीमत का करीब 2 प्रतिशत मुनाफा कमाना जरूरी समझते हैं और तभी किसी भी भूमि की रजिस्ट्री हो पाना संभव होता है।

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